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मेथी दाने के पांच कमाल फ़ायदे

Kajal Dubey
4 May 2023 11:53 AM GMT
मेथी दाने के पांच कमाल फ़ायदे
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भारतीय किचन में आसानी से मौजूद चीज़ों में मेथी दानों का नाम भी शामिल है. सब्ज़ियों में तड़का लगाने से लेकर मेथी-पापड़ की सब्ज़ी में इस्तेमाल होनेवाले ये छोटे-छोटे कड़वे दाने, आपकी सेहत के लिए बहुत बड़े वरदान हैं. मोटापा घटाने से लेकर पीरियड्स के दर्द तक को दूर करने में इनका अहम रोल होता है. आइए इनके पांच कमाल के फ़ायदों के बारे में जान लेते हैं.
मोटापे में मेथी
मोटापा घटाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को इन दानों से तुरंत दोस्ती कर लेनी चाहिए. नैचुरल सॉल्यूबल फ़ाइबर्स से भरपूर मेथी दाने पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करवाते हैं. इसके चलते आप अनाप-शनाप चीज़ें खाने से बच जाते हैं. इसके अलावा मेथी फ़ैट बर्न करने और मोटापा घटाने में भी बेहद कारगर है. एक टीस्पून मेथी दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखें. सुबह ख़ाली पेट इन दानों को चबाएं. बेहतर रिज़ल्ट के लिए उस पानी को भी पी लें, जिनमें इन दानों को भिगोकर रखा गया हो.
पीरियड पेन में मेथी
भिगोकर रखे गए मेथी दाने चबाने से पीएमएस रिलेटेड इश्यूज़ में काफ़ी मदद मिलती है. मसलन पेट की क्रैम्स और चिड़चिड़े मूड में मेथी दाने काफ़ी राहत पहुंचाते हैं. इन दानों में डायसोजेजिन और आइसोफ़्लैवोन्स जैसे कंपाउंड्स होते हैं, उनसे उसी तरह के फ़ायदे पहुंचते हैं, जो एस्ट्रोजेन हार्मोन से मिलते हैं. पीरियड्स के दौरान मेथी का सेवन करके देखिए, आपके वो पांच दिन आसानी से बीत जाएंगे.
आयरन की कमी में मेथी
चूंकि यह जाना-माना फ़ैक्ट है कि महिलाओं में आयरन की कमी पुरुषों की तुलना में अधिक होती है, ख़ासकर प्यूबर्टी की उम्र में, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फ़ीडिंग के दौरान. जीवन के इन महत्वपूर्ण पड़ावों पर खानपान में मेथी शामिल करने से शरीर को ज़रूरी आयरन की कमी परेशान नहीं करती. उन्हें भरपूर आयरन की खुराक मिल जाती है. आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए मेथी को टमाटर और आलू के साथ मिलाकर पकाएं और खाएं.
डायबिटीज़ में मेथी
मेथी दाने रक्त में शुगर के स्तर को बेहद प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने के लिए जाने जाते हैं. मेथी दानों में गैलैक्टोमनान नामक नैचुरल सोल्यूबल फ़ाइबर होता है, जो रक्त में शुगर के अवशोषण को धीमा करके ब्लड शुगर को नियंत्रण में लाता है. इन दानों में ज़रूरी अमीनो एसिड, 4-हाइड्रॉक्सी आइसोल्यूसीन जैसे तत्व होते हैं, जो इंसुलिन प्रोडक्शन में मददगार होते हैं.
हाई कोलेस्टेरॉल में मेथी
कई अध्ययनों में यह बात सच साबित हुई है कि रातभर भिगोकर रखे गए मेथी दानों को सुबह ख़ाली पेट चबाने से बैड कोलेस्टेरॉल (एलडीएल) और ट्रायग्लिसराइड्स का स्तर कम होता है. इसके चलते हृदय संबंधी बीमारियों के होने की संभावना काफ़ी हद तक कम हो जाती है. इतना ही नहीं मेथी दानों में मौजूद गैलैक्टोमनान से एथ्रोस्क्लेरोसिस और दूसरी हृदय संबंधी बीमारियों के ख़तरे को भी कम किया जा सकता है.
