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Gandhi Jayanti 2021: महात्मा गांधी की जयंती आज, जानें बापू के पसंदीदा भजनों के बारे में सबकुछ

Neha Dani
2 Oct 2021 1:50 AM GMT
Gandhi Jayanti 2021: महात्मा गांधी की जयंती आज, जानें बापू के पसंदीदा भजनों के बारे में सबकुछ
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आज देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 151वीं जयंती मना रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 151वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर देश-दुनिया में गांधी जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर याद किया जा रहा है। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, सन 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी का संबंध पंसारी जाति से था। उनके पिता जी का नाम करमचंद और माता जी का नाम पुतलीबाई था। धर्म में उनकी माता को अगाध आस्था थी। रोजाना वह भगवान की पूजा-उपासना और सुमरन किया करती थी। गांधी जी को अध्यात्म का ज्ञान विरासत में मिला है। अहिंसा के पुजारी गांधी जी अपने आश्रम में नित-प्रतिदिन सुबह और शाम में प्रार्थना और आरती-भजन करते थे। खासकर 'वैष्‍णव जण तो तेणे कहिए जे, पीर पराई जाणे रे' उनका पसंदीदा भजन था। इसकी रचना संत नरसी मेहता ने की थी। आइए, गांधी जी के पसंदीदा भजनों को जानते हैं-

गांधी जी के कोट्स अपने दोस्तों को भेजकर मनाएं गांधी जयंती।
1.
वैष्‍णव जण तो तेणे कहिए जे,
पीर पराई जाणे रे,
पर दुखे उपकार करे तोए,
मन अभिमान न आणे रे।
सकल लोक मा सहुने बंदे,
निंदा ना करे केणी रे,
वाछ काछ, मन निश्‍छल राखे,
जन-जन जननी तेणी रे।
समदृष्‍टी ने तृष्‍णा त्‍यागी,
परस्‍त्री जेणे मात रे,
जिहृवा थकी असत्‍य न बोले,
बैठे हुए महात्मा गांधी का ब्लैक स्टेच्यू
परधन न जला हाथ रे।
मोह-माया व्‍यायी नहीं जेणे,
दृढ़ वैराग्‍य जेणे मनमा रे,
राम-नाम-शुँ ताली लागी,
सकल तीरथ जेणे तनमा रे।
वनलोही ने कपट रहित छे,
काम, क्रोध निवारया रे,
भने नरसिन्‍हो तेणो दर्शन
करताकुल एकोतर तारया रे।
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीर पराई जाणे रे।
2.
रघुपति राघव राजा राम,
रघुपति राघव राजा राम,
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो
पतित पावन सीताराम।
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम,
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम,
ईशवर अल्लाह तेरो नाम,
सबको सन्मति दे भगवान,
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम।
नारद की वीणा से निकला,
रघुपति राघव राजा राम,
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम।
शंकर के डमरू से निकला
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम।
रात को निंदिया दिन को काम,
कभी भजोगे प्रभु का नाम,
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम।
इस भजन के रचनाकार श्री लक्ष्माणाचार्य हैं। गांधी जी के पसंदीदा भजन में रघुपति राघव राजाराम भी शामिल हैं।


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