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पीरियड्स (Periods) यानी माहवारी महिलाओं को होने वाला हर माह का एक साइकल होता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पीरियड्स (Periods) यानी माहवारी महिलाओं को होने वाला हर माह का एक साइकल होता है। पीरियड्स के दौरान सभी महिलाओं को किसी न किसी तरह के दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिला में सिरदर्द, बदनदर्द, ब्लीडिंग, अनिद्रा, आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं। जिसकी वजह से उनकी दिनचर्या अनियमित हो जाती है। ऐसे में कई बार जानकारी के अभाव में इन समस्याओं से निजात पाने के लिए कुछ महिलाएं पैड और खान-पान से जुड़ी कुछ ऐसी गलतियां बार-बार दोहराती रहती हैं। जो आगे चलकर उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
ब्लीच्ड कॉटन पैड का इस्तेमाल-
पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए पैड का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर टैंपॉन और पैड रेयान, कॉटन या दोनों के मिश्रण से मिलकर बना होता है। इसमें खतरनाक केमिकल और पेस्टीसाइड का प्रयोग होता है, जिसके कारण महिला की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। एफडीए की मानें , तो इसमें मौजूद डाइऑक्सिन वजाइना के ऊतकों पर प्रभाव डालता है। इसके कारण वजाइना संबंधित दूसरी समस्याएं भी होने लगती हैं। इससे बचने के लिए ऑर्गेनिक कॉटन से बने पैड और टैंपॉन का प्रयोग करें।
दर्दनिवारक दवाएं-
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असहनीय पीड़ा होती है। इस दर्द से बचने के लिए वो कई बार पैन किलर का सेवन करने लगती हैं। महिलाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की मानें, तो इस दौरान ली जाने वाली दवाएं इतनी खतरनाक होती हैं कि इनके कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इस दौरान होने वाले दर्द से बचने के लिए दवाएं नहीं बल्कि प्राकृतिक उपचार का सहारा लें।
पैड या टैंपॉन न बदलना-
पीरियड के दौरान जो महिलाएं सुबह पैड लगाने के बाद सीधे रात को ही बदलती हैं, उनमें संक्रमण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। ध्यान रखें, इससे जन्में बैक्टीरिया के कारण टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम हो सकता है। इससे बचने के लिए पैड या टैंपॉन को 4 से 8 घंटे के अंतराल पर जरूर बदलें।
बार-बार सफाई करना
इस दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि आप बार-बार पानी से वजाइना की सफाई ही करें। ब्लीडिंग की वजह से बदबू आ सकती है, लेकिन यह संक्रमण नहीं है। बल्कि सफाई करने से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। सफाई के लिए बाजार में मौजूद उत्पादों या साबुन का प्रयोग बिलकुल न करें।
अधिक कॉफी का सेवन-
इस दौरान नींद नहीं आती, थकान रहती है, सिरदर्द भी होता है। इससे बचने के लिए महिलाएं कॉफी का सहारा लेती हैं। जबकि कॉफी में मौजूद कैफीन शरीर को डीहाइड्रेट करता है और स्थिति को बदतर करता है। इसलिए ज्यादा कॉफी न पिएं।
Teja
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