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जनता से रिश्ता बेवङेस्क | पने कई जगह सुना और पढ़ा होगा कि वाइट राइस की जगह ब्राउन राइस न सिर्फ वेट कंट्रोल रखते हैं बल्कि इसे खाने से आपको कई फायदे मिलते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर ब्राउन राइस क्या होते हैं और ये कैसे बनते हैं?
ब्राउन राइस और सफेद चावल में क्या अंतर है
ब्राउन राइस और सफेद चावल में क्या अंतर है। दरअसल ब्राउन राइस का भूसा नहीं उतारा जाता, जिससे इसके पोषक तत्व साबुत अनाज जितने ही रहते हैं। सफेद चावल का भूसा उतार कर उसे प्रोसेसिंग करके सफेद पॉलिश युक्त कर दिया जाता है। इस प्रोसेसिंग के दौरान चावल में मौजूद कई पोषक तत्व कम हो जाते हैं। हालांकि ब्राउन राइस को इसके स्वाद, पकने में ज्यादा समय लेने और ज्यादा समय तक न रख पाने की वजह से भारत में अकसर लोग इसे लेना पसंद नहीं करते, लेकिन अब बेहतर तकनीक की मदद से ब्राउन राइस को ज्यादा समय तक रखा जा सकता है। इसका स्वाद भी अब काफी लोगों को पसंद आने लगा है। ब्राउन राइस में भी नॉन बासमती फायदेमंद है। इसके दाने का आकार छोटा और जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) कम होता है।
ब्राउन राइस खाने के फायदे :
-मोटापा कम करने में मदद करता है।
-डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
-हड्डियों में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करता है।
-पेट संबंधी विकारों से बचाव में मददगार साबित होता है।
-जीआई कम होने के कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है।
-ज्यादा फाइबर से पेट जल्दी भर जाता है।
-एंटीऑक्सीडेंट से तनाव और बीमारियां रोकने में मदद मिलती है।