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फॉलो करें ये इजी स्किन केयर रूटीन

Apurva Srivastav
30 April 2023 5:55 PM GMT
फॉलो करें ये इजी स्किन केयर रूटीन
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यह जरूरी है कि आप एक बेसिक स्किन केयर रूटीन का रोज [1] पालन करें। एक अच्छा स्किन केयर रूटीन वही होता है, जो आसान, तेज़ और इफेक्टिव हो। हम यहां आपकी स्किन के लिए सही स्किन केयर रूटीन ढूंढने में मदद करेंगे। इसके लिए निम्न बातों को ध्यान में ज़रूर रखें।
1. क्लीन्ज – Cleanse
किसी भी स्किन केयर रूटीन का सबसे पहला जरूरी कदम क्लीनजिंग होता है। यह धूल, गंदगी, मेकअप रेसिड्यू और अतिरिक्त तेल को आपकी स्किन से हटाता है। इसके अलावा, यह आपकी त्वचा को स्किन केयर रूटीन के आगे के कदमों के लिए भी तैयार करता है। आइडियल क्लीनजर निम्न तरह के होते हैं -
A. जेन्टल
क्लीनजर में कई फ़ोमिंग इनग्रेडिएन्ट होते हैं, जो आपकी स्किन के नैचुरल पीएच से हस्तक्षेप करते हैं और आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। माइल्ड फ़ोम वाले क्लीनजर आपकी स्किन पर जेन्टल होते हैं क्योंकि इनमें कोई कड़ा केमिकल नहीं होता है।
B. मॉइस्चर रिस्टोरिंग
आपकी स्किन को क्लीन और फ्रेश महसूस करना चाहिए लेकिन ड्राई और टाइट नहीं। इसलिए ऐसा क्लीनजर चुनिये, जो आपकी स्किन से मॉइस्चर को निकाले नहीं।
C. डीप क्लीनजिंग
एक क्लीनजर को गहराई में जाकर सफाई करनी चाहिए ताकि यह आपकी स्किन से गंदगी को बाहर कर सके, लेकिन ओवर क्लीन करने की जरूरत नहीं है। इसका यह मतलब है कि एक क्लीनजर को स्किन के प्राकृतिक तेल को नहीं निकालना चाहिए। ओवर क्लीनजिंग करने से स्किन की प्राकृतिक सुरक्षा परत खराब हो जाती है और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
आपको रोजाना सुबह में एक बार और रात में एक बार अपने क्लीनजर से क्लीनजिंग करनी चाहिए।
D. ड्राई स्किन के लिए क्लीनजर
इसमें ऐसे इनग्रेडिएन्ट होते हैं, जिससे स्किन पर मॉइस्चराइजिंग इफेक्ट पड़ता है। कड़े क्लीनजर के प्रयोग से आपकी स्किन ड्राई हो सकती है। इसलिए ऐसे क्लीनजर का चुनाव कीजिए, जिसमें ग्लिसरिन और एसेंशियल ऑइल जैसे हाइड्रेटिंग इनग्रेडिएन्ट हों।
E .ऑइली स्किन के लिए क्लीनजर
ऑइली स्किन, स्किन में सीबम के अतिरिक्त निर्माण का परिणाम है। ऑइली स्किन के लिए एक आइडियल क्लीनजर वह है, जो सीबम लेवल को कंट्रोल कर सके। नॉन कॉमेडोजेनिक इनग्रेडिएन्ट जैसे एलो वेरा, ग्रीन टी, सिट्रिक एसिड, ग्रेप सीड ऑइल, चारकोल और नीम ऑइल के साथ वाले क्लीनजर का चुनाव कीजिए।
F .सेंसिटिव स्किन के लिए क्लीनजर
फ्रेग्रेन्स फ्री, सल्फेट फ्री फार्मूला वाले माइल्ड क्लीनजर सेंसिटिव स्किन के इस्तेमाल के लिए सही होते हैं। फ़ोमिंग क्लीनजर से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये स्किन से नैचुरल मॉइस्चराइजर को दूर कर सकते हैं। सोय प्रोटीन, ग्लिसरिन, एलो वेरा और खीरा जैसे इनग्रेडिएन्ट सूदिंग, क्लीनजिंग और मॉइस्चर रिस्टोर करने वाले होते हैं।
G. नॉर्मल और कॉम्बिनेशन स्किन के लिए क्लीनजर
नॉर्मल और कॉम्बिनेशन स्किन के लिए किसी भी तरह के क्लीनजर काम करते हैं। आप ऐसा चुनिये, जिसमें पीएच लेवल ज्यादा न हो और यह आपके चेहरे पर से ऑइल को न हटाए।
2. टोन – Tone
टोनर आपकी स्किन को संतुलित करता है, और क्लीनजिंग के बाद आपकी स्किन केयर रूटीन का अगला हिस्सा है। यह आपकी त्वचा में पीएच बैलेंस को रिस्टोर करता है, और आपकी स्किन को अन्य स्किन केयर प्रोडक्टस और मेकअप के लिए तैयार करता है।
टोनर को अमूमन रूई का इस्तेमाल करके लगाया जाता है, लेकिन इस तरह से बहुत सारा लिक्विड गायब हो जाता है। इसलिए, टोनर को साफ हाथों से लगाना ही सही रहता है। टोनर की कुछ बूंदें लें और इसे इवन तरीके से चेहरे पर लगा लें। टोनर में अल्फा और बीटा हाइड्रोक्सी एसिड होता है, जो स्किन को एक्सफ़ोलिएट करने में मदद करता है। यह त्वचा को हाइड्रेशन प्रदान करता है। विटामिन सी और विटामिन ई स्किन एजिंग प्रक्रिया को धीमा करता है। गुलाब जल और ग्रीन टी आपकी त्वचा को सूद करता है।
