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कुल्हड़ में तंदूरी चाय का लें मज़ा जाने बनाने का तरीका
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चाय (Chai) की खोज या उसको पीने का बढ़ावा अंग्रेजों ने दिया हो, लेकिन पूरा भारत देश अब सालों से चाय का दीवाना हुआ जा रहा है. दक्षिण भारत में मसाला चाय या कॉफी का प्रचलन अधिक है तो पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों की चाय में दूध को प्रमुखता दी जाती है. बाकी प्रांतों में चाय का स्वाद और उसकी रेसिपी (Recipe) लगभग समान ही है. बस, अब यह हो गया है कि कोई कहता है कि 'दूध ठोक के पत्ती रोक के' डालना या कोई कह देता है कि चाय इतनी मीठी बनाना कि होठ चिपकने लगे तो किसी को कड़क चाय चाहिए और बिना चीनी वाली. लेकिन आज हम आपको ऐसी चाय पिलाने के लिए ले चल रहे हैं, जिसे तंदूरी चाय (Tandoori Chai)कहा जाता है और वो आपको मिट्टी के कुल्हड़ में ही मिलेगी. अब आप यह न सोचने लग जाएं कि यह चाय धधकते तंदूर पर बनाई जाती होगी और आपको कुल्हड़ में पेश की जाती होगी. असल में तंदूरी चाय एक नई अवधारणा (Concept) है, जिसका चलन अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है. उसका कारण यह है कि इसे जिस तरह से तैयार किया जाता है, वह तरीका अनूठा और लाजवाब है.