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नुकसानदायक, जानिये कैसे!
वैसे तो मछली एक स्वास्थ्य वर्धक भोजन है। मछली सेचुरेटेड फैट प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बहुत अच्छा स्रोत भी है। इसको भोजन के रुप में शामिल करने से शरीर को विटामिन, मिनरल और कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं, जिनकी हमारे शरीर को जरुरत होती है। इसके विपरीत एक अध्ययन के अनुसार, मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) डायबिटीज के खतरे को बढाता है। छोटी मछलियों में पाया जाने वाला डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) केमिकल मधुमेह के खतरे को बढाता है। आइये जानते हैं मछली खाने के साइड इफेक्ट्स के बारे में।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजाज कंट्रोल के शोधकर्ताओं की मानें तो गर्म पानी यानी खाड़ी देशों से या फिर कैरिबियाई स्रोतों से आयात हुई बड़ी मछलियों में विशेष प्रकार के टॉक्सिन होते हैं जो पाचन में गड़बड़ी से लेकर सेक्स के दौरान अधिक दर्द जैसी समस्याओं की वजह हो सकते हैं।
बरसात का मौसम मछलियों और दूसरे जलीय जीवों के लिए प्रजनन काल होता है। इस समय में मछलियों को खाने से फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार इन मछलियों में ऐसे टॉक्सिन मौजूद हैं जो आंत, पाचन, अवसाद, बदन दर्द, घबराहट और सेक्स के दौरान बहुत अधिक दर्द जैसी समस्याओं की वजह हो सकते हैं।
अक्सर मछली के बाद दूध पीने के लिए मना किया जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इससे त्वचा पर सफेद चिकत्ते या धब्बे हो सकते हैं, हालाँकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
जो लोग मछली ज्यादा खाते हैं उनके खून में डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) केमिकल ज्यादा मात्रा में जाता है और डायबिटीज के खतरे को बढाता है।
खेती वाली सैल्मन में कीटनाशक और अन्य विषाक्त पदार्थ उच्च स्तर में हो सकते हैं। इस संक्रमण के किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए, यह कोशिश करें कि खेती वाली सैल्मन के बजाय जंगली सैल्मन ही खरीदें।
SANTOSI TANDI
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