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इन आसान उपायों से पाएं इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से निजात

Gulabi
7 Jan 2021 4:19 PM GMT
इन आसान उपायों से पाएं इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से निजात
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है। इस बीमारी में लंबे समय तक पेट में दर्द, ऐंठन, अपच, बदहजमी और दस्त होती है। प्राथमिक स्तर पर खानपान और दिनचर्या में सुधार कर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामले में डॉक्टर की जरूरत पड़ती है। अगर लापरवाही बरतते हैं, तो यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। इसके लिए महिलाओं को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही आप इन उपायों को अपनाकर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए जानते हैं-


सेन्ना की पत्तियां

सेन्ना में औषधि गुण पाए जाते हैं जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। इसके पत्तों को पीसकर पीने से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में बहुत जल्द आराम मिलता है। हालांकि, इसके सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।


तनाव से बचें

तनाव सभी बीमारियों की जड़ है। तनाव से मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खासकर पेट संबंधी बीमारियों का तनाव से सीधा संबंध है। इसके लिए तनाव से बचने की कोशिश करें।

दही खाएं


पेट संबंधी विकारों को दूर करने के लिए दही दवा समान है। इसमें विटामिन ए, विटामिन-सी, ई, बी-2, बी-12, फोलेट, विटामिन पाइरिडोक्सिन और कैरोटिनॉइड पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से पेट ठंडा रहता है। खासकर कम पानी पीने वाले लोगों को रोजाना दही जरूर खानी चाहिए। हालांकि, खाली पेट कभी भी दही का सेवन न करें।

हींग का सेवन करें

दादी-नानी हेमशा पेट संबंधित बीमारियों में हींग खाने की सलाह देते हैं। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में भी हींग लाभकारी है। इसके लिए हींग को भून लें और पीसकर किसी डिब्बे में रख लें। इसके बाद रोजाना सुबह-शाम एक चम्मच हींग पाउडर को एक एक गिलास गरम पानी के साथ सेवन करें। इससे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में आराम मिलता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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