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3. सीरम - Serum
सीरम वे स्किन केयर प्रोडक्टस होते हैं, जिनमें एक्टिव इनग्रेडिएन्ट के कॉनसेन्ट्रेटेड डोज होते हैं। इनका इस्तेमाल स्किन की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है, फिर चाहे वे डार्क स्पॉटस हों, झुर्रियां हों या फिर टैन या एक्ने [2] ही क्यों न हो! यदि आपको स्किन से जुड़ी कोई समस्या नहीं है, तो भी आप एंटी- ऑक्सीडेंट सीरम का प्रयोग करके अपनी स्किन को रोजाना के होने वाले डैमेज से सुरक्षित रख सकते हैं।
एक स्किन लाइटनिंग सीरम अतिरिक्त मेलानिन के निर्माण को रोक कर स्किन टैन को ठीक करता है। लिकोराइस, नियासिनामाइड और विटामिन सी इस तरह के सीरम में होते हैं, जो टैन को हटाते हैं, स्किन टेक्सचर को रिफाइन करते हैं और चेहरे पर चमक लाते हैं।
एक डार्क स्पॉट सीरम उन दाग- धब्बों को ठीक करता है, जो अल्ट्रा वायलेट एक्सपोजर, हार्मोन, दवाइयां और कुछ प्रोफेशनल ट्रीटमेंट के परिणाम से हुई बेरंग स्किन को ठीक करते हैं। अल्फा अरबूटिन, नियासिनामाइड, कोजिक डिपलमिटेट और प्रॉपनेडिऑल मेलानिन के निर्माण को रोकते हैं और स्किन को लाइट करते हैं।
एक्ने एक ऐसी स्किन कन्डिशन है, जो तब होती है जब हेयर फॉलिकल डेड स्किन सेल्स, धूल और सीबम के साथ बंद हो जाते हैं। एक एक्ने कंट्रोल सीरम में एजेलाइक एसिड जैसे इनग्रेडिएन्ट होते हैं जो सीबम निर्माण को कंट्रोल करते हैं, रोम छिद्रों को खोलते हैं और बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकते हैं।
कोई भी नही चाहता कि उसकी उम्र जल्दी बढ़े और एंटी एजिंग सीरम की मदद से एजिंग को कुछ हद तक रोका जा सकता है। एंटी एजिंग सीरम में रेटिनॉइड्स होते हैं, जो कोलैजन निर्माण को बढ़ाते हैं, रेजुवनेट करते हैं और स्किन सेल्स को रिन्यू करते हैं।
4. मॉइस्चराइज़र - Moisturizer
आपकी स्किन की सबसे बाहरी लेयर बैरियर की तरह काम करती है और बाहरी आक्रामकों से अन्डरलाइंग टिशू की सुरक्षा करता है। यह बैरियार जितनी मात्रा में पानी होल्ड करता है, वह बैरियर की ताकत से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपनी स्किन को हमेशा हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज़ करके रखें।
ड्राई स्किन वालों को क्रीम, ऑइली स्किन वालों को सीरम, और नॉर्मल स्किन वालों को लोशन लगाना चाहिए। यदि आपकी स्किन नॉर्मल से ड्राई के बीच है, तो इसके लिए जेल सही है। यदि नॉर्मल से ऑइली स्किन है, तो सीरम सही रहता है।
5. सनस्क्रीन - Sunscreen
आज के समय में सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है। हमारी स्किन सूरज की किरणों से बहुत ज्यादा डैमेज हो जाती है। अगर आप अपनी स्किन को झुर्रियों, डार्क स्पॉटस और स्किन कैंसर से बचाना चाहते हैं, तो सनस्क्रीन का प्रयोग अपनी स्किन पर जरूर कीजिए। एक्स्पर्ट्स की सलाह है कि कम से कम बिल्ट- इन ब्रॉड स्पेक्ट्रम एसपीएफ 30 युक्त डेली मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करना ही चाहिए। सूरज की किरणों के संपर्क में जाने से आधे घंटे पहले सनस्क्रीन लगाना चाहिए और इसे हर दो घंटे के बाद दोबारा लगाना चाहिए।
6. आई क्रीम - Eye Cream
आपकी स्किन केयर रेजीमेन में आई क्रीम एक वैकल्पिक कदम है। आप चाहें तो इसे लगा सकते हैं । लेकिन अगर आपको ड्राइनेस, पफीनेस, हाइपरपिगमेंटेशन जैसी स्किन संबंधी कोई समस्या है, तो आपको आई क्रीम लगाना चाहिए। क्लीनजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग के साथ आई क्रीम आपकी नाइट केयर रेजीमेन का हिस्सा होना चाहिए।
7. फेस ऑयल - Face Oil
स्किन में नमी को बनाए रखना है तो उसके लिए फेस ऑयल जरूरी है, जो स्किन की सतह पर काम करता है। फेस ऑयल को स्किन के अंदर जाने में समय लगता है, क्योंकि इसका टेक्सचर मोटा और तैलीय होता है। ड्राई स्किन और ऑइली स्किन के लिए अलग- अलग तरह के फेस ऑइल होते हैं।
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