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लाइफ स्टाइल
इम्यूनिटी के लिए गिलोय का ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक हो सकता हैं, जानें स्टडी में दिखे साइड इफेक्ट
Apurva Srivastav
18 Jan 2022 6:36 PM GMT
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आयुर्वेद में गिलोय के कई तरह के फायदों के बारे में बताया गया है जिसमें से एक बड़ा फायदा यह है कि यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है.
आयुर्वेद में गिलोय के कई तरह के फायदों के बारे में बताया गया है जिसमें से एक बड़ा फायदा यह है कि यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. ऐसे में बहुत से लोग ऐसे हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने और संक्रमण से बचने के लिए काफी अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करते हैं, जो आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है.
भारत समेत दुनियाभर के कई देश इस समय कोरोना की तीसरी लहर (ओमिक्रॉन वैरिएंट) का सामना कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक है लेकिन इससे काफी ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में संक्रमण से बचने और इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए लोग कई तरह के घरेलू उपायों को काफी लंबे समय से अपना रहे हैं जिसमें से एक गिलोय का काढ़ा भी है. कोरोना काल में गिलोय काफी फेमस हो गया है. कोरोना से बचने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कई घरों में गिलोय का काढ़ा बनाया जा रहा है.इस बात में कोई शक नहीं कि गिलोय सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद में भी गिलोय के कई तरह के फायदों के बारे में बताया गया है जिसमें से एक बड़ा फायदा यह है कि यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. ऐसे में बहुत से लोग ऐसे हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने और संक्रमण से बचने के लिए ज्यादा मात्रा में गिलोय का सेवन करते हैं, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. हाल ही में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लीवर डिजीज की आधिकारिक पत्रिका हेपेटोलॉजी कम्यूनिकेशंस में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि बिना डॉक्टर की निगरानी के गिलोय का सेवन आपके लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में और भी बातें-
क्या है गिलोय-
गिलोय को 'अमृता' या 'गुडुची' के नाम से भी जाना जाता है, यह एक जड़ी बूटी है जो पाचन में सुधार और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है. इसमें दिल के आकार के पत्ते होते हैं जो पान के पत्तों के समान लगते हैं. आयुर्वेद में गिलोय के पौधे के सभी भागों का उपयोग किया जाता है. हालांकि, इसकी जड़ को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. गिलोय का सेवन लोग जूस, काढ़ा, चाय के रूप में करते हैं और कुछ लोग इसके तने को कुचलकर रात भर भिगोकर रख देते हैं और अगली सुबह गिलोय का पानी पीते हैं. गिलोय को उगाना आसान है. इसे गमले या सीधे जमीन में दोनों तरह से उगाया जा सकता है.
क्या कहती है स्टडी
यह स्टडी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) सहित 13 मेडिकल सेंटर्स में लिवर रिसर्च क्लब ऑफ इंडिया द्वारा की गई थी. यह अध्ययन 43 मरीजों पर किया गया जिनमें 23 महिलाएं और 20 पुरुष शामिल थे, इन सभी लोगों में पीलिया के लक्षण थे. जांच में पाया गया कि सभी लोग क्रॉनिक लिवर डिजीज या लिवर फेलियर की समस्या से पीड़ित थे और ये सभी लंबे समय से गिलोय का सेवन कर रहे थे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अजय कुमार पटवा ने कहा, "हमने पाया कि 67.4 प्रतिशत (29) रोगियों में लिवर की समस्याओं का मुख्य कारण गिलोय था. इन लोगों को डायबिटीज, थायरॉइड, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई भी समस्या नहीं थी और ना ही ये लोग शराब का सेवन करते थे. प्रोफेसर अजय कुमार पटवा ने यह भी बताया कि इनमें से अधिकांश लोगों ने डॉक्टर के परामर्श के बिना काफी लंबे समय तक गिलोय का सेवन किया, जिससे इनके शरीर में एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी उत्पन्न हुई जिसनें लीवर की कोशिकाओं पर अटैक करना शुरू कर दिया.
निष्कर्ष
गिलोय निश्चित रूप से आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें. अपने मन से गिलोय का सेवन करने से बचें. साथ ही इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए मन मुताबिक चीजों का सेवन ना करें. इसके लिए पहले अपने डॉक्टर से बात करें और उनके द्वारा सुझाई गई चीजों का ही सेवन करें.
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