लाइफ स्टाइल

गर्मियों में खूब खाएं तरबूज, रोजाना खाने से शरीर को होंगे ये फायदे

Kajal Dubey
14 May 2023 9:46 AM GMT
गर्मियों में खूब खाएं तरबूज, रोजाना खाने से शरीर को होंगे ये फायदे
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मुख्य रूप से गर्मियों में आने वाला तरबूज बाहर से गहरे हरे या हल्के हरे रंग का होता है। कुछ इलाकों में इसे मतीरा या हदवाना भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सिट्रलस लैनेटस (Citrullus lanatus) है।
नेशनल जियोग्राफिक (national geographic) में प्रकाशित एक आर्टिकल के मुताबिक तरबूज की उत्पत्ति वेस्टर्न अफ्रीका से मानी जाती है। यही से यह पूरी दुनिया में फैल गया। (1)
भारत में 7वीं शताब्दी से तरबूज की खेती शुरू हुई। इसके बाद यह 10वीं शताब्दी में चाइना पहुंच गया।
गर्मी बढ़ने पर इसकी खेती अच्छी होती है और इसमें मीठापन बढ़ता है। यही कारण है कि अधिक गर्म स्थानों पर इसकी खेती की जाती है। अक्टूबर-नवंबर में बोया जाने वाला तरबूज अप्रैल से बाजार में आना शुरू हो जाता है। इसका फल 10 किलो तक हो सकता है।
इसकी कई प्रजातियां होती हैं, जैसे
शुगर बेबी
आशायी यामातो
न्यू हेम्पशायर मिडगट
पूसा बेदाना
दुर्गापुरा केसर
अर्का ज्योति
अर्का मानिक
तरबूज का सेवन शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। आइए तरबूज के फायदों के बारे में भी जान लीजिए…
1. पानी की कमी पूरी करके हाइड्रेट रखता है
गर्मियों में अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए वॉटर इंटेक भी बढ़ जाता है।
इस दौरान इंसान को नॉर्मल दिनों के मुकाबले अधिक पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन और सिरदर्द हो जाता है। इससे थकान और कब्ज जैसी समस्या भी होने लगती है।
ऐसे में तरबूज का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाती है। क्योंकि तरबूज में 92 प्रतिशत पानी होता है। (2)
तरबूज खाने से आपकी प्यास मिटेगी, शरीर हाइड्रेट रहेगा और भूख भी नहीं लगेगी।
2. न्यट्रीएंट और विटामिन वैल्यू में हाई
तरबूज विटामिन, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और न्यूट्रीएंट का खजाना है। इसमें कैलोरी भी कम होती है। यानी एक कप (154 ग्राम) तरबूज में 46 कैलोरी होगी।
इसकी एक सर्विंग में निम्न विटामिन होते हैं।
विटामिन सी : RDI का 21%
विटामिन ए : RDI का 18%
पोटेशियम : RDI का 5%
मैग्नीशियम : RDI का 4%
विटामिन बी 1, बी 5 और बी 6 : RDI का 3%
(RDI: रोजाना डेली इंटेक)
इसमें शुगर की मात्रा भी कम होती है और कैरोटीनॉयड (carotenoid) जैसे, बीटा-कैरोटीन और लाइकोपाइन (beta carotene and lycopene) पाया जाता है। यह सिट्रलीन (citrulline) अमीनो एसिड में भी हाई होता है।
100 Gm तरबूज में न्यूट्रिशन (Nutrition Composition of Watermelon)
कैलोरी : 30 Cal
पानी : 91%
प्रोटीन : 0.6 Gm
कार्ब्स : 7.6 Gm
चीनी : 6.2 Gm
फाइबर : 0.4 Gm
फैट : 0.2 Gm
कार्ब : 12 Gm
3. वेट लॉस में मदद कर सकता है
तरबूज में कम कैलोरी होती है। वेट लॉस करने वालों को कम कैलोरी वाले ऐसे फूड खाने चाहिए, जिससे पेट भी भर जाए और भूख भी न लगे।
ऐसे में तरबूज का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद सिट्रलीन (citrulline) अमीनो एसिड भी वजन कम करने में मदद कर सकता है।
4. हार्ट को हेल्दी रखे
दुनियाभर में दिल की बीमारी से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक है। इसका कारण लाइफ स्टाइल, डाइट और फिजिकल एक्टिविटी का न होना है।
तरबूज में ऐसे कई न्यूट्रीएंट पाए जाते हैं, जो हार्ट के लिए अच्छे होते हैं। स्टडी के मुताबिक तरबूज में पाया जाने वाला लाइकोपीन (lycopene) कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) और ब्लड प्रेशर (blood pressure) को कम करने में मदद कर सकता है।
साथ ही तरबूज में पाए जाने वाले विटामिन ए (Vitamins A), B6, C, मैग्नीशियम (magnesium) और पोटेशियम (potassium) भी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं। (3)
5. स्किन और हेयर के लिए फायदेमंद
तरबूज में पाए जाने वाले विटामिन ए व सी (Vitamin- A and C) स्किन और बालों के लिए अच्छे माने जाते हैं।
विटामिन सी बॉडी में कोलेजन बनाने में मदद करता है, जो कि एक प्रोटीन है। यह स्किन को सॉफ्ट और बालों को मजबूत बनाता है।
हेल्दी स्किन के लिए विटामिन ए जरूरी है क्योंकि ये स्किन सेल्स बनाने और उन्हें रिपेयर करने में मददगार है। वहीं तरबूज में मौजूद लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन दोनों आपकी त्वचा को सनबर्न से बचाने में मदद करते हैं। (4)
6. अन्य फायदे
इसके अलावा तरबूज के सेवन से डाइजेशन ठीक रहता है और मसल्स सोरनेस में भी आराम मिलता है।
ये सूजन को कम करता है और कैंसर एवं किडनी की समस्याओं में भी फायदेमंद माना जाता है। आंख की रोशनी और ब्लड प्रेशर में भी आराम देता है।
नुकसान और सेवन की मात्रा
किसी भी चीज की निश्चित मात्रा ही आपको फायदा पहुंचा सकती है। हालांकि तरबूज खाने की कोई साइंटिफिक मात्रा तो नहीं है। लेकिन फिर भी इसका सेवन लिमिट में ही करें।
कहा जाता है कि तरबूज में नेचुरल शुगर होती है, इसका अधिक सेवन करने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है। इसलिए एक तय मात्रा में ही इसका सेवन करें। यह भी कहा जाता है कि दमा की शिकायत वाले लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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