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लाइफ स्टाइल
क्या आप लैपटॉप को गोद में रखकर कम करते हैं, तो जानिए इसके गंभीर परिणाम
Tara Tandi
2 Jun 2022 6:56 AM GMT
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इसे देर तक गोद में रखकर काम करने से पुरुषों में इंफर्टिलिटी (infertility) की समस्या भी हो सकती हैं ।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली । बदलते परिवेश में जहां आज बड़ी संख्या में लोग अपने संस्थानों में काम कंप्यूटर और लैपटॉप पर करते हैं , वहीं कोरोना काल के बाद वर्क फ्रॉम होम ने लोगों के लैपटॉप के साथ काम करने के समय में इजाफा कर दिया है । उस पर भी घरों में प्रोपर वर्किंग टेबल नहीं होने के चलते लोग अपने सोफे और अपने बैड पर बैठकर और अपने लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर काम करते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक है । लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर पड़ सकता है । इतना ही नहीं लैपटॉप से निकलने वाली हीट हमारी स्किन और अंदर के टिशू डैमेज कर सकती है । इसे देर तक गोद में रखकर काम करने से पुरुषों में इंफर्टिलिटी (infertility) की समस्या भी हो सकती हैं ।
वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने बढ़ाई मुसीबत
विदित हो कि कोरोना काल के बाद देश दुनिया में वर्क फ्रॉम होम कल्चर बढ़ा है । इससके चलते अधिकांश लोग अपने घर से लैपटॉप पर काम कर रहे हैं । घर से काम करने के चलते उनका लैपटॉप का इस्तेमाल भी बढ़ गया है । लेकिन क्या आपको पता है कि दिन भर लैपटॉप के इस्तेमाल से शरीर में इसका बुरा असर पड़ता है । लैपटॉप से निकलने वाली हीट हमारी स्किन और अंदर के टिशू डैमेज कर सकती है । वहीं अपनी गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से इंफर्टिलिटी (infertility) की समस्या भी हो सकती हैं ।
पुरुषों को है ज्यादा खतराऐसी स्थिति में , एक बात साफ कर दें कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए यह ज्यादा खतरनाक है । इसका कारण पुरुषों की शरीर बनावट है । महिलाओं के शरीर में यूटरस शरीर के अंदर होता है जबकि पुरुषों में टेस्टिकल शरीर के बाहरी हिस्से में होता है जिससे हीट रेडिएशन ज्यादा करीब रहती है । यही कारण है कि पुरुषों को लैपटॉप इस्तेमाल करते समय खास ख्याल रखना चाहिए । जानकारों का कहना है कि लैपटॉप से निकलने वाली हीट से पुरुषों की स्पर्म क्वॉलिटी (sperm quality) में गिरावट आती है । इस तरह की समस्याएं तेजी से मेट्रो शहरों में नजर भी आ रही हैं ।
वाईफाई से फैलता है रेडिएशन-
असल में लैपटॉप की हॉर्डड्राइव से लो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन (frequency radiation) होता है , वहीं ब्लूटूथ कनेक्शन (bluetooth connection) से भी रेडिएशन बाहर होता है। इसके असर से आपको नींद न आना, सिर में तेज दर्द जैसी परेशानी हो सकती है । इतना ही नहीं लैपटॉप के इस्तेमाल के वक्त पैरों को चिपकाकर बैठते हैं जिससे लैपटॉप की रेडिएशन (laptop radiation) सीधे शरीर पर पड़ती है. डिवाइस से निकलने वाली हीट आपको बीमार कर सकती है ।
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