लाइफ स्टाइल

नखरे करने वाले बच्चो को खाना खिलाना हुआ अब और भी आसान

Om Prakash
20 April 2024 3:16 PM GMT
नखरे करने वाले बच्चो को खाना खिलाना हुआ अब और भी आसान
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हर मां का सपना होता है कि उसका बच्चा खुशी-खुशी खाना खाए। लेकिन अक्सर बच्चे खाना खाने में नखरे करते हैं और खाने में नखरे करने वाले बच्चों को खाना खिलाना बहुत ही चुनौती भरा काम है। बच्चे अक्सर एक ही तरह के खाने के लिए जिद करते हैं और कुछ और खाने के लिए मना करते हैं या पर्याप्त खाना नहीं खाते हैं, ऐसे में आपको अपने बच्चे के लिए खाना बनाने में बहुत मुश्किल होगी। ऐसे बच्चों को कुछ भी सेहतमंद खाना खिलाना असंभव लगता है पर यह असंभव है नहीं। अगर आप नीचे दिए गए सुझावों को अपनायेंगे तो आप अपने बच्चों को खाने के लिए नखरे करने से रोक सकते हैं।
खाने में नखरे करना समस्या नहीं यह एक बुरी आदत है। हर बच्चा अलग अलग तरह से नखरे दिखा सकता है। बहुत से मामलों में पूरा ध्यान ना मिलने की वजह से ऐसा होता है। जो बच्चे अपने माता पिता द्वारा उपेक्षित महसूस करते हैं वो खाने के समय नखरे कर सकते हैं, कुछ बच्चे अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए नखरे करते हैं। ऐसी आदत को ठीक करने का एक तरीका होगा अपने बच्चे के साथ दिन में खेलें ताकि वह खाने के समय आपका ध्यान अपनी तरफ ना आकर्षित करे।
सिर्फ उपेक्षित महसूस करना ही नखरे का कारण नहीं है। शोध से पता चलता है कि खाने में नखरे करने का ऐसा कोई तय कारण नहीं है। कुछ बच्चे खाने को सिर्फ इसीलिए मना करेंगे क्योंकि उन्हें उसका स्वाद पसंद नहीं आया। जिस खाने का स्वाद पसंद नहीं है उसके स्वाद को वे बड़े होकर ही अपना पाएंगे। कुछ बच्चों को स्वास्थ्य समस्या की वजह से भी खाने में मुश्किल हो सकती है। अपने बच्चे की खाने में नखरे की आदत का कारण समझना ही उसे बदलने की ओर पहला कदम होगा।
जबरदस्ती खाना न खिलाएं
जब बच्चे सही से खाना नहीं खाते हैं तो अधिकतर माँ चिंतित हो जाती हैं और उन्हें जबरन खाना खिलाती हैं ताकि उन्हें सही पोषण मिल सके। हालाँकि, ऐसा करने से परेशानी ठीक होने की जगह और बिगड़ सकती है। कभी भी बच्चे को ज़बरदस्ती खाना ना खिलाएं। अगर आपका बच्चा चम्मच को दूर धकेलता है तो खाना खिलाना रोक दें, और उसके साथ खेलें। आप कुछ समय बाद फिर से उसे खिलाने की कोशिश कर सकती हैं।
नए-नए स्वाद शामिल करें
जब आपका बच्चा सॉलिड खाना शुरू करता है उस समय उसकी तालू विकसित हो रही होती है। ऐसा हो सकता है कि आपका बच्चा खाना खाने में नखरे करे। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप नए स्वाद के साथ प्रयोग करने से घबराएं। ऐसे कई तरीके हैं जिन्हें आप नए नए स्वाद के साथ प्रयोग कर सकते हैं और खाने में नखरे करने वाले बच्चों के लिए पौष्टिक खाना बना सकते हैं। आप ढेर सारे फलों और सब्ज़ियों को उबाल कर और पीसकर नए स्वाद बना सकते हैं। लेकिन, जब तक आपको यह पता ना हो कि आपके बच्चे को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी नहीं है तब तक उन्हें एक साथ मिलाकर न खिलाएं।
स्वास्थ्य की जांच करें
