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क्या आपने कभी सोचा है कि हमें अक्सर घर में बनी अदरक की चाय का स्वाद चाय बेचने वालों जैसा क्यों नहीं मिलता? मैंने अदरक को भी संतुष्ट किया और इसे अन्य मसालों के साथ चाय में मिलाया। लेकिन ये स्वाद वहां नहीं था. एक दिन जब मैं अपने एक दोस्त के साथ चांदनी चौक पर किसी का इंतजार कर रहा था तो वहां टपरी चाय पी रहा था. स्वाद सचमुच अच्छा था. पूछने पर पता चला कि वह अदरक को काटता है, अच्छी तरह धोता है, छीलता है और अदरक के अलावा इलायची, लौंग और काली मिर्च भी बारीक पीसता है। पानी डालकर कुछ देर तक उबालें, फिर चायपत्ती और चीनी डालें। आज से मैं इसी तरह अदरक की चाय बनाती हूं. अदरक को अंग्रेजी में जिंजर के नाम से जाना जाता है और भारतीय व्यंजनों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से थोड़ा तीखा, मसालेदार और मसालेदार होता है। इसी वजह से सर्दियों में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है.
यूं करें इस्तेमाल
• अदरक-लहसुन पेस्ट मेरे अधिकांश डिश का आधार है। विशेष रूप से मेरे बनाए वेज कबाब खूब पसंद किए जाते हैं। मैं अदरक को छीलकर, काटकर उसमें बराबर मात्रा में या थोड़ा कम लहसुन मिलाती हूं। लहसुन की कलियों को बिना छीले धोकर पोंछ कर। फिर सिलबट्टे पर या मिक्सी में जो उपलब्ध हो उसमें पीस लें। छिलके भी पिस जाते हैं, पर स्वाद लाजवाब आता है।
• इसी अदरक-लहसुन पेस्ट को ग्रेवी वाली सब्जी में भी प्याज के साथ भूनकर मिला सकते हैं।
• अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट बनाकर रखें। खमन ढोकला बनाना हो या खांडवी अथवा कढ़ी। सभी में मिश्रण के अनुपात के अनुसार अदरक-हरी मिर्च का पेस्ट मिला दें, स्वाद बढ़ जाएगा। इसके अलावा गर्मियों में छाछ में भी थोड़ी मात्रा में मिला दें। छाछ का स्वाद बढ़ जाएगा।
• ताजा अदरक को बारीक व लंबा (जूलियंस) काट लें। हल्का सा घी में भून लें। साबुत दाल, छोले आदि के ऊपर घी के साथ डालें। स्वाद बढ़ेगा।
• बड़ा पाव की तीखी चटनी बनाते समय मूंगफली, तिल, साबुत लाल मिर्च आदि भूनते समय लहसुन की कलियों को धोकर, पोंछकर बिना घी या तेल के धीमी आंच पर कड़ाही में भून लें। फिर लाल तीखी चटनी के साथ पीसें। स्वाद लाजवाब आएगा। यदि छिलके सहित लहसुन को खाने की इच्छा नहीं है तो छिलका उतार कर भून लें।
• जो लोग लहसुन का प्रयोग नहीं करते हैं, वे अदरक को ही काटकर या पेस्ट बनाकर प्रयोग में ला सकते हैं।
गजब का तड़का
• सरसों का साग या पालक अथवा बथुए के साग में ऊपर से तड़का लगाते समय साग की मात्रा के अनुपात में बारीक कटी अदरक को घी या रिफाइंड में भूनकर मिर्च के साथ डालें। स्वाद बढ़ जाएगा।
• धुली मूंग या छिलके वाली दाल में तड़का लगाते समय हींग व जीरे के साथ बारीक कटी अदरक के साथ हरी मिर्च भी डालें। दाल का स्वाद बढ़ जाएगा।
• साबुत मूंग, मसूर और उड़द की दाल या चने के तड़के में हींग, जीरा और मिर्च के साथ थोड़ी बारीक कटी अदरक भी डालें और दाल में मिला दें। ऊपर से अदरक के जूलियन्स से सजाकर सर्व करें। स्वाद तो बढ़ेगा ही, देखने में भी अच्छा लगेगा।
ऐसे करें स्टोर
• अदरक हरी मिर्च का पेस्ट बनाना है तो अदरक को छीलें, धोकर पोंछ लें। हरी मिर्च भी धोकर पोंछ लें। दोनों को मिक्सी के जार में थोड़े से रिफाइंड के साथ पीस लें। कांच की शीशी में फ्रिज में रखें, एक सप्ताह तक आराम से चलेगा।
• बारीक कटी अदरक और हरी मिर्च में थोड़ा सा रिफाइंड मिलकर एयर टाइट डिब्बे में डालकर फ्रिज में रखें।
• अदरक और लहसुन को थोड़े से तेल के साथ पीस लें और फिर उसे स्टोर करें।
सेहत का सुरक्षा चक्र
• जुकाम, खांसी, बुखार में अदरक का काढ़ा पिएं।
• कच्ची अदरक का प्रति दिन सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। यह उच्च रक्तचाप को कम करता है और खून को पतला भी करता है। गठिया के मरीजों को इसे अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।
• गैस, एसिडिटी और अपच आदि में इसका सेवन फायदेमंद होता है ।
• रात में भारी खाना खाया हो तो 1 लीटर पानी में थोड़ी अदरक कूट कर डालें। साथ ही चार लौंग भी डालें। पानी को उबालकर छान लें और ठंडा करके पिएं। खाना पच जाएगा।
• बस, ध्यान देने योग्य बात यह है कि अदरक का इस्तेमाल भी उचित मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं को और छोटे बच्चों को अदरक ना दें। वह उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। अदरक एक ऐसा मसाला है, जो खाने का स्वाद बढ़ाता ही है, साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है।