लाइफ स्टाइल

5-10 बार की डकार को न समझें मामूली, आंत में कैंसर के हो सकते हैं संकेत

Manish Sahu
24 Aug 2023 1:58 PM GMT
5-10 बार की डकार को न समझें मामूली, आंत में कैंसर के हो सकते हैं संकेत
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लाइफस्टाइल: कभी-कभी खाना खाने के बाद हार्ट बर्न, एसिडिटी या डकार आम बात है. कभी-कभी लोग इसका मजाक भी उड़ाने लगते हैं लेकिन अगर यह डकार लगातार कई दिनों तक आने लगे तो इसे मामूली नहीं समझना चाहिए. एक 24 साल की लड़की को जब इसी तरह की डकार का सामना करना पड़ा तो डॉक्टर भी इसे मामूली समझकर गैस और एसिडिटी की दवाइयां ही दिया करते थे. कुछ महीने बाद लड़की को डकार के साथ-साथ उल्टी और मतली भी आने लगी. इसके बाद उसे कई दिनों तक टॉयलेट नहीं आया और पेट में दर्द और क्रैंप होने लगा. जब यह मामला बेहद पेचिदा हो गया और जांच कराई गई तो उसे घातक कोलोन कैंसर की बीमारी का पता चला. हालांकि डकार से कोलोन कैंसर बहुत ही दुर्लभ है लेकिन इसके लिए सतर्कता बरतने की भी जरूरत है.
डकार कोलोन कैंसर का सबसे बड़ा लक्षण
टीओआई ने डेलीमेल के हवाले से बताया कि लड़की नर्स है. उसे लगा कि स्मॉल बाउल ऑब्सट्रक्शन है, इसलिए खुद से इसे ठीक करने की कोशिश की. लेकिन जब दर्द बढ़ गया तो उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. आनन-फानन में सीटी स्कैन कराया गया तो कोलोन के पास मास दिखा. बायोप्सी से यह साफ हो गया कि उसे कोलोन कैंसर है. इसके बाद उसकी सर्जरी की गई और कैंसरस सेल्स को वहां से निकाल दिया गया. उसे 12 सप्ताह तक कीमोथेरेपी भी दी गई. डॉक्टरों ने बताया कि अब कोलोन कैंसर के लिए डकार बहुत बड़ा लक्षण बनकर सामने आया है.
कोलोन कैंसर के अन्य लक्षण
कोलोन कैंसर में पेट की गतिविधियों में असामान्य तरीक से परिवर्तन होने लगता है. इसके अलावा रेक्टल ब्लीडिंग, स्टूल में ब्लड, पेट में दर्द और क्रैंप, गैस, बहुत जल्दी पेट खाली हो जाना, थकान, कमजोरी और अचानक वजन में तेज कमी कोलोन कैंसर के अन्य लक्षण है.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक कोलोन कैंसर के लिए सबसे पहले खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. हेल्दी डाइट कोलोन कैंसर से बचा सकता है. इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत जरूरी है. वहीं सिगरेट-शराब का त्याग कोलोन कैंसर से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका है. ज्यादा वजन भी कोलोन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. रिपोर्ट के मुताबिक खान पान में एनिमल फैट यान मांस का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए. वहीं ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. सीडीसी के मुताबिक साबुत अनाज कैंसर के जोखिम को कम करता है.
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