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लाइफ स्टाइल
क्या वाकई कढ़ाई में खाना खाने से शादी में होती है बारिश, जाने इसके बारे में
Tulsi Rao
14 Aug 2021 9:03 AM GMT

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कहा जाता है कि कढ़ाही में खाना खाने वाले की शादी में खूब पानी बरसता है. इस बात में वाकई कोई सच्चाई है या ये एक अंधविश्वास मात्र है, यहां जानिए इसके बारे में
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हमारे देश में कई ऐसी पुरानी मान्यताएं सदियों से चली आ रही हैं, जिनके पीछे का वैज्ञानिक तथ्य छिपे हुए हैं, लेकिन लोगों को उन तथ्यों की जानकारी नहीं है. वे बस किसी डर की वजह से उस मान्यता को मानते आ रहे हैं. ऐसी ही एक मान्यता है कढ़ाही में खाना खाने की. कहा जाता है कि कढ़ाही में खाना खाने वाले की शादी में खूब पानी बरसता है.
इस वजह से हमारे घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों को कढ़ाही में खाना नहीं खाने देते. अगर हम जल्दबाजी में भी ऐसा कुछ कर लें तो घर के बड़ों से डांट खानी पड़ती है. नए जमाने के लोग बेशक इस बात को अंधविश्वास करार दें, लेकिन वास्तव में इस बात के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य छिपा है. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.
ये है वजह
दरअसल पहले के समय में लोहे की कढ़ाही ही चलन में हुआ करती थी. उसे धोने के लिए उस वक्त में लिक्विड सोप और साबुन वगैरह नहीं होते थे. इस कारण उसे मिट्टी और पत्थर से रगड़कर धोया जाता था. ऐसे में कढ़ाही को साफ करना काफी मुश्किल होता था और धुलने के बाद भी उसमें हाईजीन को मेंटेन करना काफी मुश्किल हो जाता था. कई बार पत्थर से रगड़ने के बाद उसके कढ़ाई में जंग के निशान बन जाते थे. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए कढ़ाई में खाना खाने के लिए मना किया जाता था.
दूसरा कारण
इसके अलावा एक अन्य वजह ये भी है कि कढ़ाई का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए किया जाता है. पहले के लोग जूठे और संकरे का काफी परहेज किया करते थे. ऐसे में खाना बनाने वाली चीज में वो खाना खाने को बहुत गलत मानते थे. पुराने लोग चीजों का इस्तेमाल उसी काम के लिए करना पसंद करते थे, जिस उद्देश्य के लिए उसे बनाया गया है. ऐसे में कढ़ाई में भोजन करना अशिष्टता से जोड़कर देखा जाता था. इन नियमों का लोग पालन करें, इसके लिए कुछ डराने वाली बातों से नियमों को जोड़ दिया जाता था. यही वजह है कि कढ़ाही में खाने खाने को लेकर बारिश की बात प्रचलित हो गई
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