लाइफ स्टाइल

यहां बंदरों के लिए सजता है हर साल बुफे, जानें इस अनोखे त्योहार के बारे में

Manish Sahu
18 Aug 2023 3:16 PM GMT
यहां बंदरों के लिए सजता है हर साल बुफे, जानें इस अनोखे त्योहार के बारे में
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लाइफस्टाइल: दुनिया में अलग- अलग धर्म और समुदाय के लोगों की अलग- अलग परंपरा होती है। कुछ लोग आज भी अपनी परंपरा को काफी खास तरीके से निभाते हैं। बैंकॉक से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर एक शहर है जिसका नाम है लोपबुरी। इस शहर में हर साल बंदरों के लिए साल त्योहार सेलिब्रेट किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको थाईलैंड के मंकी बुफे फेस्टिवल के बारे में कुछ खास बातें बताने वाले हैं।
कितने साल से चल रहा है यह त्योहार
लोपबुरी शहर के लोग मंकी बुफे फेस्टिवल को करीब 42 सालों से लगातार एक त्योहार की तरह मना रहे हैं। इस त्यौहार को वह 'मंकी बुफे फेस्टिवल' (Lopburi Monkey Buffet Festival) कहते हैं। लोपबुरी (Lopburi) में 1980 से इस त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
बंदरों की बुफे पार्टी
इस त्योहार के मौके पर शहर के लोग हर साल बंदरों के लिए जबरदस्त बुफे पार्टी का आयोजन करते हैं। इस बड़े जलसे की तरह ही मनाया जाता है। बुफे में हर तरह के खाने का इंतजाम होता है, साथ ही यहां सजावट भी होती है। इस बुफे में खाने के लिए आइसक्रीम से लेकर फल तक शामिल होता है।
किसने शुरू की थी 'मंकी बुफे फेस्टिवल'
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस त्योहार की शुरुआत एक व्यापारी ने की थी। उनका मानना है कि लोपबुरी में बंदरों की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां काफी सारे टूरिस्ट आया करते थे। इसकी वजह से उस व्यापारी का बिजनेस बढ़ता गया। इसके बाद, उस व्यापारी ने यह निर्णय लिया कि वह मुनाफे के पैसों से बंदरों के लिए बुफे का आयोजन किया करेगा। तब से इसे एक त्योहार की तरह मनाया जाने लगा।
कोरोना के समय बंदरों की हालात हुई थी खराब
साल 2020 कोरोना महामारी का समय सभी के लिए काफी ज्यादा मुश्किल से भरा था। इस दौरान पर्यटन ना आने के कारण यहां के बंदर को भूखा रहना पड़ा। जिसके बाद यहां के बंदर हिंसक हो गए। इसके बाद कुछ बंदरों को स्टरलाइज किया गया। हालांकि यह भी तरीका कुछ काम नहीं आया। 2021 में हालात इतने खराब हो गए थे कि इन बंदरों ने यहां के रहने वाले लोगों के परेशान कर दिया। सरकार जो भी कर सकती थी इन बंदरों के लिए कर रही थी लेकिन इन बंदरों का पेट नहीं भरता था। यहां के बंदरों को इंसानों से बिलकुल भी डर नहीं लगता है। कोरोना खत्म होने के बाद साल 2022 से फिर से लोगों ने बंदरों के लिए इस त्यौहार का आयोजन करना शुरू कर दिया।
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