लाइफ स्टाइल

गूगल को भी नहीं पता इन सवालों के जवाब

Kajal Dubey
14 May 2023 3:01 PM GMT
गूगल को भी नहीं पता इन सवालों के जवाब
x
अब चाहे अच्छा हो या बुरा, गूगल हर इंटरनेट यूज़र के लिए एक ऐसी जगह बन गया है, जहां उन्हें हर तरह की जानकारी मिल जाती है. मस्सों को हटाने से लेकर निवेश करने तक, हम हर बात के लिए इंटरनेट पर भरोसा करने लगे हैं. लेकिन हमें ऐसा करना नहीं चाहिए. क्योंकि यहां ऐसी बहुत-सी अवास्तविक और ग़ैरभरोसेमंद जानकारियां मौजूद हैं, जिनकी वजह से आपको मिल रही सलाह को लेकर आप हमेशा अाश्वस्त नहीं हो सकते. इसलिए हमने आमतौर पर गूगल किए जानेवाले कुछ सवालों को ढूंढ़कर उनके सही जवाब असली सर्टिफ़ाइड एक्स्पर्ट्स से जानने की कोशिश की है.
‘सैलरी का कितना प्रतिशत घर की ईएमआई होना चाहिए?’
बैंक्स आमतौर पर इनकम और ईएमआई का अनुपात 2:1 रखते हैं. उदाहरण के लिए यदि आपकी सैलरी रु50,000 प्रति माह है तो ईएमआई रु25,000 होगी. लेकिन बैंक्स के बीच बढ़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से वे आजकल ज़्यादा लोन देने लगे हैं. “अपने मासिक ख़र्च का विश्लेषण करें और पता करें कि आप कितनी ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं,” कहती हैं होम लोन कंसल्टेंट कृष्णा मलानी, जिनके ज़्यादातर कस्टमर्स की उम्र 28 से 36 वर्ष के बीच है. होम लोन्स आमतौर पर 20 या 30 सालों तक चलते हैं. शादीशुदा जोड़े अपनी इनकम जोड़कर लोन पाने की अपनी क्षमता बढ़ा सकते हैं.
‘क्या लोन मेरी क्रेडिट रेटिंग पर असर डालता है?’
इस तरह की रेटिंग आपने कितने लोन लिए और कितनों का कैसे भुगतान किया, इसके आधार पर आपका मूल्यांकन करती है. कई बार लोन आपकी क्रेडिट रेटिंग को सुधार सकता है. “बैंक्स उनको ज़्यादा लोन देते हैं, जिनका रीपेमेंट ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होता है. यहां तक कि यदि आपकी सैलरी आपकी ईएमआई को सपोर्ट नहीं करती, तब भी आपको ज़्यादा लोन मिल सकता है, यदि आपने पहले लिए हुए लोन्स बहुत जल्दी भर दिए हों,” कहती हैं कृष्णा.
आजकल बैंक्स क्रेडिट डेटा सीआईबीआईएल (क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) से साझा करते हैं. इसलिए आपके लोन को स्वीकृति देने से पहले आपका सीआईबीआईएल स्कोर जांचा जाता है. “लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यदि आपका सीआईबीआईएल स्कोर कम हुआ तो लोन नहीं मिलेगा. बस, उसका ब्याज दर ज़्यादा होगा. जिस व्यक्ति ने कभी लोन ही न लिया हो, उसकी क्रेडिट रेटिंग, जिसने लोन लिया हो और उसका तुरंत भुगतान किया हो, के मुक़ाबले काफ़ी कम हो सकती है,” कहती हैं कृष्णा.
‘मुझे निवेश कैसे शुरू करना चाहिए?’
कोई भी निवेश योजना लक्ष्य आधारित होनी चाहिए-यानी आपकी ज़रूरतों और उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए ख़ासतौर पर आपके लिए तैयार की होनी चाहिए. वैसे अपनी सैलरी का 20% सेव करने को अच्छी शुरुआत माना जाता है.
“यदि आप तीन महीने से कम समय के लिए निवेश करना चाहती हैं तो लिक्विड फ़ंड्स और बैंक डिपॉजिट्स में निवेश करें,” कहते हैं अनिल रेगो, संस्थापक और सीईओ, वेल्थ
मैनेजमेंट कंपनी राइट हराइज़न्स
“एक से दो साल के लिए शार्ट-टर्म फ़ंड्स चुनें. तीन साल के निवेश के लिए आप बॉन्ड फ़ंड्स (ऐसा फ़ंड जो मुख्य रूप से बॉन्ड्स और अन्य डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है) और इक्विटी से जुड़े प्रॉडक्ट्स (इक्विटी से जुड़े स्ट्रक्चर्ड निवेश. इसका नफ़ा ढेरों स्टॉक्स के परफ़ॉर्मेंस से तय किया जाता है) चुन सकते हैं. पांच साल से ज़्यादा वक़्त के लिए निवेश करना चाहते हैं तो प्योर इक्विटी फ़ंड्स चुनें.”
