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Health Tips: मीट खाने वाले रहे सावधान हो सकता है ये गंभीर बीमारी

Sanjna Verma
12 Aug 2024 10:42 AM GMT
Health Tips: मीट खाने वाले रहे सावधान हो सकता है ये गंभीर बीमारी
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Health Tips स्वास्थ्य सुझाव: मीट का टेस्ट लोगों को इतना लुभाता है कि वो उसे हर दिन खाना चाहते हैं। हालांकि मीट खाने का एक कारण इन दिनों इसमे मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा भी है। प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स जैसे न्यूट्रिशन की पूर्ति के लिए लोग मीट पसंद करते हैं। लेकिन कई सारी स्टडीज में पता चल चुका है कि जरूरत से ज्यादा मीट आपको गंभीर रूप से बीमार बना सकता है। गलत इटिंग हैबिट सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इन्हीं में से एक ज्यादा मात्रा में मीट खाना भी हो सकता है। अगर आप सब्जी और फल की तुलना में खास तरह के मीट का कंजप्शन करते हैं तो इससे कोलन कैंसर होने का खतरा रहता है।
बड़े जानवरों का मांस कैंसर के खतरे को सबसे ज्यादा बढ़ाता है। जिसे आमतौर पर रेड मीट कहते हैं। इन खास तरह के मांस को खाने से डाइजेशन में दिक्कत होती है। पेट दर्द, कब्ज, उल्टी और दस्त की समस्या होने लगती है। लंबे समय तक मीट की वजह से होने वाली Desegregation में दिक्कत ही कैंसर के खतरे को बढ़ा देती है।
क्या कहती है रिसर्च
फ्रेड हच कैंसर सेंटर की रिसर्च में पता चला है कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट को अगर लगातार खाया जाए तो इससे कैंसर का रिस्क सबसे ज्यादा रहता है। रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाना सबसे ज्यादा खतरनाक है। अमेरिका में एक बड़ी संख्या में लोग कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित है। साल 2024 में लगभग डेढ़ लाख लोगों में कोलन कैंसर डायग्नोस हुआ है।
क्या है कोलन कैंसर
कोलन कैंसर कोलन में बनने वाले पॉलिप्स के डेवलप हो जाने की वजह से होता है। जिसका पता टेस्ट के जरिए होता है। आमतौर पर कोलन कैंसर को बनने में 10 साल तक का समय लगता है और ये ज्यादातर 50 वर्ष के ऊपर के लोगों को होता है। लेकिन समय के साथ कम उम्र के लोगों में भी कोलन कैंसर पैदा हो रहा है। लगातार लंबे समय तक कोलन के एरिया में सूजन की वजह से आंतों की दीवारों में रिप्लेसमेंट होती है। जिसकी वजह से कैंसर वाले सेल्स डेवलप होने लगते है।
कोलन कैंसर के लक्षण
कोलन कैंसर की समय से पहचान इलाज को आसान बना सकती है। अगर किसी को बाउल मूवमेंट में रोज बदलाव महसूस होत है। कब्ज, दस्त या फिर ठीक से पेट साफ ना होना, शौच के बाद भी महसूस होना, स्टूल में खून आना, पेट में दर्द हर वक्त महसूस होना, थकान और वेट लॉस होना, एनीमिया होना, कमजोरी लगना, जैसे कारण होते हैं। हालांकि इन सारे कारणों का नतीजा कोलन कैंसर हो ये जरूरी नहीं लेकिन आमतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर में ये लक्षण नजर आते हैं।
रेड मीट के डायबिटीज का भी खतरा
रिसर्च के मुताबिक केवल कोलन कैंसर ही नहीं बल्कि रेड मीट डायबिटीज का खतरा भी बढ़ाती है। प्रोटीन के लिए अक्सर लोग रेड मीट खाते हैं। लेकिन अनप्रोसेस्ड या प्रोसेस्ड कैसा भी रेड मीट खाते हैं तो इससे डायबिटीज का खतरा रहता है। स्टडी के मुताबिक प्रोसेस्ड रेड मीट खाने से 46 प्रतिशत और अनप्रोसेस्ड रेड मीट खाने से 24 प्रतिशत डायबिटीज होने का खतरा रहता है।
बड़े जानवरों का मांस है सेहत के लिए नुकसानदेह
रेड मीट केवल कैंसर ही नहीं बल्कि दूसरी बीमारियों को भी न्योता देता है। अगर आप रोजाना Red Meat खाते हैं तो इन हेल्थ इश्यूज का सामना करना पड़ सकता है।
रेड मीट कॉर्डियोवस्कुलर हेल्थ पर असर डालता है जिसकी वजह से दिल की बीमारियों का खतरा रहता है।
रेड मीट लगातार खाया जाए तो ये कोलेस्ट्रॉल और मोटापे को बढ़ाता है।
रेड मीट डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों को पैदा करता है। अधिकतर इसे खाने से पचाना मुश्किल होता है और ये अनडाइजेस्टेड फूड कैंसर जैसे कारणों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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