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थायराइड से पाए छुटकारा, फॉलो करें ये टिप्स

Tulsi Rao
4 Sep 2022 8:29 AM GMT
थायराइड से पाए छुटकारा, फॉलो करें ये टिप्स
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो एडम एप्पल के ठीक नीचे गर्दन में स्थित होती है। जब थायराइड अत्यधिक सक्रिय हो जाती है और थायरोक्सिन हार्मोन की अत्यधिक मात्रा में उत्पादन करने लगती है। इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है।

हाइपरथायरायडिज्म के सामान्य कारणों में शामिल हैं, ऑटोइम्यून डिसॉर्डर इसे ग्रेव्स रोग कहा जाता है। साथ ही थायराइड ग्रंथि की सूजन, थायराइड हार्मोन का असामन्य स्राव, आयोडीन का अत्यधिक सेवन या थायराइड में नरम-सी गांठ या नोड्यूल आदि शामिल हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ये बीमारी अधिक होती है। ये बीमारी महिलाओं में लगभग 30 की उम्र में शुरू हो जाती है। परन्तु 60 की उम्र में इसके लक्षण सामान्य रूप से दिखाई देते हैं।
हाइपरथायरोडिज़्म के बहुत से लक्षण दिखाई देते हैं
अनियमित दिल की धड़कन
घबराहट
अत्यधिक पसीना
मासिक धर्म चक्र में बदलाव
गर्दन के आधार पर सूजन
जैसे वज़न का घटना
थकान, मांसपेशियों की कमजोरी
सोने में कठिनाई महसूस होना आदि शामिल हैं।
थायरॉयड के कई लक्षण अन्य बीमारियों के लिए भी बहुत आम है। इसलिए समस्या को जल्द पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है। थायरॉयड का जल्द इलाज दवाओं, सप्लीमेंट्स और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर किया जा सकता है। थायरॉयड का इलाज कुछ प्राकर्तिक तरीको से भी किया जा सकता है। लेकिन कोई भी इलाज करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
थायराइड से बचने का उपाय है बुगलेवीड
बुगलेवीड जड़ी बूटी को लीकोपसविर्जिनिका भी कहा जाता है। यह शुरुआत में थायरॉयड का इलाज कर सकती है। यह जड़ी बूटी खासतौर पर थायराइड से निकलने वाले हॉर्मोन की मात्रा को कम करती है। यह टीएसएच और थायराइड हार्मोन के स्तर को कम करने में मदद करती है।
बुगलेवीड का ऐसे करें इस्तेमाल –
बुगलेवीड का सेवन करने के लिए सबसे पहले इसे पानी मे 2 चम्मच डालकर अच्छे से उबाले और जब ये अच्छे से उबल जाए । इसका चाय की तरह सेवन करें। इसके अलावा आप इस जड़ी बूटी को लेमन बाम और मदरवोर्ट के साथ भी ले सकते हैं। ये इस रूप में ज्यादा उपयोगी साबित हो सकती है।
थायराइड कम करने का उपाय है लेमन बाम
लेमन बाम को मेलिसा ओफिसिनलिस के नाम से भी जानते हैं। यह शरीर में टीएसएच लेवल को कम करके थायराइड को कम करने में मदद करती है। इस जड़ी बूटी में डॉक्टरों के अनुसार फ्लेवोनोइड, फेनोलिक एसिड और अन्य उपयोगी यौगिक शामिल हैं, जो थायराइड को नियंत्रित करते हैं।
ये शरीर में एंटीबॉडी की गतिविधि को रोकता है। जिसके कारण थायरॉयड ग्रंथि उत्तेजित होती है, और ग्रेव रोग को बढ़ाती है जो कि हाइपरथायरॉडीजम का एक सामान्य रूप है। अपनी थायरॉयड गतिविधि को सामान्य रखने के लिए नींबू बाम चाय पीना फायदेमंद होता है।
Tulsi Rao

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