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दिल्ली स्टाइल छोले-चावल का लें मजा घर में बनाये

Teja
9 Dec 2021 6:23 AM GMT
दिल्ली स्टाइल छोले-चावल का लें मजा घर में बनाये
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 दिल्ली स्टाइल छोले-चावल का लें मजा घर में बनाये

आज हम आपको नई दिल्ली एरिया के वीवीआईपी इलाके में लिए चलते हैं. इस इलाके में सस्ती दरों पर छोले की चटपटी के साथ स्टफ्ड आलू के पराठों (Aloo Paratha) का मजा लिया जा सकता है.


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज हम आपको नई दिल्ली एरिया के वीवीआईपी इलाके में लिए चलते हैं. इस इलाके में सस्ती दरों पर छोले की चटपटी के साथ स्टफ्ड आलू के पराठों (Aloo Paratha) का मजा लिया जा सकता है. अगर आप चाहे तो इस ठिए पर छोले-चावल का लुत्फ भी उठा सकते हैं. इन छोलों में सोयाबीन की बड़ी उसे अलग ही फ्लेवर देती है. भोजन के साथ ठंडा और गरम पेय पदार्थ भी मौजूद है. अगर आपको लगता है कि पराठों के साथ रायते का मजा लिया जाए तो वह हाजिर है और आप चाहते हैं कि साथ में गरमा-गरमा चाय हो तो वह भी मिल जाएगी. चूंकि इस इलाके में भारत सरकार के भारी-भरकम कार्यालय हैं तो दोपहर के वक्त सरकारी अधिकारी व स्टाफ भी इस ठिए का आनंद उठाने चला आता है.
यहां है सेलेक्टिव मैन्यू
नई दिल्ली के हम जिस वीवीआईपी इलाके की बात कर रहे हैं, वह है शास्त्री भवन के बाहर का क्षेत्र. इसके एक तरफ संसद है तो पीछे निर्माण भवन, सामने युवा कांग्रेस का मुख्यालय है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार
के और भी बड़े कार्यालय. इसी शास्त्री भवन के निकास द्वार (Exit Gate) के बाहर सजता है 'गुप्ता जी पराठे वाले'का ठिया. आश्चर्यजनक रूप से यह पिछले कई सालों से एक ही स्थान पर चल रहा है.
इस ठिए पर पहुंचेंगे तो आपको एक तरफ बड़े तवे पर आलू के भरवां पराठे तलते हुए दिखाई देंगे तो सिगड़ी के कोयले पर परात में छोलों की गाढ़ी तरीदार सब्जी गरम होती दिखाई देगी. उसके एक तरफ मटर वाले चावल भी रखे होंगे. बस यही एक छोटी सी दास्तां है इस ठिए की.
शास्त्री भवन के निकास द्वार (Exit Gate) के बाहर सजता है 'गुप्ता जी पराठे वाले'का ठिया.
गरमा-गरम पराठे, छोले की सब्जी लुभाती है
इस ठिए पर कुछ भी खाइए, सब कुछ तरोताजा और गरमा-गरम. आप पराठों का ऑर्डर दीजिए. स्टील की प्लेट में आलू से भरे दो गरमा-गरम पराठे, गरम तरीदार गरम सफेद वाले छोले और उसके ऊपर सोयाबनी की बड़ियां, जो अलग ही फ्लेवर बनाती हैं. साथ में मिलेगी हरी चटनी, हरी मिर्च का अचार व कटी हुई प्याज. आप चाहें तो इस ठिए पर छोले-चावल का लुत्फ भी लिया जा सकता है. यह प्लेट मात्र 30 रुपये की है. साथ में ठंडा गरम भी मौजूद है.
1972 से यहां दुकान का संचालन किया जा रहा है.1972 से यहां दुकान का संचालन किया जा रहा है.
आपको लगता है कि हजम करने के लिए रायते का भरा गिलास ठीक रहेगा या तन-मन को और गरमा-गरम रखना है तो अदरक वाली कड़क चाय भी मौजूद है. दस रुपये में ये पेय पदार्थ हाजिर है. थाली को शास्त्री भवन के ग्रिल की दीवार पर रखिए और मजा लीजिए. दोपहर के वक्त लंच के समय जब इस इलाके में खासी चहल-पहल रहती है, इस ठिए पर सरकारी कार्यालयों का स्टाफ, सुरक्षा कर्मी भी इस गरमा-गरम व्यंजन को खाने आ जाते हैं.
आलू के भरवां पराठे खाने यहां कई लोग पहुंचते हैं.आलू के भरवां पराठे खाने यहां कई लोग पहुंचते हैं.
वीवीआईपी इलाके में 1972 से चल रहा है ठिया
इस ठिए को साल 1972 में पहाड़गंज निवासी रामबाबू गुप्ता ने शुरू किया था. उनके बाद सालों तक इस ठिए को उनके बेटे सुभाष गुप्ता ने संभाला. खूब हाजिर जवाब थे गुप्ता जी. नेताओं व अफसरों से अपनापन रखते थे. आज इस ठिए को उनकी पत्नी रेखा गुप्ता व बेटा अनुभव गुप्ता तीसरी पीढ़ी के तौर पर चला रहे हैं. उनका कहना था कि मसाले और स्वाद वही है जो दादाजी बता और खिलाकर गए थे. मसालेदार मामला नहीं है, क्योंकि वीवीआईपी इलाके हिसाब से अलग स्वाद तैयार किया गया है. सुबह 9 बजे पराठे मिलना शुरू हो जाते हैं और शाम 5 बजे तक खत्म हो जाते हैं. चाय का दौर तो रात 7:30 तक रहता है. चूंकि सरकारी इलाका है, इसलिए रविवार को अवकाश रहता है.


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