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Health Care: फेफड़ों में जहर बनाती है ये आदतें

Sanjna Verma
13 July 2024 9:13 AM GMT
Health Care: फेफड़ों में जहर बनाती है ये आदतें
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Health Care: दुनियाभर में फेफड़े संबंधी बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है। फेफड़ों का कैंसर, अस्थमा और COPD जैसी गंभीर बीमारियां शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित कर रही हैं। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक फेफड़ों की बीमारियों के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। फेफड़ों की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए फेफड़ों की अच्छी देखभाल करना चाहिए और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली आदतों से बचाव करते रहना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक lifestyle की कई खराब आदतें हमारे फेफड़ों के लिए हानिकारक माना जाता है। कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो फेफड़े में जहर भरने जैसी मानी जाती है। देश की बड़ी आबादी इस बीमारी का शिकार है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसी कौन सी आदते हैं, जो फेफड़ों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाती हैं। इन आदतों से सभी लोगों को दूरी बनानी चाहिए।
फेफड़ों की सेहत को लेकर बरतें अधिक सावधानी
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक फेफड़े हमारी जटिल प्रणाली का हिस्सा है। फेफड़े ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालने के लिए दिन में हजारों बार फैलते और सिकुड़ते हैं। लेकिन फेफड़ों की बीमारी का खतरा तब अधिक होता है, जब इस प्रणाली के किसी हिस्से में समस्या हो जाए। दुनियाभर में फेफेड़े संबंधी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। संक्रमण, प्रदूषण और धूम्रपान जैसी चीजें फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसकी चपेट में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे हैं।
धूम्रपान
एक रिपोर्ट के मुताबिक फेफड़ों के कैंसर और सीओपीडी जैसी गंभीर जानलेवा बीमारियां होने का एक मुख्य और बड़ा कारण धूम्रपान भी है। अस्थमा से पीड़ित लोग यदि धूम्रपान का सेवन करते हैं, तो यह आदत अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकती है या मरीज की हालत बदतर हो सकती है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में सीओपीडी से मरने की आशंका 13 गुना अधिक पाई जाती है।
सिगरेट का धुआं फेफड़े के ऊतकों को प्रभावित करते हैं। इससे फेफड़ों की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिगरेट के हर कश में 7,000 से ज़्यादा रसायन मौजूद होते हैं, इन रसायनों में कार्बन मोनोऑक्साइड मौजूद होता है। ऐसे में इन रसायनों के संपर्क के लंबे समय तक रहने से फेफड़े कमजोर होते हैं और गंभीर रोगों का शिकार हो जाते हैं।
प्रदूषकों से रहें सतर्क व सावधान
प्रदूषण वाली जगहों पर भी रहने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। बता दें कि प्रदूषण इनडोर हो या आउटडोर यह फेफड़ों की बीमारी का कारण बन सकता है। कई बार इन प्रदूषकों से बचना काफी मुश्किल होता है। अगर आप खराब वायु गुणवत्ता वाले स्थान पर रहते हैं, तो आपके फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचने का खतरा होता है।
बता दें कि पॉल्यूशन एयरमें कई तरह के रसायनों का मिश्रण होता है, ऐसे में श्वांस के जरिए
प्रदूषित
हवा हमारे फेफड़ों तक पहुंचती है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है।
जोखिम कारक
फेफड़ों की समस्या कई जोखिमों का कारक है, जिन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है और फेफड़े संबंधित समस्या से बचने के लिए उपाय करते रहना चाहिए।
फेफड़ों की समस्याओं का फैमिली हिस्ट्री होना।
ज्यादा वेट या मोटापा होना।
एलर्जी और गंभीर वायरल श्वसन संक्रमण।
उच्च रक्तचाप
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