स्वास्थ्य संबंधी कुछ सामान्य कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे खाना खाने से मना करते हैं। 12 महीने से कम उम्र के बच्चे अक्सर दाँत निकलने की वजह से खाना नहीं खाते हैं। जब बच्चों के मसूड़ों से दाँत निकलते हैं तो उन्हें ठोस आहार खाते समय दाँत में दर्द महसूस होता है और उन्हें खाना खाने में तकलीफ़ होती है। अगर आपका बच्चा खाना खाने में नखरे करता है तो आपको तुरंत उसके मुँह और गले में संक्रमण की जाँच करवानी चाहिए। इस तरह का संक्रमण आपके बच्चे को चिड़चिड़ा बना सकता है जिसकी वजह से वह खाना खाने में नखरे करेगा।
जल्दबाजी न करें
बच्चों को नए स्वाद अपनाने में समय लगता है। कोई भी नए खाने की शुरुआत करने से पहले बच्चे को उसे समझने का समय दें। यह स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक बार में एक ही नई चीज खिलाने से आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपके बच्चे के शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण तो नहीं है।
अपने खान-पान पर ध्यान दें
शुरुआत के कुछ महीनों में, ठोस खाना ब्रेस्टफीडिंग के साथ ही दें। इसी वजह से बच्चे के पहले साल में सॉलिड खाने को कंप्लीमेंटरी फूड कहा जाता है। अगर आपका बच्चा खाने में आना कानी कर रहा है तो आपको अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए।
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चिंता ना करें
आपको इस बात का एहसास नहीं होता है मगर जब आपको तनाव होता है, तो वह तनाव आपके बच्चे में भी आ जाता है। ज़्यादातर मामलों में इस कारण से खाने में आना कानी करने वाले बच्चे इस स्थिति से बाहर आ जाते हैं और अलग अलग तरह के खाद्य पदार्थ खाना शुरू कर देते हैं। इसीलिए आपको ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। अगर आप खाने के समय पर शांत रहेंगी तो आपका बच्चा भी शांत रहेगा और खाने को ख़ुशी ख़ुशी खाएगा।
अपने बच्चे को अपना खाना चुनने दें
बड़ों की तरह बच्चों को भी ज़बरदस्ती कुछ भी खाना पसंद नहीं है। जब आपके बच्चे को भूख लगी हो तो उन्हें 2 – 3 तरह के खाने में से चुनने का मौका दें। जो बच्चा अपना खाना खुद चुनता है वो ज़बरदस्ती खाना खिलाए जाने वाले बच्चे से कम नखरे करेगा।
अपने बच्चे के साथ खाएं
अपने बच्चे को खाना खिलाना आपको शायद एक काम की तरह लगे और आप यह कहना चाहेंगी कि आप बच्चे को खिलाकर खाना खाएंगी। लेकिन अपने बच्चे के साथ खाना खाने से आप उन्हें अलग अलग तरह की चीज़ें खाने की आदत डलवा सकती हैं। इससे उन्हें अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करने की ज़रूरत भी नहीं लगेगी।
एक रूटीन बना लें
अपने बच्चे को कभी भी खाना परोसकर छोड़ देना खाना खिलाने का सही तरीका नहीं है। ज़्यादातर मामलों में आपका बच्चा खाने को अनदेखा कर किसी खेल में व्यस्त हो जाएगा। खाने में नखरे करने वाले बच्चे की आदत सुधारने के लिए उनके खाने का एक निश्चित समय बनाइए। जैसे आपके बच्चे को इस रूटीन की आदत हो जाएगी वह ठोस भोजन और भी आसानी से खायेगा।
खाने की मात्रा तय करें
आपके बच्चे का पेट उसकी मुट्ठी से भी छोटा है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि खाने की मात्रा आपके और शिशु के लिए अलग अलग होगी। खाने में नखरे करने वाले बच्चे अक्सर इसीलिए खाने से मना करते हैं क्यूंकि उनका पेट इतना खाना एक साथ हज़म नहीं कर पाएगा। इसलिए अपने बच्चे को एक बार में थोड़ा खाना खिलाएं और ध्यान रखें कि आपके बच्चे का सारा भोजन पौष्टिक होना चाहिए।
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