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छोटी उम्र के बच्चों को भी आ रहा हार्ट अटैक, कारण एक्सपर्ट से समझें

Tara Tandi
6 July 2023 8:19 AM GMT
छोटी उम्र के बच्चों को भी आ रहा हार्ट अटैक, कारण एक्सपर्ट से समझें
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हार्ट अटैक का खतरा अब छोटे बच्चों में भी देखा जा रहा है। हाल ही में गुजरात में एक दर्दनाक मामला सामने आया, जब स्कूल में लंच के दौरान सीढ़ियों पर एक छात्र को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई. इससे पहले इसी साल अप्रैल में तेलंगाना के एक गांव में 13 साल की लड़की की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. देश में बच्चों में दिल की बीमारियों की बढ़ती संख्या ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। अब तक माता-पिता बच्चों में हार्ट अटैक को लेकर निश्चिंत रहते थे, लेकिन अब ऐसे मामलों ने उन्हें भी परेशान कर दिया है। आइए विशेषज्ञों से जानते हैं कि बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है।
क्या जन्म से ही बच्चों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है। जब मां गर्भवती रहती है तो बच्चे जन्मजात हृदय रोग की चपेट में आ जाते हैं और उन्हें जीवन भर इसके साथ रहना पड़ता है। इस बीमारी में हृदय की दीवारें, वाल्व और वाहिकाएं प्रभावित होती हैं। यही हार्ट अटैक का सबसे बड़ा खतरा बन जाता है।
क्या लापरवाही के कारण बच्चे हो रहे हार्ट अटैक का शिकार?
जन्म के समय स्वस्थ्य बच्चे भी दिल के दौरे का शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे माता-पिता की लापरवाही भी हो सकती है। बच्चों के सामने धूम्रपान करना, खाने-पीने में लापरवाही, अस्वस्थ जीवनशैली, बच्चों को खेलकूद के लिए न भेजना, पढ़ाई का दबाव जैसे कई कारण हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इस कारण कम उम्र से ही बच्चों में ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियाँ देखी जा रही हैं, जो दिल के दौरे का कारण बन सकती हैं।
बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?
त्वचा का या होठों के पास का रंग नीला पड़ना
खाने में परेशानी हो रही है
सांस लेने में कठिनाई
सांस लेने में कठिनाई
अल्प विकास
चक्कर आना, जोड़ों और सीने में दर्द
अगर बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो क्या करें?
अगर बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो माता-पिता को इन्हें नजरअंदाज करने से बचना चाहिए। तुरंत बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और टेस्ट कराना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर ही उनका खान-पान और जीवनशैली व्यवस्थित करें।
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