लाइफ स्टाइल

दादी-नानी के नुस्ख़ों में है लू से बचने के उपाय

Kajal Dubey
12 May 2023 2:21 PM GMT
दादी-नानी के नुस्ख़ों में है लू से बचने के उपाय
x
गर्मी अकेले नहीं आती, बल्कि अपने साथ-साथ हमें परेशान करने के लिए अन्य कई तरह की समस्याएं भी ले आती है. इन समस्याओं में चिलचिलाती धूप, उमस और गर्म हवाएं शामिल हैं, जिनके हद में पड़ते ही हम बीमार महसूस करने लगते हैं. इस मौसम में गर्म हवा यानी लू सबसे अधिक मुसीबत खड़ी करती है. हालांकि इन सबसे बचने के कई उपाय भी हैं, जो सदियों से दादी-नानी हमें बताती आई हैं और हम उन्हीं नुस्ख़ों को इस्तेमाल करते आ रहे हैं.
मौसम विभाग की माने तो इस बार उपर्युक्त समस्याओं से हमें अधिक दो-चार होना पड़ सकता है, क्योंकि पारा 40 के पार जाने की संभावना है. अगर ऐसा होता है, तो हमें पहले से सतर्क रहना होगा. लू कैसे लगती है? इसके लक्षण क्या हैं? इससे बचने के उपाय क्या हैं? और लग जाती है, तो उसका उपचार क्या और कैसे होगा? इन सारे मुद्दों पर हमने आयुर्वेद के जानकार डॉक्टर अशोक यादव से विस्तार से बात की.
लू लगने के कारण
डॉ अशोक यादव ने बताया कि ‘गर्मी में बढ़ता पारा हवाओं को लू में बदल देता है. ऐसे में अगर हम धूप में शरीर पूरा ढंके बिना बाहर निकलते हैं, तो लू लगने का पूरी-पूरी संभावना रहती है. इसके अलावा तेज़ धूप में नंगे पैर चलना, घर से बिना कुछ खाए निकलना, कम पानी पीना, एसी वाली जगह से निकलकर तुरंत धूप में चले जाना, धूप से बाहर आकर तुरंत ठंडा पानी पीना और कम पानी पीने वालों को लू जल्दी अपनी चपेट में लेती है.’
लू लगने के लक्षण
लू लगने के लक्षण में बार-बार मुंह सूखना, तेज़ बुख़ार होना और सांस लेने में तक़लीफ़ महसूस करना, उल्टी और चक्कर आना, लूज़ मोशन, सिर दर्द, शरीर में दर्द महसूस होना, हाथ-पैरों का ढीला पड़ना, बेहोशी जैसा लगना और थकावट महसूस होना शामिल है.
लू की अधिक चपेट में आने वाले लोग
हालांकि तेज़ धूप और गर्म जगह पर काम करनेवाले किसी भी व्यक्ति को लू अपने चपेट में ले सकती है, लेकिन छोटे बच्चों और वृद्धों को इससे ख़तरा होता है. इनमें तापमान नियंत्रण का सिस्टम कमज़ोर होता है और यह लू यानी अधिक गर्म हवाओं को सह नहीं पाते हैं और गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं. इसके अलावा अधिक मोटापा ग्रस्त व्यक्ति, दिल के मरीज़ और किसी भी कारण से शारीरिक रूप से कमज़ोर भी जल्दी लू का शिकार बन जाते हैं.
लू से बचने के डॉक्टरी उपाय
लू लगने से बचने के लिए तेज़ धूप में निकलने से बचें. किसी कारणवश निकलना पड़े तो अपने शरीर को पूरी तरह से ढंक कर ही बाहर निकलें और अपनी आंखों को भी धूप से बचाएं. गर्मी में हल्के रंग और कॉटन, लिनन के कपड़े ही पहनें. ठंडी जगह से निकलकर अचानक धूप में ना जाएं. ख़ासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना जाएं. अपने खानपान में परिवर्तन लाएं. बहुत अधिक नमक, तीखे और खट्टे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. अधिक से अधिक पानी पिएं और पानी से भरपूर फलों का सेवन करें, जिससे शरीर में पानी की कमी पूरी हो सके. बासी खाना खाने से बचें और हल्का भोजन करें.
लू से बचने के दादी-नानी वाले नुस्ख़े
अधिकतर मामलों में हमारे बड़े-बूढ़ों की बात सही होती है और किसी परेशानी में उनके द्वारा सूझाए गए नुस्ख़े ख़ासा कारगर होते हैं. लू से बचने के लिए भी हम अपनी दादी-नानी के नुस्ख़ों को अपना सकते हैं. जैसे-रोज़ाना खाने में कच्चे प्याज़ का इस्तेमाल करें अगर सफ़ेद प्याज़ का इस्तेमाल करें तो और बढ़िया होगा. धूप में निकलने से पहले पॉकेट में छोटा-सा सफ़ेद प्याज रखें, यह गर्मी को सोख कर शरीर को लू लगने से बचाता है. अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना, बेल के शरबत, सत्तू और सत्तू का शरबत, नींबू पानी आदि का सेवन करें.
लू लगने के बाद उपचार
लू लगने के बाद तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है. हालांकि कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जैसे-बुख़ार तेज़ होने पर व्यक्ति को खुली हवा में लेटाना चाहिए, सिर पर बर्फ़ की पट्टी रखनी चाहिए. मिट्टी के घड़े के पानी में नमक, चीनी व नींबू मिलाकर पिलाना चाहिए. बर्फ़ के पानी से बचना चाहिए. सत्तू व पिसे हुए प्याज़ को एक साथ मिलाकर लेप बना लें और उसे लू ग्रस्त व्यक्ति के शरीर पर लगाएं. आम का पना लू लगने में अधिक फ़ायदेमंद होता है. कच्चे आम को उबालने की अपेक्षा उसे आग में भुनें और ठंडा होने पर उसका गूदा निकालकर उसमें जीरा, धनिया, चीनी, नमक, कालीमिर्च और पानी मिलाकर घोल बना लें. लू लगे व्यक्ति को पना का सेवन उसके ठीक होने तक करवाते रहें.
चेतावनी
एक सर्वे के मुताबिक़, तेज़ लू लगने के बाद इसका पूरा इलाज कराने के बावजूद क़रीब 63 प्रतिशत मरीज़ों की मौत हो जाती है. लू लगने पर कई घरेलू उपचार हैं, लेकिन हमें किसी तरह का जोख़िम ना लेते हुए लू लगे व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. किसी तरह के घरेलू उपचार के समय भी किसी अनुभवी व्यक्ति या डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए.
Next Story