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स्प्रिंग सीजन में इन आयुर्वेदिक टिप्स को करें फॉलो

Teja
13 March 2022 1:21 PM GMT
स्प्रिंग सीजन में इन आयुर्वेदिक टिप्स को करें फॉलो
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वसंत ऋतु ( Spring season health care routine ) की शुरुआत आमतौर पर मार्च के महीने में होती है और कहते हैं कि ये जून तक जारी रहती है. इस मौसम की प्रवृति एक बदलते हुए मौसम के रूप में होती है, जिसमें हमें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ( Health problems in spring season ) अपनी चपेट में ले लेती हैं. सर्दी के जाने और गर्मी के आगमन से पहले ये मौसम आता है और इसमें सबसे ज्यादा कफ ( Cough problem ) की समस्या होती है. लोग कफ की समस्या के होने के पीछे कारण बदलते हुए मौसम को बताते हैं. कहते हैं कि अगर पहले से अक्सर कफ होने की समस्या शरीर में बनी हुई है, तो वह इस सीजन में और ज्यादा बढ़ सकती है. इतना ही नहीं इस मौसम में एलर्जी के लक्षण भी नजर आने लगते हैं.

ऐसे में मार्च से जून तक हेल्दी रहने के लिए आयुर्वेद की मदद ली जा सकती है. कुछ आसान आयुर्वेदिक टिप्स हैं, जिन्हें इस दौरान फॉलो करना बेस्ट रहता है. अगर आप इन लक्षणों से बचना चाहते हैं, तो इन आयुर्वेद टिप्स को करें फॉलो…
व्यायाम करें
शरीर को हेल्दी रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी करना जरूरी है और इसके लिए रनिंग या एक्सरसाइज करना बेस्ट रहता है. हालांकि, जो लोग एक्सरसाइज या रनिंग करने में सक्षम नहीं है, वे डॉक्टर की सलाह पर रोजाना व्यायाम करके हेल्दी रह सकते हैं. व्यायाम करने से कफ खत्म होता है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, इसलिए व्यायाम करने को अपने रूटीन का हिस्सा जरूर बनाएं.
अदरक वाली चाय
आयुर्वेद के मुताबिक अदरक से बनी चीजों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है. अगर आप कफ की समस्या को फेस कर रहे हैं, तो अदरक से बनी ड्रिंक का सेवन करें. अदरक की तासीर गर्म होती है और इस कारण ये कफ को खत्म करने में कारगर मानी जाती है. अदरक के और भी कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं, इसलिए रोजाना सुबह अदरक वाली चाय या अदरक वाली ड्रिंक का सेवन जरूर करें.
आहार का ध्यान
आजकल लोगों का बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और गलत खानपान उन्हें हद से ज्यादा बीमार बना रहा है. इस कारण उन्हें डायबिटीज, थायराइड और हाई बीपी जैसी गंभीर बीमारियां होने लगी हैं. साथ ही इम्यूनिटी के कमजोर होने के कारण कफ की समस्या अक्सर बनी हुई रहती है. आयुर्वेद के मुताबिक हैवी, ठंडा, खट्टा और मीठा खाने से परहेज करें. अगर आपको इनकी क्रेविंग रहती है, तो इन्हें सीमित मात्रा में ही खाया करें.


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