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नवरात्रि के व्रत में ऐंटिइंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर सिंघाड़े आटे का सेवन व्रत में आपको रखेगा स्वस्थ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सिंघाड़े का आटा नवरात्रि व्रत में खाने के लिए एक पौष्टिक और ग्लूटन फ्री (Navratri Fasting Food)है। यदि आपने लॉकडाउन के कारण अपने बढ़ते वजन और फिटनेस को बनाए रखने के लिए नवरात्रि के व्रत किए हैं तो आपको कुट्टू का आटा और साबूदाना खाने की जगह सिंघाड़े के आटे और सिंघाड़ा गिरी (Water Nut Seeds) को अपने भोजन में वरीयता देनी चाहिए।
सिंघाड़ा एक पूरी तरह ग्लूटन फ्री डायट है। जो बढ़ते वजन को नियंत्रित करने और शरीर को अंदर से पोषण देने का काम करता है। सिंघाड़ा पानी में उत्पन्न होनेवाला फूड है, इस कारण यह शरीर को हाइड्रेट रखने का कार्य करता है।
-व्रत के दौरान अन्न नहीं खाया जाता है, इस कारण प्यास कम लगती है और ज्यादातर लोग पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं लेते हैं। इससे शरीर में सूखा या डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। जो लोग सिंघाड़े का आटा, सिंघाड़ा गिरी या कच्चा सिंघाड़ा व्रत में उपयोग करते हैं, उन्हें शरीर में पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
इन लोगों को जरूर खाना चाहिए
-नवरात्रि का व्रत करनेवाले ऐसे लोग जो थायरॉइड, कब्ज, अनिद्रा, पीलिया या डिहाइड्रेशन की समस्या से परेशान हैं। लेकिन नवरात्र के व्रत छोड़ना नहीं चाहते हैं, उन्हें अपने फलाहार में सिंघाड़ा और सिंघाडे के आटे से बने भोज्य पदार्थों को अवश्य शामिल करना चाहिए।
-सिंघाड़े में पानी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस कारण यह आपके पाचनतंत्र को साफ करने में आपकी सहायता करेगा और कब्ज से मुक्ति मिलेगी।
-रॉक सॉल्ट और पिंक सॉल्ट की तरह ही सिंघाड़ा सोयडियम का नैचरल सोर्स है। इस कारण नियमित रूप से सिंघाड़े का सेवन करननेवाले लोगों को गले से संबंधित रोग नहीं होते हैं। खासतौर पर सोडियम की कमी से होनेवाला थायरॉइड रोग इनसे हमेशा दूर रहता है।
व्रत में स्लिम रखेगा सिंघाड़ा
-यदि आप अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए नवरात्र के व्रत कर रहे हैं तो आपको सिंघाड़े का आटा, सिंघाड़ा गिरी और कच्चा सिंघाड़ा खाना चाहिए।
-सिंघाड़े में कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर बहुत अधिक होता है। ये सभी आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाने का कार्य करते हैं। इससे आप व्रत के दौरान निराहार रहने के कारण कमजोरी का अनुभव नहीं करते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
-हर भोजन को खाने के कुछ नियम होते हैं। ताकि उसका पूरा लाभ आपके शरीर को मिल पाए। यह बात सिंघाड़ा खाने पर भी लागू होती है। सिंघाड़ा खाने के तुरंत बाद कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए। अन्यथा आपको खांसी हो सकती है। आप कम से कम 20 मिनट बाद पानी का सेवन कर सकते हैं।
-सिंघाड़ा खाते समय ओवर इटिंग से ूचना चाहिए। अन्यथा आपको पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर पेट दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में कफ की मात्रा बढ़ सकती है।