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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज हम आपके लिए चतुरंग दंडासन के फायदे लेकर आए हैं. ये आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर किया जाता है. इस आसन में आपके शरीर का पूरा भार आपके दोनों हाथ और पैरों के पंजे पर होता है. इसके नियमित अभ्यास से आप हाथों को मजबूत बना सकते हैं.
क्या है चतुरंग दंडासन
चतुरंग दंडासन एक संस्कृत का शब्द है, जो तीन शब्दों से मिलकर बना है. इसमें पहला शब्द "चतुर" है जिसका अर्थ "चार" होता है, दूसरा शब्द अंग है और तीसरा शब्द "डंडा" है, जिसका अर्थ "कर्मचारी" होता है. इस आसन को अंग्रेजी में फोर-लिम्ड स्टाफ पोज़ (Four-Limbed Staff Pose) के नाम से भी जाना जाता हैं, जिसका अर्थ चार-पंख वाले कर्मचारी मुद्रा है.
चतुरंग दंडासन के जबरदस्त लाभ
इस आसन को करने से शरीर का पूरा भार आपके हाथ और कलाई पर आ जाता जाता है, जो की उनको मजबूत करने में मदद करता है.
चतुरंग दंडासन कंधे, पीठ और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
यह आसन आपके शरीर पर दोगुना कार्य कर करता है, जो कि आपको और अधिक लचीला बनाता है.
चतुरंग दंडासन आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे आप उन्नत योग मुद्राओं के लिए तैयार हो सकें.
चतुरंग दंडासन से आपके एब्स मजबूत होते हैं, इससे काफी हद तक पेट की चर्बी कम होती है.
इसका नियमित अभ्यास करने से मन शांत रहता है.
चतुरंग दंडासन करने की विधि
सबसे पहले किसी योग मैट को जमीन पर बिछा कर उस पर पेट के बल लेट जाएं.
अब दोनों हाथों को जमीन पर अपने कंधों से आगे रखें और उंगलियां सामने की ओर रहें.
अब अपने पैरों की उंगलियों को जमीन पर सीधे रखें, जिससे उन पर वजन उठाया जा सके.
फिर पैरों की उंगलियों पर जोर डालते हुए घुटनों को ऊपर उठाने का प्रयास करें.
इसके बाद सांस को अंदर लेते हुये दोनों हाथों पर शरीर के वजन को उठाएं.
अब अपने अप्पर-आर्म और फोर-आर्म के बीच कोहनी पर 90 डिग्री का कोण बनाएं.
आप देखेंगे कि अब आपका पूरा शरीर फर्श के समानांतर आ जायेगा.
फिर इस स्थिति में आपका शरीर पूरी तरह से ऊपर रहेगा.
दोनों हाथ और पैर की उंगलियां जमीन पर रहेंगी, इन्ही पर आपके शरीर का भार रहेगा.
इस आसन को आप 10 से 30 सेकंड के लिए रोजाना करें .
अब सांस को छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं.
चतुरंग दंडासन करने में बरतें ये सावधानी
कंधे, कलाई और पीठ में दर्द होने पर इसका अभ्यास न करें.
महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इस आसन का अभ्यास न करें.
आप कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी समस्या से परेशान हैं, तो इसे न करें.
आपकी कोहनी में कोई दर्द है, तो आप इस आसन को करने से बचें.
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