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बच्चा होने के बाद इन कारणों से आती हैं रिलेशनशिप में दूरियां, जानें और दिखाएं समझदारी
SANTOSI TANDI
28 Aug 2023 11:42 AM GMT
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जानें और दिखाएं समझदारी
आजकल देखा जा रहा हैं कि लोग अपनी शादी के कई साल बाद भी बच्चा पैदा करने पर विचार नहीं करते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि एक बार खुद को बच्चे की जिम्मेदारी के लिए तैयार कर लें। जब वे मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं उसके बाद फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचते हैं। लेकिन इसके बावजूद कई बार देखने को मिलता हैं कि बच्चा होने के बाद पार्टनर से रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं। पति-पत्नी से मां-बाप बनने के बाद कपल्स के रिश्ते में काफी कुछ बदल जाता है। नई जिम्मेदारियों के बीच कपल्स के बीच अनबन होना भी स्वाभाविक है। लेकिन इन दूरियों के कारणों को जान अनबन की संभावना को दूर किया जा सकता हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं कि किन कारणों से बच्चा होने के बाद रिलेशनशिप में दूरियां आती हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
समय की कमी हो जाना
यह एक आम बात है कि जब जीवन में किसी नए मेहमान का आगमन होता है तो हमारा समय भी बट जाता है। जो समय पति पत्नी एक दूसरे को देते हैं तो उसमें से आधा समय अब वे अपने बच्चे को भी देंगे, जिसके कारण कभी-कभी पति पत्नी केवल माता पिता बनकर ही रह जाते हैं। ऐसे में पति पत्नी बच्चे के साथ साथ कुछ समय अपने लिए भी निकालें। ऐसे में वे बड़े बुजुर्गों को अपने बच्चे की जिम्मेदारी थोड़ी वक्त के लिए दे सकते हैं। या जब बच्चा सो जाए तब वे एक-दूसरे के साथ कीमती वक्त बिता सकते हैं।
प्यार भरी बातों में कमी
पति-पत्नी के जीवन में विश्वास के साथ-साथ प्यार और अपनेपन का होना बेहद जरूरी है। बच्चे आने के बाद अक्सर महिलाओं का ज्यादा समय बच्चे के साथ बितता है और वह अपनी पूरी ममता अपने बच्चे पर ही लुटा देती हैं। ऐसे में पति को ऐसा अहसास होने लगता है कि अब उनके जीवन में प्यार बचा ही नहीं है। और वो एक दूसरे से बोरियत महसूस करते हैं। ऐसी परिस्थिति में खासकर महिलाओं को थोड़ा सा प्यार अपने जीवनसाथी को देने की भी जरूरत है। इसके लिए महिलाएं बच्चे को सुलाने के बाद अपने पति से उसके पूरे दिन के बारे में जान सकती हैं या उनसे कुछ प्यार भरी बातें कर सकते हैं। इसे अलग पति भी पत्नी से बच्चे के अलावा कोई विषय पर बात कर सकता है।
नींद की कमी होना
अक्सर बच्चे रात में ज्यादा रोते हैं, जिसके कारण पति-पत्नी को बार-बार अपनी नींद तोड़कर बच्चे को चुप कराना होता है। इसके कारण दोनों ही नींद की कमी से ग्रस्त हो जाते हैं या अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं। इसके कारण उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन, सिर में दर्द, तनाव, चिंता आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। जब ये लक्षण ज्यादा हो हावी हो जाते हैं तो पति पत्नी एक दूसरे पर अपनी झुंझलाहट या गुस्सा निकालते हैं। ऐसे में पति-पत्नी को मिलकर इस समस्या का सामना करना चाहिए। उनमें से कोई एक रात को उठकर बच्चे को संभाले। फिर अगले दिन दूसरा उसी काम को दोहराए। जब बारी बारी से एक-एक दिन में बच्चे को संभालेंगे तो दोनों ही अच्छे से नींद भी ले पाएंगे और चिंता और तनाव से दूर भी रह पाएंगे।
जिम्मेदारियों का बढ़ना
जाहिर सी बात है कि पैरेंट बनने के बाद आपकी जिम्मेदारियां भी बढ जाएंगी। हमेशा ऐसा ही होता है कि एक पार्टनर को लगने लगता है कि उसके ऊपर ही बच्चे की परवरिश की ज्यादा जिम्मेदारियां हैं। जिम्मेदारियों के इस बोझ की वजह से वह चिड़चिड़ा हो जाता है और अपने पार्टनर से दूर होने लगता है या लड़ाइयां पैदा होने लगती हैं। इस परेशानी को हल करने के लिए आप दोनों को मिलकर जिम्मेदारियों और कामों को बांट लेना चाहिए। अगर आपको लग रहा है कि आपके ऊपर ज्यादा जिम्मेदारियां हैं तो इस बारे में अपने पार्टनर से खुलकर बात करें।
पति पत्नी के बीच रोमांस की कमी
बच्चे के जन्म के बाद अक्सर महिलाएं अपना पूरा ध्यान बच्चे की परवरिश में निकाल देती हैं। उनके साथ खेलना, उन्हें खिलाना, उनके साथ रोना, उनके साथ हंसना आदि। इसके बीच में वे पति पत्नी के जीवन में रोमांस को बिल्कुल नकार देती हैं। यही कारण होता है कि उनकी सेक्स लाइफ भी इतनी दिलचस्पी नहीं रहती। ऐसे में बच्चे के बाद भी रोमांस और सेक्स लाइफ बढ़िया करने के लिए थोड़े समय के लिए बच्चे को दादी या परिवार के किसी अन्य सदस्य के पास छोड़ दें, जिससे वे उसका ध्यान रख सके और आप एक दूसरे को कुछ प्राइवेट समय दें सकें।
अकेले ना जाएं घूमने
जब पति-पत्नी के बीच में एकबच्चा आ जाता है तो अक्सर उनका एक साथ बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन दोनों में से किसी एक का बच्चे के पास रहना जरूरी है। ऐसे में पाटर्नर अगर अकेला ही बाहर घूमने चला जाए तो इससे दोनों में से किसी एक को ठेस पहुंच सकती है और उन्हें ऐसा भी लग सकचा है कि अब उनके जीवनसाथी को उनकी जरूरत नहीं है। ऐसे में अकेले घूमने से अच्छा है कि वे कुछ समय अपने बच्चे को परिवार के किसी अन्य सदस्य को पास छोड़कर अपने जीवन साथी के साथ बाहर घूमने जाएं। इससे जीवन साथी को भी अपने महत्व के बारे में पता चलेगा।
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