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पार्किंसन की बीमारी मूवमेंट संबंधी एक विकार या डिसऑर्डर है जिसमें हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचाने वाली नसें या तंत्रिका काम करने में असमर्थ हो जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पार्किंसन की बीमारी मूवमेंट संबंधी एक विकार या डिसऑर्डर है जिसमें हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचाने वाली नसें या तंत्रिका काम करने में असमर्थ हो जाती है. इसमें व्यक्ति का हाथ पर से नियंत्रण बहुत कम हो जाता है. आमतौर पर जब दिमाग को संदेश देने वाला डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तब यह बीमारी होती है. हालांकि विशेषज्ञों को अब तक यह पता नहीं है कि पार्किसन बीमारी का विकास कैसे होता है लेकिन विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि पार्किंसन के लिए आनुवांशिक कारण के अलावा पर्यावरण की विषाक्तता भी जिम्मेदार है.
मेडिकल न्यूजटूडेके मुताबिक हर व्यक्ति में पार्किंसन के अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं. पार्किंसन की बीमारी का विकास शरीर में धीरे-धीरे होता है. इसलिए इसके लक्षण भी धीरे-धीरे ही नजर आते हैं. यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए जा रहे हैं जो शुरुआत से ही दिखने शुरू हो जाते हैं.
पार्किंसन के शुरुआती लक्षण
मूवमेंट में परिवर्तन
शुरुआत में बहुत ही मामूली तरह से मूवमेंट में परिवर्तन होने लगता है. इसमें हाथ या पैर कंपकपाने लगता है और उंगलियों में कंपन होने लगती है. इसके साथ ही व्यक्ति की चाल बदलने लगती है. वह थोड़ा आगे की ओर झुककर चलता है. व्यक्ति को हाथ पर समन्वय नहीं रहता है जिससे वह किसी चीज को गिरा सकता है.
लिखने में दिक्कत
शुरुआत में जब कोई कुछ लिखता है तो पेन पकड़ने में दिक्कत होने लगती है. यही से पार्किंसन की भी शुरुआत हो जाती है. अंगूठे और तर्जनी उंगली एक दूसरे से रगड़ने शुरू हो जाती हैं. स्थिति जब बिगड़ने लगती है तो स्थिर अवस्था में भी हाथ हिलने लगते हैं.
आवाज में बदलाव होना
हालांकि यह लक्षण सबमें नहीं दिखता लेकिन कुछ लोगों की आवाज या उच्चारण में जब बदलाव शुरू हो जाता है तो इसका मतलब है कि पार्किंसन की बीमारी होने वाली है. कुछ लोगों की आवाज बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है. यहां तक कि आवाज में कंपन शुरू हो जाता है.
शरीर की पोजीशन में बदलाव
कुछ लोगों में पार्किंसन के साथ ही शरीर के पोजिशन में बदलाव होने शुरू हो जाते हैं. कुछ व्यक्तियों का शरीर इस स्थिति में झुक जाता है और शरीर पर नियंत्रण करने में दिक्कत हो जाती है. आंखों का मूवमेंट भी बदल जाता है. शुरुआत में ये सभी लक्षण एक तरफ दिखता है. धीरे-धीरे दोनों तरफ शुरू हो जाता है.
ये लक्षण भी
मूड में परिवर्तन, डिप्रेशन.
खाना खाने में और चबाने में दिक्कत.
थकान.
कब्ज.
स्किन प्रॉब्लम.
डायरिया, मतिभ्रम आदि.
क्या है कारण
दिमाग के अंदर जब तंत्रिका कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती है तो पार्किंसन की बीमारी होती है. यही तंत्रिका कोशिका डोपामाइन हार्मोन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. डोपामाइन हार्मोन के कारण ही हमें खुशी मिलती है. हालांकि पर्यावरण की विषाक्तता भी इसकी एक और वजह हो सकती है.
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