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लाइफ स्टाइल
पेट की चर्बी से छुटकारा दिलाते हैं ये योगासन, सुबह बिस्तर में ही करें
SANTOSI TANDI
12 Jun 2023 9:08 AM GMT

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पेट की चर्बी से छुटकारा दिलाते
योगासन शरीर और मन को दुरुस्त रखने के साथ कई तरह के फायदे देते हैं। इससे आप बढ़ते वजन और पेट की जिद्दी चर्बी को भी कर कर सकते हैं। योगासनों की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे आप जागने के बाद अपने बिस्तर पर भी कर सकते हैं।
आमतौर पर सुबह का समय बहुत बिजी होता है, जहां व्यक्ति दिन-भर की एक्टिविटी करने के लिए सीधे कूद पड़ता है। हालांकि, सुबह के रुटीन में कुछ योगासनों को शामिल करने से हमारे दिन की शुरुआत शांत दिमाग के साथ-साथ टोंड शरीर के साथ हो सकती है।
आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो पेट की चर्बी को कम करने में मदद करते हैं। इन्हें आप बिस्तर पर बैठे-बैठे आसानी से कर सकते हैं। इनके बारे में हमें अक्षर योग संस्थान के योग और आध्यात्मिक गुरु हिमालयन सिद्ध अक्षर बता रहे हैं।
बालासन
चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
सांस लें और हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
सांस छोड़ें और शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे की ओर झुकाएं।
माथा फर्श पर रखें।
पेल्विक को एड़ियों पर टिका दें।
ऐसा करते हुए आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए।
फायदे
थकान दूर करने में मदद करता है।
यह शरीर को आराम देने वाला आसन है।
रीढ़ की हड्डी, टखनों, हिप्स और कंधों के लिए अच्छा आसन है।
सुखासन
दंडासन में दोनों पैरों को फैलाकर सीधा बैठ जाएं।
बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाहिनी थाई के अंदर दबाएं।
फिर दाएं पैर को मोड़कर बाईं थाई के अंदर दबाएं।
हथेलियों को घुटनों पर रखें।
कुछ देर इस आसन में बैठें।
फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाएं।
फायदे
रीढ़ की हड्डी के लिए बेस्ट योग है।
तनाव और मानसिक थकान कम करता है।
मन को शांत करता है।
मार्जरियासन
इसमें दो तरह के योग शामिल हैं-
उर्ध्व मुखी मार्जरी आसन
इसके लिए घुटनों के बल बैठ जाएं।
हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को हिप्स के नीचे रखें।
सांस लें, ऊपर देखने के लिए रीढ़ को मोड़ें।
अधो मुखी मार्जरी आसन
सांस छोड़ें, रीढ़ की हड्डी को इस तरह मोड़ें कि पीठ का आर्च बन जाए और गर्दन को नीचे आने दें।
नजरें चेस्ट की ओर होनी चाहिए।
फायदे
यह आसन रिलैक्स करने के लिए अच्छा है।
पीठ और गर्दन की मसल्स में स्ट्रेच लाता है
गहरी सांस लेने और छोड़ने की सुविधा प्रदान करता है।
नौकासन
पीठ के बल लेट जाएं।
बैलेंस बनाने के लिए शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।
पैरों की उंगलियों को आंखों के साथ सीध में रखें।
घुटनों और पीठ को सीधा रखें।
बाजुओं को जमीन के समानांतर रखें और आगे की ओर इशारा करें।
पेट की मसल्स को टाइट करें।
पीठ को सीधा करें।
सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें।
फायदे
पीठ के निचले हिस्से, पेट और पैर की मसल्स को मजबूत करता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम के काम में सुधार करता है।
कमर को सुडौल बनाता है और वेट लॉस को बढ़ावा देता है।
आंतों की परेशानी को दूर करता है।
वज्रासन
धीरे से घुटनों को नीचे करें।
एड़ियों को एक दूसरे के पास रखें।
पंजों को एक दूसरे के ऊपर न रखें, इसके बजाय दाएं और बाएं एक दूसरे के बगल में होने चाहिए।
हथेलियों को घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
पीठ को सीधा करें और आगे देखें।
फायदे
यह आसन डाइजेशन में मदद करता है। यह एकमात्र ऐसा आसन है, जिसे आप भोजन करने के तुरंत बाद कर सकते हैं।
वज्रासन से काफ मसल्स की मालिश हो जाती है।
आपको रिलैक्स करता है।
पैरों, टखनों और घुटनों को मजबूती देता है।
पश्चिमोत्तानासन- आगे की ओर झुककर बैठना
दंडासन से शुरुआत करें।
इस बात का ध्यान रखें कि घुटने थोड़े मुड़े और पैर आगे की ओर फैले हुए हैं।
बाजुओं को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ को सीधा रखें।
सांस छोड़ें और पेट की हवा खाली करें।
सांस छोड़ते हुए, हिप्स पर आगे की ओर झुकें और शरीर के ऊपरी हिस्से को निचले शरीर पर रखें।
बाजुओं को नीचे करें और पैर की उंगलियों को पकड़ें।
घुटनों को नाक से छूने की कोशिश करें।
आसन को 10 सेकंड के लिए रोककर रखें।
फायदे
यह तनाव को दूर करने में मदद करता है।
पेट पर जमा चर्बी को कम करता है।
चिंता, क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर करता है।
मन को शांत करता है।
रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है।
कब्ज और डाइजेशन से जुड़े रोगों के लिए अच्छा है।
इन योगासनों को बिस्तर के किनारे करने की बजाय बीच में करें, क्योंकि आप गिर सकते हैं और आपको चोट लग सकती है। शरीर में होने वाले बदलाव पर ध्यान दें। यदि दर्द या परेशानी हो, तो तुरंत योगासन से बाहर आ जाएं।
इससे पहले कि आप अपने बिस्तर पर योग करना शुरू करें, सूक्ष्म व्यायाम से शुरुआत कर सकते हैं। इनमें जोड़ों को धीरे-धीरे गर्म करने के लिए गर्दन, बाहों,
कलाई, टखनों का हल्का घुमाव होता है। आंखें बंद करके और रीढ़ सीधी रखते हुए सांस लेने की आसान आसन करें। यह आपको योगासन करने के लिए तैयार करेगा और चोटों से सुरक्षित रखेगा।
योगासन शक्ति और लचीलापन बढ़ा सकते हैं, तनाव से राहत दे सकते हैं और यहां तक आपको पूरा दिन एनर्जी से भरपूर महसूस कराते हैं। अगर आपको भी योग से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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