लाइफ स्टाइल

नमक और दाल के बजाए इस तरह का भोजन करते थे गांधी जी

SANTOSI TANDI
29 Sep 2023 1:29 PM GMT
नमक और दाल के बजाए इस तरह का भोजन करते थे गांधी जी
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तरह का भोजन करते थे गांधी जी
आजतक आप सभी ने महात्मा गांधी से जुड़े कई तरह के किस्से और कहानी सुनी और पढ़ी होगी। लेकिन जब बात उनके खान पान और उनके पसंदीदा भोजन की आती है, तो बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि उन्हें कैसा खानपान पसंद था। गांधी जी खाने पान के मामले में काफी शांत और सरल थे, वे शाकाहारी भोजन खाना पसंद करते थे। देश की आजादी के लिए उन्होंने कई आंदोलन किए हैं, जिनके लिए उन्हें भूखा भी रहना पड़ा है। सादा और सात्विक भोजन करने वाले गांधी जी अपनी खानपान की आदतों को लेकर काफी सख्त थे। गांधी जी ज्यादा तेल, मसाला, नमक और मांस का सेवन करना नहीं पसंद करते थे। महात्मा गांधी को फल और हरी सब्जी खाने का बहुत शौक था।
शाकाहारी भोजन करते थे
गांधी जी गुजराती शाकाहारी परिवार से थे और उन्होंने कभी भी अपने पूरे जीवन काल में मांस का सेवन नहीं किया, जब वे विदेश में थे तब भी मांस का सेवन नहीं किया करते थे। जब गांधी जी इंग्लैंड पढ़ाई के लिए गए थे तब उन्होंने अपनी को कसम दी थी कि वे कभी भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करेंगे। कई बार विदेश में शाकाहारी भोजन न मिलने पर वे भूखे भी रहते थे।
नमक और दाल का सेवन न के बराबर
गांधी जी कम नमक और दाल के सेवन से परहेज किया करते थे। गांधी जी का मानना था कि ज्यादा नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा उनका मानना था कि कमजोर शरीर ( कमजोर शरीर वाले इन चीजों का करें सेवन) वालों को दाल के सेवन से परहेज करना चाहिए। इस बात की जिक्र उन्होंने अपनी आत्मकथा में भी की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि एक बार उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी की तबियत खराब थी तब उन्होंने उनसे दाल और नमक त्यागने का आग्रह किया था।
सब्जी और फल का सेवन
गांधी जी फल और नमक का सेवन करना काफी पसंद करते थे। सालों तक महात्मा गांधी केवल फलों का सेवन करके रह सकते थे। चूंकि वे शाकाहारी थे इसलिए वे ज्यादातर साग सब्जी पर निर्भर रहा करते थे। साथ ही गांधी जी सभी तरह के फलों का स्वाद चखते थे।
ड्राई फ्रूट्स भी खाते थे गांधी जी
गांधी जी को ड्राई फ्रूटखाना भी बेहद पसंद था वे ड्राई फ्रूट्स या सूखे मेवे को साधारण खाने के अलावा चावल या बिरयानी के साथ भी खाना पसंद करते थे।
दूध के सेवन से परहेज
महात्मा गांधी का मानना था कि मनुष्य केवल अपनी मां के दूध का हकदार है, इसलिए उसे केवल अपनी मां के दूध का सेवन करना चाहिए न कि किसी और जानवर के दूध को पीना चाहिए। जिस प्रकार वे मांस से परहेज रखते थे उसी प्रकार वे दूध के सेवन से भी परहेज करते थे।
गांधी जी इन कच्चे चीजों का सेवन करते थे
अंकुरित गेहूँ 80 ग्राम
पिसा हुआ बादाम 40 ग्राम
साबुत बादाम 10 ग्राम
हरी सब्जियां, जैसे खीरा (कद्दूकस किया हुआ) 160 ग्राम
किशमिश या ताजे फल 200 ग्राम
नींबू 20 ग्राम
शहद 40 ग्राम
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