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कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप है ड्राई आइस, होता है ये इस्तेमाल

Gulabi Jagat
8 Aug 2021 7:41 AM GMT
कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप है ड्राई आइस, होता है ये इस्तेमाल
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आपने देखा होगा कि आजकल सामान्य बर्फ के स्थान पर दूसरी तरह की बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है

आपने देखा होगा कि आजकल सामान्य बर्फ के स्थान पर दूसरी तरह की बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे आप ऑनलाइन आइसक्रीम ऑर्डर करते हैं और आपके घर आने तक यह आइसक्रीम को ठंडा रखने के लिए अब ड्राई आइस का इस्तेमाल किया जाता है. यह एकदम सूखी बर्फ की तरह होती है और यह पानी से बनाई हुई नहीं होती है. यह काफी उपयोगी तो है, लेकिन यह काफी खतरनाक भी है.


ऐसे में जानते हैं कि यह सूखी बर्फ बनती कैसे है और किस वजह से इसे खतरनाक भी माना जाता है. जानते हैं इस सूखी बर्फ से जुड़ी हर एक बात…


क्या होती है सूखी बर्फ या ड्राई आइस?
सूखी बर्फ को अंग्रेजी में ड्राई आइस कहते है. यह एक तरह से कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है. इसकी खास बात ये है कि यह काफी ठंडी होती है. अगर घर वाली नॉर्मल बर्फ की बात करें तो उसका तापमान माइनस 2-3 होता है, लेकिन इसकी सतह का तापमान माइनस 80 डिग्री तक होता है.

यह सामान्य बर्फ की तरह गीली नहीं होती है. वैसे तो इसे छूने से मना किया जाता है, लेकिन अगर आप देखेंगे तो यह पूरी तरह से सूखी होती है. सामान्य बर्फ तो ज्यादा तापमान में आने पर पिघलने लगती है और उसका पानी बन जाता है. लेकिन साथ सिस्टम थोड़ा गलत होता है. सब यह ज्यादा तापमान के संपर्क में आती है तो यह पिघलकर पानी बनने की बजाय धुआं बनकर उड़ने लगती है यानी यह गैस के रुप में पिघलती है.

कैसे बनाई जाती है ये बर्फ?
इस बर्फ को बनाने के लिए पहले कार्बन डाई ऑक्साइड को 109 डिग्री फॉरेनाइट तक ठंडा करके कम्प्रेस किया जाता है, जिससे यह गैस बर्फ बन जाती है और इसकी शेप छोटे या बड़े टुकड़े में कंवर्ट कर दी जाती है.

कहां होता है इस्तेमाल?
अब इसका इस्तेमाल कूलिंग एजेंट के रुप में किया जाता है और अब तक मेडिकल से लेकर फूड इंडस्ट्री तक इसका इस्तेमाल हो रहा है. कई फोटो शूट, थियेटर में इसका इस्तेमाल होता है. दरअसल, जब ड्राई आइस को गर्म पानी में डालते हैं तो इसमें धुआं निकलती है और फिर उस एरिया में ये बर्फ जैसा लगने लगता है. इसका इस्तेमाल बादल, कोहरे आदि का इफेक्ट देने के लिए किया जाता है.

क्यों होती है खतरनाक?
वैसे तो इसमें कार्बन डाइ ऑक्साइड होती है तो ये इतनी खतरनाक नहीं होती है. हालांकि, यह काफी ज्यादा ठंडी होती है, इस वजह से इससे शरीर की कोशिकाएं मरने लगती है. ऐसे में इसे सीधे छूने के लिए मना किया जाता है. साथ ही कहा जाता है कि इसे एयर टाइट बॉक्स में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे गैस निकलती रहती है और गैस की वजह से इसमें विस्फोट भी हो सकता है, इसलिए इसे संभलकर इस्तेमाल लेना चाहिए.
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