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हर महिला को करना पड़ता हैं गर्भावस्था में इन 10 समस्याओं का सामना, जानें बचाव के तरीके

SANTOSI TANDI
22 April 2024 6:28 AM GMT
हर महिला को करना पड़ता हैं गर्भावस्था में इन 10 समस्याओं का सामना, जानें बचाव के तरीके
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गर्भावस्था का समय किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता हैं। यह एक चुनौतियों से भरा सफ़र होता हैं जिसमें महिलाओं को अपने साथ अपने अंदर पल रहे बच्चे की सेहत का भी ख्याल रखना होता हैं। हांलाकि इससे मिलने वाली खुशी में महिला अपनी हर परेशानी को हंसकर भुला देती है। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्याओं के बारे में। इनमे से कुछ समस्याएं न सिर्फ महिला के लिए मुश्किलें बढ़ाती हैं, बल्कि उसके होने वाले बच्चे के जीवन को भी संकट में डाल सकती हैं। ऐसे में आज हम आपको इन समस्याओं से बचाव के बारे में भी जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
बहुत ज्यादा उल्टी होना
प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होना आम परेशानी है, इसलिए महिलाएं इसे देखकर बहुत गंभीरता से नहीं लेतीं। लेकिन अगर आपको उल्टी हद से ज्यादा हो रही है, तो आपको विशेषज्ञ को इसके बारे में जरूर बताना चाहिए क्योंकि इससे आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन की वजह से मां और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है।
यूटीआई
शरीर में प्रोजेस्ट्रेरोन की मात्रा ज्यादा बढ़ने की वजह से औरतों को इस समय यूटीआई इंफेक्शन का खतरा बना रहता है, जिसका सीधा असर महिलाओं के किडनी पर पड़ता है। इस प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें और सही डाइट प्लान को गंभीरता से फॉलो करें।
फ्लू
अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक यदि कोई गर्भवती महिला इन्फ्लुएंजा फ्लू का टीका नहीं लगवाती और गर्भावस्था के दौरान फ्लू से ग्रसित हो जाती है, तो वो अपने साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरा बढ़ाती है। गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में फ्लू होने से बच्चे में जन्म दोष हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में ही फ़्लू का टीका लगवाएं और फौरन इसका इलाज करवाएं।
बच्चे की गतिविधियां कम होना
इसका कोई निर्धारित पैमाना तो नहीं कि बच्चे की कितनी गतिविधि होनी चाहिए लेकिन गर्भावस्था के दौरान बच्चे की गतिविधियों का एहसास हर मां को होता है। अगर आपको बच्चे की गतिविधियां कम लगती है तो इसे जांचने का एक आसान तरीका है। कुछ ठंडा खाएं और फिर करवट लेकर थोड़ी देर लेटें। इस दौरान बच्चे की गतिविधियां हो रही हैं या नहीं, इस पर ध्यान दें। दो घंटों में बच्चा कम से कम दस बार किक मारेगा तो सब सामान्य है, वरना डॉक्टर से तुरंत मिलें।
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