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डायबिटीज़ एक ऐसा रोग है दुनियाभर में तेज़ी से पैर पसार रहा है। खासतौर पर भारत में इसके मरीज़ों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
डायबिटीज़ एक ऐसा रोग है दुनियाभर में तेज़ी से पैर पसार रहा है। खासतौर पर भारत में इसके मरीज़ों की संख्या हर साल बढ़ रही है। डायबिटीज़ को स्लो किलर कहा जाता है, क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे आपके बाकी अंगों को प्रभावित करना शुरू करती है। डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है इसलिए डायबिटीज़ होने पर इसे कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से काम करें। इन 10 तरीकों से आप डायबिटीज़ को मैनेज कर सकते हैं।
1. डायबिटीज़ पर काम करने का संकल्प लें: आपका चिकित्सक आपको मधुमेह देखभाल की मूल बातें समझाने में सक्षम हो सकता है। लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे मैनेज करते हैं। डायबिटीज़ के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा समझें। स्वस्थ खाना और रोज़ाना वर्कआउट करें। अपने ब्लड शुगर स्तर को मॉनीटर करें और डॉक्टर द्वारा दी गईं दवाइयां नियमित रूप से खाएं।
2. धूम्रपान छोड़ें: इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको किस प्रकार का मधुमेह है, धूम्रपान करने वालों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और हृदय और गुर्दे की बीमारी, और पैरों में खराब रक्त प्रवाह, जिससे संक्रमण, अल्सर और संभावित विच्छेदन हो सकता है, रेटिनोपैथी जैसी गंभीर जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है।
3. नियमित स्वास्थ्य जांच और आंखों की जांच कराएं: आपके विशेषज्ञ डॉक्टर आपके पोषण और गतिविधि स्तर के बारे में पूछेंगे और मधुमेह से संबंधित किसी भी जटिलता जैसे कि गुर्दे की क्षति, तंत्रिका क्षति और हृदय रोग, रेटिना क्षति, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा, आदि के लक्षण देखेंगे।
4. रक्तचाप और लिपिड स्तर की निगरानी करें: मधुमेह की तरह, उच्च रक्तचाप आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। मधुमेह के साथ उच्च कोलेस्ट्रॉल- दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य जीवन-धमकी की स्थिति पैदा कर सकता है।
5. पैरों का ख्याल रखें: मधुमेह से पीड़ित लोगों के पैर सबसे कमज़ोर हिस्सा होते हैं। अक्सर, डायबिटिक न्यूरोपैथी की वजह से संवेदना को नुकसान पहुंचता है, जिससे पैरों में चोट लगने पर व्यक्ति को पता नहीं लगता।
6. दांतों का ख़्याल रखें: मधुमेह रोगियों को मसूड़ों के संक्रमण का सबसे अधिक खतरा होता है। अपने दांतों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें, दिन में एक बार उन्हें फ्लॉस करें।
7. वैक्सीन्स का ख्याल रखें: कोई भी टीका न छोड़ें जो आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको लगना चाहिए, विशेष रूप से मधुमेह मेलिटस की स्थिति को देखते हुए। शोध के अनुसार, मधुमेह में हाइपरग्लेसेमिया को प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की शिथिलता का कारण माना जाता है, जो मधुमेह के विषयों में हमलावर रोगजनकों के प्रसार को नियंत्रित करने में विफल रहता है। इसलिए वैक्सीन आपको सुरक्षित रख सकती हैं।
8. शरीब का सेवन कम करें: अगर आप रोज़ शराब पीते हैं, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को ज़रूर दें। शराब की वजह से ब्लड शुगर स्तर कम या ज़्यादा हो सकता है। अगर आप फिर भी ड्रिंक करना चाह रहे हैं, तो लिमिट में करें। खाली पेट न पिएं।
9. क्या दवा खा रहे हैं उसके बारे में जानें: अगर आप रोज़ाना एस्प्रिन खाते हैं, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर करें। ऐसा माना जाता है कि अस्प्रिन की कम डोज़ रोज़ाना लेने पर दिल के दौरे और स्ट्रोक का ख़तरा कम होता है। लेकिन खुद से इसे लेना शुरू न करें, पहले डॉक्टर से इस बारे में पूछें।
10. तनाव मुक्त जिएं और पूरी नींद लें: नींद आपके ब्लड शुगर स्तर को प्रभावित कर सकती है और ब्लड ग्लूकोज़ कंट्रोल आपकी नींद को, जिसकी वजह से नींद आने में दिक्कत आती है। इसलिए अच्छी नींद सोने पर काम करें। एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि तनाव आपकी डायबिटीज़ को कंट्रोल करना और भी मुश्किल कर सकता है। साथ ही तनाव हाई बीपी, बढ़ी हुई दिल की धड़कनें, उच्च ब्लड शुगर का कारण भी बनता है। इसलिए रिलेक्स करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें, वर्कआउट करें और ऐसी एक्टिविटीज़ करें जिन्हें आप पसंद करती हैं।
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