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प्रेगनेंसी के दौरान बड़ी बाधा है फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज, जाने इसके कारण, लक्षण और इलाज

Khushboo Dhruw
23 Dec 2021 7:00 PM GMT
प्रेगनेंसी के दौरान बड़ी बाधा है फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज, जाने इसके कारण, लक्षण और इलाज
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हर महीने महिला के शरीर में अंडा बनता है, जिसे ओवरी फैलोपियन ट्यूब में भेज देती है. इसी ट्यूब में स्पर्म और अंडे का फर्टिलाइजेशन होता है

फैलोपियन ट्यूब वो जगह है जहां अंडा फर्टिलाइज होता है. ट्यूब के ब्लॉकेज होने पर प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर पाना नामुमकिन हो जाता है. यहां जानिए इसकी कारण, लक्षण और इलाज.

हर महीने महिला के शरीर में अंडा बनता है, जिसे ओवरी फैलोपियन ट्यूब में भेज देती है. इसी ट्यूब में स्पर्म और अंडे का फर्टिलाइजेशन होता है और भ्रूण ​बनता है. इसके बाद ये भ्रूण यूट्रस में चला जाता है, जहां शिशु का विकास होता है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान फैलोपियन ट्यूब की महत्ता क्या होती है, ये आपको समझ में आ गया होगा.
हर महिला के शरीर में दो फैलोपियन ट्यूब होते हैं. अगर किसी महिला का एक फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाए तो फिर भी उसकी नेचुरल प्रेगनेंसी के 50 फीसदी चांस होते हैं, लेकिन अगर दोनों ट्यूब ब्लॉक हो जाएं, तो महिला किसी भी सूरत में प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकती. नेचुरल प्रेगनेंसी के लिए ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है. यहां जानिए फैलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण, लक्षण और इसके इलाज के बारे में.
कारण जानें

फैलोपियन ट्यूब बंद होने का कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से तो नहीं बताया जा सकता. लेकिन आमतौर पर विशेषज्ञ पेल्विक इंफेक्शन या किसी अन्य तरह के इंफेक्शन, टीबी और आनुवांशिकता को ट्यूब बंद होने का कारण मानते हैं.
ये हैं लक्षण
फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर महिलाओं के सामने सामान्य लक्षण आते हैं, जिसके कारण वे इस बारे में समझ नहीं पातीं. इस दौरान पेट के निचले हिस्‍से में दर्द रहना, पीरियड्स के दौरान दर्द होना, सेक्‍स करते वक्‍त दर्द या जलन और वजाइना से डिस्‍चार्ज होना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं.
क्या है इलाज
फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होने पर शुरुआत में इसे दवाओं से इसे ठीक किया जाता है. यदि दवाओं से ब्लॉकेज खत्म न हो तो कैन्यूलाइजेशन तकनीक का सहारा लिया जाता है. इसमें एक पतले तार को सर्विक्स के जरिए ट्यूब में पहुंचाकर ब्लॉकेज को हटाने का प्रयास किया जाता है. अगर ट्यूब में ब्लॉकेज बड़ा है तो ट्यूब के प्रभावित हिस्से को हटाकर बाकी हिस्से को टांकें लगाकर जोड़ दिया जाता है. यदि ट्यूब न खुल पाए तो आईवीएफ ही एकमात्र विकल्प है.


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