लाइफ स्टाइल

ई-सिगरेट बढ़ा सकती है मधुमेह का खतरा, जानें डिटेल्स

Bhumika Sahu
5 March 2022 2:37 AM GMT
ई-सिगरेट बढ़ा सकती है मधुमेह का खतरा, जानें डिटेल्स
x
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ई-सिगरेट पीने से उच्च रक्त शर्करा (हाई ब्लड शुगर) के स्तर के बढ़ने का खतरा और बढ़ सकता है, जिससे धुम्रपान करने वाले मधुमेह की कगार पर पहुंच सकते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ई-सिगरेट पीने से उच्च रक्त शर्करा (हाई ब्लड शुगर) के स्तर के बढ़ने का खतरा और बढ़ सकता है, जिससे धुम्रपान करने वाले मधुमेह की कगार पर पहुंच सकते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग वापिंग डिवाइस पर धुम्रपान करते हैं, उनमें कभी धुम्रपान न करनेवाले लोगों की तुलना में उच्च रक्त शर्करा होने की संभावना 22 प्रतिशत अधिक होती है। इस स्थिति को प्री-डायबिटीज के रूप में जाना जाता है। इसी तरह पारंपरिक सिगरेट पीने वालों को न पीनेवालों की तुलना में टाइप-2 मधुमेह होने की संभावना 40 प्रतिशत अधिक हो जाती है।
वैज्ञानिकों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे ई-सिगरेट पीने में वापिंग डिवाइस का उपयोग करने से लोगों को हतोत्साहित करें।
अमेरिका के मैरीलैंड में जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक टीम ने अध्ययन के दौरान अमेरिका में 6,00,000 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
अध्ययन कर्ताओं ई-सिगरेट के उपयोग और प्री-डायबिटीज के बीच संबंधों पर शोध की। प्री-डायबिटीज एक ऐसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि टाइप-2 मधुमेह घोषित किया जा सके।
अमेरिकन 'जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन' में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्षों से पता चलता है कि न केवल मौजूदा ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं को उन लोगों की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक प्री-डायबिटीज होने की संभावना थी, जिन्होंने कभी उनका उपयोग नहीं किया था, बल्कि पहले उपयोग करने के बाद इस छोड़ चुके लोगों में अभी भी उच्च जोखिम 12 प्रतिशत था।
शोध अध्ययन के निष्कर्षों को लिखनेवाले प्रमुख लेखक डॉ. श्याम बिस्वाल ने कहा, 'हम हैरान हैं। ई-सिगरेट को एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जाता है, जबकि असल में यह ऐसा नहीं है। ई-सिगरेट का उपयोग छोड़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों को तेज करने का समय आ गया है।'
एक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले साल ब्रिटेन में करीब 36 लाख लोगों ने ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया। एनएचएस लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने की योजना बना रहा है।
ई-सिगरेट और प्री-डायबिटीज के बीच संबंधों की सीधी संभावना समझ नहीं आती है लेकिन सामान्य सिगरेट और ई-सिगरेट में उपयोग होनेवाले निकोटिन की मात्रा और प्रकार इसमें मदद करता है। ई-सिगरेट का निकोटिन ब्लड शुगर बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
ई-सिगरेट क्या है और तंबाकू से अलग कैसे है?
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) एक ऐसा उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को निकोटीन, प्रोपलीन और फ्लेवरिंग वाले घोल को गर्म करके निकोटीन उपलब्ध कराता है।
चूंकि इसमें जलने की बात नहीं होती है, इसलिए इसमें पारंपरिक सिगरेट की तरह कोई धुआं नहीं है। लेकिन जहां उन्हें सिगरेट की तुलना में कम जोखिम वाले के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, वहीं अध्ययनों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य के लिए खतरा दिखा रही है। ई-सिगरेट टार या कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्पादन नहीं करती है, लेकिन वाष्प में कुछ हानिकारक रसायन होते हैं। निकोटीन अत्यधिक नशीला रसायन है। एक बार शुरू कर देने के बाद धूम्रपान करने वालों के लिए इसे छोड़ना आसान नहीं है। ब्रिटेन में लगभग 30 लाख से अधिक लोग ई-सिगरेट का उपयोग करते हैं, और 90 लाख से अधिक अमेरिकी।
ई- सिगरेट के प्रकार
मानक ई-सिगरेट
बैटरी से चलने वाला डिवाइस, जिसमें निकोटीन ई-लिक्विड होता है।
यह सुगंधित निकोटीन तरल को वाष्पीकृत करता है।
जुउली
यह सामान्य ई-सिगरेट के समान होता है, लेकिन इसमें अमेरिका में निकोटीन की उच्च सांद्रता होती है और इसकी डिजाइन अधिक आकर्षक होती है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देशों में इसकी मात्रा 20 मिलीग्राम / मिलीलीटर तक सीमित है।
निर्माताओं का दावा है कि एक पॉड सिगरेट में निकोटिन की मात्रा एक पैकेट सामान्य सिगरेट की मात्रा के बराबर होता है।
ई-सिगरेट (बैटरी और तापमान नियंत्रण) और ई-तरल की एक पॉड से बना होता है जिसे अंत में डाला जाता है।
तरल में निकोटीन, रसायन और स्वाद होते हैं।
अन्य वाष्प उपकरणों की तरह, यह ई-तरल को वाष्पी बनाता है
फिलिप मॉरिस द्वारा आईक्यूओएस
पेन के आकार का, आइपॉड की तरह चार्ज किया जाता है।
तंबाकू का वाष्पीकरण करता है।
इसे धुंआ रहित उपकरण के रूप में जाना जाता है, तंबाकू को गर्म करता है लेकिन इसे जलाता नहीं है (सामान्य सिगरेट की तरह 600से की तुलना में 350से पर)।
कंपनी का दावा है कि यह विधि तंबाकू जलाने से उपयोगकर्ताओं के कार्सिनोजेन के संपर्क को कम करती है।


Next Story