मध्य एशिया मूल का लहसुन पिछले 7,000 वर्षों से मनुष्य के खानपान का हिस्सा है. भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए तो इसका इस्तेमाल होता ही है. घरेलू नुस्ख़ों में भी इसका काफ़ी इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन के फ़ायदों के बारे में हमने काफ़ी कुछ सुना है, पर इससे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में ज़्यादातर लोग नहीं जानते.
यूरोपियन देशों में लहसुन को सफ़ेद जादू का सरताज माना जाता है. मध्य यूरोपियन देशों में ऐसी मान्यता है कि लहसुन पास रखने से बुरी आत्माएं और वैम्पायर्स हमारे पास नहीं फटकते.
इस्लाम में कहा गया है कि मस्जिद जाते समय आपको लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तीक्ष्ण महक ध्यान भटकाती है. हिंदुओं को एक बड़ा तबका इसी कारण से लहसुन का सेवन नहीं करता. हिंदुओं में मान्यता है कि लहसुन हमारे तामसिक गुणों को जागृत कर देता है, जिससे हमारी पवित्रता नष्ट हो जाती है. जैन धर्म के अनुयायी और बौद्ध धर्म की कुछ शाखाओं में लहसुन खाने की मनाही है.
लहसुन को देखकर कई लोगों को डर लगता है, जिसे मेडिकल साइंस में एलिमफ़ोबिया कहा गया है.
कपूर के साथ लहसुन को जलाने से मच्छर, मक्खी और कीट-पतंगे भागते हैं. कुचली हुई लहसुन की कलियों को पानी में मिलाकर आप ऑर्गैनिक इंसेक्टिसाइड बना सकते हैं.
लहसुन में 17 अमीनो एसिड होते हैं. ये अमीनो एसिड शरीर के सुचारू ढंग से काम करते रहने के लिए बहुत ज़रूरी हैं.
अगर आपको कभी आश्चर्य होता हो कि चीनी खानपान में लहसुन की इतनी अधिक मात्रा क्यों होती है, तो इसका जवाब यह है कि दुनिया के 66% लहसुन का उत्पादन चीन में होता है.
पहले विश्वयुद्ध के दौरान जब सल्फ़र का स्टॉक ख़त्म हो गया था, तब गैंगरिन के इलाज के लिए बतौर ऐंटी-सेप्टिक लहसुन का इस्तेमाल किया गया था.
कोलेस्टेरॉल स्तर को नीचे लाने के चलते लहसुन न केवल हृदय की सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि यह सर्दी-खांसी से भी शरीर की रक्षा करता है और पेट की सेहत के लिए भी काफ़ी लाभदायक है.
हाथों से लहसुन की दुर्गंध को निकालने के लिए उन्हें ठंडे पानी के नीचे स्टेनलेस स्टील की बनी चीज़ों पर रगड़ें.
आपको पता है वर्ल्ड गार्लिक डे भी होता है, जो हर वर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है.
लहसुन का इस्तेमाल स्वीट डिश में भी किया जाता है. लहसुन की खीर एक बेहद स्वादिष्ट पकवान है.
नीचे स्क्रोल करके देखें सेहत से भरी लहसुन की खीर की रेसिपी.
सामग्री
150 ग्राम लहसुन (साफ़ करके छोटे टुकड़ों में कटे हुए)
125 मिली वाइट विनेगर
1 लीटर दूध
80 ग्राम शक्कर
4-5 केसर के लच्छे
4-5 इलायची
विधि
छोटे टुकड़ों में कटे लहसुन को वाइट विनेगर में 20 से 25 मिनट तक के लिए भिगोकर रखें.
जब 25 मिनट बीत जाएं, तब लहसुन को निकालकर गर्म पानी से धो लें. और इसे तीन बार उबाल लें. हर बार उबाल आने के बाद पानी बदल लें. ऐसा करने से लहसुन और विनेगर की तीखी ख़ुशबू चली जाएगी.
एक बर्तन में दूध गर्म करें. उसमें केसर के लच्छे और शक्कर डालें. दूध के आधा रह जाने तक गर्म करें.
अब इसमें पीसी हुई इलायची और उबाले लहसुन डालें.
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