‘मैं स्टॉक्स से कैसे पैसे बना सकती हूं?’
अक्षता शाह, 32 वर्षीया मार्केटिंग प्रोफ़ेशनल स्टॉक मार्केट में प्रवेश करना चाहती हैं, लेकिन वे नहीं जानतीं कि शुरुआत कैसे करनी है. वे कहती हैं,“मैंने फ़ाइनैंशियल अख़बार पढ़ना और बिज़नेस टीवी शोज़ देखने की कोशिश की, लेकिन मुझे हमेशा पैसे डूबने का डर लगा रहता है.”
शॉर्ट-टर्म अप्रोच से स्टॉक्स में पैसे बना पाना मुश्क़िल है. लेकिन यदि आप लंबे समय (सात साल या उससे ज़्यादा) तक के लिए स्टॉक्स ख़रीदकर रखते हैं तो स्टॉक्स अच्छा मुनाफ़ा देते हैं. कंपनी के दो-तीन सालों के परफ़ॉर्मेंस की पड़ताल करें. आप अपने स्टॉक की जानकारी के लिए फ़ंड मैनेजर्स भी नियुक्त कर सकते हैं.
“यहां-वहां थोड़े-बहुत स्टॉक्स लेने से बेहतर है, पोर्टफ़ोलियो अप्रोच का विकल्प चुनना,” कहते हैं अनिल.
‘मुझे किस तरह का लाइफ़ इंश्योरेंस लेना चाहिए?’
आमतौर पर टर्म कवर की राशि आपकी वर्तमान इनकम को ध्यान में रखते हुए आपके लोन और उत्तरदायित्व की सीमा से जुड़ी होनी चाहिए. “सुनिश्चित करें आपने जो कवर चुना है, वह पर्याप्त है और यह बात भी ध्यान में रखें कि आपके परिवार की ज़रूरतें बढ़ेंगी और जीवन स्तर समय के साथ बेहतर होगा,” कहते हैं ख़ालिद अहमद, प्रॉडक्ट्स हेड, पीएनबी मेटलाइफ़ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. “इसके अलावा आपके परिवार को किस तरीक़े से पैसे मिलना ज़्यादा ठीक रहेगा यह भी जांच लें. यानी यदि उन्हें हर महीने पैसे चाहिए या एक मुश्त रकम.”
एक अच्छा इंश्योरेंस आपकी सुरक्षा को बढ़ा सकता है. आदर्श रूप से आपको एक मेडिक्लेम पॉलिसी और गंभीर बीमारी के लिए एक कवर लेना चाहिए. अपने कवरेज को दो से तीन सालों में रिव्यू करें. यदि आप कम उम्र से ही शुरुआत करते हैं और आपका ध्येय पैसे इकट्ठा करना है तो आप मार्केट से जुड़ी योजना (जैसे यूएलआईपी) आज़मा सकते हैं. आपकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाए आप अपना इक्विटी एक्सपोज़र कम कर सकते हैं.
‘रिटायर होते वक़्त मुझे कितने पैसों की ज़रूरत होगी?’
विदिशा सिंह, 30 साल की वक़ील अपने रिटायरमेंट के लिए पैसे इकट्ठा कर रही हैं. “मैंने अभी-अभी सेविंग करना शुरू किया है, लेकिन मैं यह भी नहीं जानती कि रिटायरमेंट के बाद भी इसी तरह की जीवनशैली के लिए मुझे हर महीने कितने पैसे बचाने चाहिए.”
रिटायरमेंट के लिए कितने पैसे ज़रूरी होते हैं, वह आप अंदाज़न कितने वर्ष जिएंगी, रिटायरमेंट की उम्र और मौजूदा मासिक ख़र्चों पर निर्भर करता है. पंकज पराशर, सीनियर इन्वेस्टमेंट एड्वाइज़र, वेल्थट्रस्ट का कहना है,“मान लें कि किसी 35 साल के व्यक्ति को 55 की उम्र में रिटायर होना है, उसका मासिक ख़र्च रु25,000 है और उन्होंने अब तक सेविंग शुरू नहीं की है. मान लें कि वे 80 साल तक जीएंगे, रिटायरमेंट के दौरान इनफ़्लेशन दर 6 प्रतिशत हो और रिटायरमेंट के समय रिटर्न्स 10 प्रतिशत मिले तो व्यक्ति को रिटायरमेंट के समय तक़रीबन रु1.93 करोड़ की ज़रूरत होगी. 20 साल में यह राशि पाने के लिए आपको इक्विटी में तक़रीबन रु21,000 प्रति माह एसआईपी योजना के तहत निवेश शुरू करना होगा. इस फ़ंड से तक़रीबन 12 प्रतिशत का रिटर्न मिलने की उम्मीद होगी. यदि यह राशि आपको ज़्यादा लग रही है तो अपने रिटायरमेंट को 55 की बजाय 60 करें. फिर इससे कम एसआईपी से भी आपका काम चल सकता है.”
Next Story