- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- घर पर ही फैट घटाएं 16...
x
लाइफस्टाइल: बाबात अगर वज़न घटाने की हो और वह भी खासतौर पर बैली फैट, यानी कमर के आस-पास की चर्बी की तो हमारी पूरी बॉडी में जिस हिस्से में सबसे तेज़ी से फैट इक होता है, वह यही हिस्सा है। ये याद रखना ज़रूरी है कि बॉडी पर किसी भी तरह का फैट न तो एक दिन में बढ़ता है, न ही एक दिन में घटता है। जिस तरह से हमारी आज की लाइफ स्टाइल में रोज़मर्रा की छोटी-छोटी गलतियों से ये समस्या पैदा हो जाती है, ठीक उसी तरह कुछ छोटे-छोटे उपायों से इससे छुटकारा भी मिल सकता है।
वह भी बिना जिम गए या फिर कोई स्पेशल डाइट प्लान अपनाए। आपको करना बस ये है कि कुछ अर्से के लिए अपने घरेलू कामों में किसी दूसरे पर, यानी मेड या सर्वंेट वगैरह पर अपनी निर्भरता कम करके कुछ काम खुद करने होंगे, यानी थोड़ी आरामतलबी छोड़नी होगी। ये बात तो आप जानती ही हैं कि कुछ समय पहले तक हमारे रोज़मर्रा के घरेलू काम ही अपने-आप में किसी वर्कआउट से कम नहीं होते थे। इसके अलावा जंक फूड ने भी हमारी लाइफ में इतनी जगह नहीं बनाई हुई थी कि बॉडी फैट को लेकर वे इतनी बड़ी चिंता का कारण बन जाएं। सो आज हमारे एक्सपर्ट की सलाह खासतौर पर इसी समस्या पर केंद्रित है। विश्वास कीजिए, एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए इन टिप्स को अपनाने से कुछ ही अर्से में मिलने वाले परिणामों से आप खुद हैरत में पड़ जाएंगे।
हमारे कई घरेलू काम ऐसे हैं, जिन्हें करने का तरीका अपने-आप में एक एक्सरसाइज़ है। अब जैसे झाड़ू लगाना, पोंछा लगाना, बर्तन धोना या फिर कपड़े धोकर उन्हें झटककर सुखाना, इन्हें करते हुए ये पता ही नहीं चलता कि हमारी कलाइयों, उंगलियों, कमर और कंधों की कितनी सारी एक्सरसाइज़ एक साथ हो जाती हैं। सो हमारा मशविरा है कि इन कामों पर आप अपनी मेड पर निर्भरता खत्म कर दें या कम कर दें। इससे जिम पर $खर्च होने वाले पैसे तो बचेंगे ही, साथ ही घर भी ज़्यादा साफ-सुथरा रहेगा।
बैली फैट के लिए कारगर घरेलू उपायों में से मिक्सी के उपयोग की बजाय सिलबट्टे का प्रयोग कहीं बेहतर विकल्प है। इस पर मसाला या चटनी वगैरह पीसते हुए हमारे कंधे, कलाइयां और कमर पर ज़्यादा बल पड़ता है, जो चर्बी को इका होने से रोकता है।
अब तो रेडीमेड कपड़ों का इस्तेमाल ही चलन में है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यदि आप खुद सिलाई करते हुए पैरों से चलने वाली सिलाई मशीन का उपयोग करती हैं तो आपके पैर और जांघों, यानी थाइस पर पड़ने वाला दबाव इस हिस्से के फैट को घटाता भी है और इनकी शेप भी मेंटेन रखता है।
जहां तक संभव हो, खाना खुद बनाने की कोशिश करें। इससे एक तो आप फूड को ज़्यादा हाइजीन बना पाएंगी, साथ ही रोटी बेलने से और कलछी घुमाने से आपकी कलाइयों के साथ-साथ कमर की एक्टिविटीज़ एक साथ हो जाती हैं। सावधानी बस ये बरतनी है कि खाना बनाते-बनाते उसमें नमक-मसाले चेक करने के लिए थोड़ा-थोड़ा चखने की आदत हर्गिज़ नहीं डालें। मामूली सी लगने वाली इस आदत के चलते पता भी नहीं चलता कि बॉडी में कितनी एक्सट्रा कैलोरी पहुंच गई है।
कोशिश कीजिए कि पूरे महीने की ग्रॉसरी या रोज़मर्रा के लिए फल-सब्ज़ी एक साथ खरीद लेने की बजाय आप कम मात्रा में लें, ताकि आपको बार-बार बाज़ार जाना पड़े। यह तो स्पष्ट ही है कि इसके लिए आपको पैदल ही जाना है। जहां तक हो सके, गाड़ी को पाॄकग में काफी दूर पार्क करें, ताकि कुछ कदम ही सही, मगर आप चलें। लिफ्ट या एक्सीलेटर को न कहना सीखें और इसका प्रभाव अपनी थाइज़ और कमर पर देखें। अगर आपको फोन पर लंबी बात करने की आदत है तो कोशिश कीजिए कि एक जगह बैठे रहकर बात करने की बजाय टहलते हुए बात करें। इसके अलावा अपनी फ्रेंड या पड़ोसन से बैठकर गप्पे मारने की बजाय यह काम भी टहलते हुए करें। यह आपकी शॉर्ट वॉक के लिए अच्छा विकल्प है। अगर आप अपने बच्चों को ज़्यादा समय नहीं दे पाती तो उनके साथ क्वॉलिटी टाइम बिताते हुए बजाय एक जगह पर बैठकर बात करने के उनके साथ आउटडोर गेम्स खेलें, जैसे- क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन वगैरह। कम डाइट या कम नींद भी मोटापा बढ़ने के कारणों में से एक हैं, इसलिए न तो ज़रूरत से कम खाना खाएं, न ही अपनी आठ घंटों की नींद से समझौता करें। घरेलू काम करते हुए लगातार म्यूजि़क सुनना भी अपने-आप में एक शानदार एक्सरसाइज़ उस समय बन जाता है, जब आप म्यूजि़क के साथ थिरकती भी रहती हैं। अगर आपको घर में पर्याप्त जगह होने के बावजूद गार्डनिंग का शौक नहीं है तो डाल लीजिए। पौधों को पानी देते हुए और उनसे जुड़े दूसरे काम करते हुए भी आपको शारीरिक श्रम करना पड़ेगा।
Next Story