लाइफ स्टाइल

Healthy life जीने के लिए अपनाये खानपान के ये नियम

Sanjna Verma
13 Aug 2024 10:56 AM GMT
Healthy life जीने के लिए अपनाये खानपान के ये नियम
x
हेल्थ टिप्स Health Tips: त्योहारों पर परहेज की बातें कम ही अच्छी लगती हैं। पर जब लगातार त्योहार हों तो खानपान व पोषण का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। खासकर, उनके लिए जो एक साथ सेहत की कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। त्योहारी पोषण से जुड़ी किन बातों को ध्यान रखना उत्सव के आनंद को बढ़ा सकता है, बता रही हैं, डायटीशियन कविता देवगन...
मिठाई कम, फल ज्यादा
फलों की मदद से हम कम समय व मेहनत में स्वादिष्ट व पौष्टिक डेजर्ट बना सकते हैं, जो उन उच्च
Calories
, ट्रांस वसा व कृत्रिम रसायनों से बनी चीजों से बेहतर रहेंगे।
-फ्रूट डिलाइट पनीर, चीनी, दूध व वेनिला एसेंस का मिक्सर में पेस्ट बना लें। कई फलों को छोटा-छोटा काट कर इस पेस्ट में मिलाकर खाएं।
-केले की आइसक्रीम पके केले को बारीक काट कर रातभर जिपलॉक में जमा दें। फिर उस पर चीनी या शहद, 1 बड़ा चम्मच दूध और कोई फ्लेवर (कोको, कॉफी...) मिलाएं। चिकना होने तक मथें व जमा दें। एक घंटे बाद कटे अखरोट के साथ खाएं।
-एप्पल क्रंच 2 सेब छील व कद्दूकस करके बेकिंग डिश में फैलाएं। उस पर भुने राजगिरा, एक चुटकी दालचीनी पाउडर छिड़कें। मध्यम ओवन में 6 मिनट बेक करें।
टॉक्सिन्स से दूरी
विषाक्त प्रभाव रखने वाली चीजों से दूरी बना लें। धूम्रपान, अल्कोहल, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि का सेवन न करें। इससे लिवर, त्वचा, फेफड़े आादि में विषाक्त तत्व जमा नहीं होंगे। विषैले तत्वों को बाहर करने के लिए आहार में खट्टे फल शामिल करें। ग्रीन टी व नीबू पानी पिएं। अधिक चीनी न खाएं।
कार्बोहाइड्रेट कम, प्रोटीन ज्यादा
त्योहारों में खाई जाने वाली चीजों में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है। ऐसे में हर समय के नाश्ते या भोजन में एक प्रोटीन वाली चीज जरूर लें। जैसे, चावल व मछली, मूसली और दही, साबुत अनाज की रोटी और सब्जी, टोस्ट के साथ अंडा, दाल व चावल से बनी खिचड़ी खाएं।
अनाज के दूसरे विकल्प
जौ, ज्वार, बाजरा, रागी आदि अनाज के दूसरे विकल्पों का सेवन करें। जौ एक अच्छा विकल्प है, इसमें घुलनशील फाइबर प्रचुरता में होते हैं। यह पेट में तरल पदार्थ के साथ मिलकर जेल बनाने की क्षमता रखता है। इससे देर तक पेट भरा महसूस होता है और चीजों को पचने के लिए अधिक समय मिलता है। रक्त में शर्करा का स्तर भी नहीं बढ़ता। अंकुरित अनाज व सलाद का सेवन भी कर सकते हैं। वजन कम करने की दृष्टि से भी यह बेहतर है।
शाकाहारी बन जाएं
कुछ दिनों के लिए शाकाहारी बन जाएं। या अधिक तली-भुनी मांसाहारी चीजें न खाएं। इससे पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होगी और पाचन भी ठीक रहेगा। अधिक कैलोरी वाली चीजों के असर को कम करने के लिए पेट को आराम दें। सुपाच्य चीजें खाएं। दिनभर में एक समय दाल-चावल, चपाती, मल्टीग्रेन खिचड़ी, जूस व सूप पिएं।
प्रोसेस्ड चीजें कम खाएं
तली-भुनी आकर्षक दिख रही प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद चीजें कम खाएं। इनमें नमक, चीनी, प्रिजर्वेटिव्स व रसायन अधिक मिलाए जाते हैं। त्योहार में यह मात्रा और बढ़ जाती है। दूध व दूध से बनी चीजों में भी इन दिनों मिलावट बढ़ जाती है। विश्वसनीय स्रोतों से ही मिठाई व खाने की वस्तुएं खरीदें या घर पर बनाएं।
पौष्टिकता का ध्यान रखें
बाजार में मिलने वाली चीजों में जितना ध्यान स्वाद पर होता है, उतना पौष्टिकता पर नहीं होता। विटामिन ए, सी, बी कॉम्प्लेक्स और डी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखते हैं। आंवला, खट्टे फल, सेब, केले, गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां, गाजर, कद्दू का सेवन करें। दूध से एलर्जी है तो सोया दूध और तिल के बीजों का दूध पिएं। विटामिन डी के लिए कुछ समय सुबह की धूप में बिताएं।
क्षारीय खाद्य पदार्थ अधिक
गरिष्ठ भोजन की प्रकृति अम्लीय होती है, जो पेट के संतुलन को बिगाड़ते हैं। पीएच को वापस पटरी पर लाने के लिए क्षारीय खाद्य पदार्थ खाएं। प्रतिदिन सुबह गर्म पानी में नींबू व थोड़ा शहद मिलाकर पिएं। हरी सब्जियां, चुकंदर, फूलगोभी, खीरा, मटर, सेब, केला, संतरा आदि खाएं। ये पेट को क्षारीय बनाते हैं।
चार मसालों का साथ
हल्दी गरिष्ठ भोजन, धूम्रपान व अल्कोहल का अधिक सेवन इन्फ्लेमेशन बढ़ाता है। हल्दी एक बेहतरीन
antiinflammatory
है। इसे तड़के में मिलाएं। हर रात काली मिर्च के साथ गर्म हल्दी दूध पिएं।
मेथी
मेथी के बीज रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं।
काली मिर्च
वैनेडियम का एक समृद्ध स्रोत है। यह खनिज शरीर में एंजाइमों की क्रिया ठीक करने और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है।
दालचीनी
इसमें हाइड्रोक्सीचलकोन तत्व होता है, जो ग्लूकोज काबू रखता है। चाय, दूध या सलाद पर छिड़क कर खा सकते हैं।
पानी खूब पिएं
पानी से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। शरीर का तापमान ठीक रहता है। खून से अतिरिक्त वसा हटती है।
Next Story