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Salmonellosis सलमोनेलोसिज़: ताजा शोध में पता चला है कि कच्चा चिकन खाने से लोगों में साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस संक्रमण में विषैले तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती है। साल्मोनेला संक्रमण (salmonellosis)बैक्टीरिया से होने वाला रोग है जो आंतों के मार्ग को प्रभावित करता है। ये बैक्टीरिया आमतौर पर जानवरों और मानव की आंतों में रहता है। दूषित पानी और भोजन के सेवन से मनुष्यों में यह संक्रमण होता है।
इस प्रकार के दूषित पदार्थों का पता लगाने और उसे रोकने के लिए प्रयासों का सुझाव दिया है जिनसे साल्मोनेला संक्रमण होता है। शोध के सह-लेखक और विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान और मानव पोषण विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर मैट स्टैसिविक्ज ने कहा, ”हालांकि पोल्ट्री उद्योग ने पिछले दो दशकों में Poultry में साल्मोनेला के मामलों में कमी देखी है, लेकिन इन रोगाणुओं से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आई है।”
साल्मोनेला केंटकी है कम जोखिमभरा
साल्मोनेला बैक्टीरिया के 2,600 से ज्यादा सीरोटाइप या उप-समूह मौजूद हैं। हालांकि साल्मोनेला केंटकी यूएस चिकन में सबसे आम सीरोटाइप में से एक है। हालांकि, इससे इंसानों में बीमारियां होने की संभावना कम है। इसकी तुलना में तीन से ज्यादा घातक स्ट्रेन को salmonellosis के कई प्रकोपों से जोड़ा गया है। शोध टीम ने प्रत्येक स्ट्रेन से बीमार होने के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए अलग-अलग स्तर और सीरोटाइप सीमाएं निर्धारित कीं। इसके लिये टीम ने गणितीय पद्धति का उपयोग किया।
साल्मोनेला के 3 सीरोटाइप हैं उच्च जोखिम वाले
जर्नल ऑफ फूड प्रोटेक्शन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ”बेसलाइन गणना से यह अनुमान लगाया गया कि प्रति वन मिलियन चिकन सर्विंग में लगभग दो सालमोनेलोसिस के मामले पाए जाते हैं।” साल्मोनेला केंटकी में बीमारी का जोखिम एक प्रतिशत से भी कम लोगों में दिखाई दिया। लेकिन एंटरिटिडिस, इन्फैंटिस या टाइफीम्यूरियम सीरोटाइप के उच्च स्तर वाले उत्पादों में बीमारियों का जोखिम 69 प्रतिशत से 83 प्रतिशत तक दिखा।
पोल्ट्री तैयार करते समय रखें इन बातों का ध्यान
इन निष्कर्षों से पोल्ट्री उद्योग को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने और इसे प्रबंधित करने को लेकर मदद मिल सकती है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं को पोल्ट्री तैयार करते समय खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। जैसे- अपने हाथ धोना, Cross-Contamination (बैक्टीरिया, वायरस या अन्य गैर-खाद्य पदार्थ जैसे धूल और गंदगी) से बचना और यह सुनिश्चित करना कि मांस ठीक से पकाया गया है, या नहीं।
साल्मोनेला संक्रमण
साल्मोनेला संक्रमण एक जीवाणु रोग है जो आंतों को प्रभावित करता है। यह संक्रमण आमतौर पर कच्चा मांस, अंडे या अंडे से बने उत्पाद खाने या बिना पाश्चुरीकृत दूध पीने से होता है। जो लोग साल्मोनेला संक्रमण से पीड़ित होते हैं उनमें आमतौर पर कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं। लक्षणों में दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन शामिल हैं। कुछ मामलों में, दस्त से गंभीर निर्जलीकरण हो सकता है जो रोगी के लिए घातक हो सकता है।
Sanjna Verma
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