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Fact Check: क्या कोविड-19 का एस्पिरिन जैसी दवा से किया जा सकता है इलाज? जानिए सच्चाई और एक्सपर्ट की राय

Tulsi Rao
8 Sep 2021 12:36 PM GMT
Fact Check: क्या कोविड-19 का एस्पिरिन जैसी दवा से किया जा सकता है इलाज? जानिए सच्चाई और एक्सपर्ट की राय
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सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो एक पोस्ट से लोगों को होशियार रहने को कहा है. उसने साफ किया कि वायरल पोस्ट बेबुनियाद और गलत जानकारी पर आधारित है, उसका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।Fact Check: व्हाट्सएप समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहे एक पोस्ट के खिलाफ सरकार ने लोगों को चेताया है. पोस्ट में कोविड-19 को बैक्टीरिया बताया गया है न कि वायरस. साथ ही ये भी कहा जा गया है कि उसका इलाज एस्पिरिन जैसी दवा से किया जा सकता है. पोस्ट के मुताबिक, इसका 'पता' सिंगापुर में कोविड-19 से मरनेवाले एक शख्स की ऑटोप्सी के बाद चला और पाया गया कि ये वास्तव में बैक्टीरिया है और उसका इलाज एस्पिरिन से हो सकता है.

क्या कोविड-19 का एस्पिरिन है इलाज?
पोस्ट में बताया गया है कि सिंगापुर कोविड-19 के शव का परीक्षण करनेवाला दुनिया में पहला देश बन गया है. पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद खुलासा हुआ कि वायरस के तौर पर कोविड-19 का वजूद नहीं, बल्कि ये बैक्टीरिया के तौर पर है जो रेडिएशन के संपर्क में आया है और ब्लड क्लॉटिंग से इंसान की मौत का कारण बनता है. वायरल पोस्ट में ये भी दावा किया गया है कि कोविड-19 की बीमारी के इलाज में एस्पिरिन की भूमिका को साबित करने के लिए रिसर्च किया गया है. सरकार ने ट्विटर पोस्ट में उसे फर्जी और भ्रामक बताया है और साफ किया कि कोविड-19 से ठीक होने के लिए एस्पिरिन नहीं है.
सरकार ने पोस्ट का किया भंडाफोड़
लोगों को झूठे दावे से खबरदार करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय ने ऐसे पोस्ट पर विश्वास नहीं करने को कहा है. सरकार ने स्पष्ट किया कि वायरल हो रहा ये पोस्ट फर्जी है. इससे पहले, सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा था कि पोस्ट में किया जा रहा दावा वैज्ञानिक तौर पर बेबुनियाद है. अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया, "हम वायरल हो रहे पोस्ट से वाकिफ हैं जिसमें कहा जा रहा है कि सिंगापुर ने कोविड-19 मरीज के शव का परीक्षण किया है, और कथित तौर पर इलाज के प्रोटोकॉल में बदलाव किया है. मैसेज को सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय से जोड़ा गया है. ये सच नहीं है." उसने आगे बताया कि सिंगापुर कि इस तरह के शव का परीक्षण नहीं किया है. पोस्ट में गलत सूचना का सहारा लिया गया है जो मौजूदा सबूत से साबित नहीं होता. इससे पहले भी इसी तरह का एक दावा किया गया था, उसमें सिंगापुर के बजाए रूस का जिक्र था, जिसका भंडाफोड़ किया जा चुका है.


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