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लाइफ स्टाइल
क्या ब्लड डोनेशन के इन फ़ायदों के बारे में जानते हैं आप
Kajal Dubey
12 May 2023 3:20 PM GMT

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रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है दुनिया में ज़रूरत के मुताबिक रक्त उपलब्ध करवाना है. इस दिन की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2004 में की थी. हर साल इस दिवस पर अलग-अलग थीम रखी जाती है. इस साल की थीम है, ‘ख़ून दो और दुनिया को धड़कने दो’. इसे मनाने के लिए 14 जून इसलिए चुना गया है कि इसी दिन ब्लड ग्रुप सिस्टम से दुनिया को अवगत कराने वाले वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टेनर का जन्म हुआ था. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने के लिए साल 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए ब्लड डोनेट करना पूरी तरह से सुरक्षित होता है. जब ब्लड डोनेट करने जाते हैं तो डॉक्टर आपके हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर और वज़न की जांच करते हैं. सब जांच सामान्य आने पर ही किसी ब्लड डोनेट करने की अनुमति होती है. 18 से 60 वर्ष तक कोई भी स्वस्थ व्यक्ति साल में तीन से चार बार रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने वाले वज़न 45 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए.
क्यों रक्तदान ज़रूरी है?
आपका एक यूनिट ब्लड लगभग 3 लोगों की जान बचा सकता है, इसलिए हर स्वस्थ व्यक्ति को ब्लड डोनेट करना चाहिए. इसे किसी तरह से बनाया नहीं जा सकता है और ना ही इसका कोई दूसरा विकल्प है. देश में हर लगभग 4 करोड़ यूनिट ब्लड की ज़रूरत होती है, जबकि 5-6 लाख यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है. आंकड़ों के मुताबिक़ 25 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में ख़ून की ज़रूरत होती है.
रक्तदान के फ़ायदे
अपने दिल को सेहतमंद बनाए रखने और दूसरे के दिल को धड़कने देने के लिए आपको रक्तदान करना चाहिए.
-रक्तदान आपको हार्ट अटैट, स्ट्रोक जैसी बीमारियों से सुरक्षित करता है. रक्तदान करने से रक्त पतला हो जाता है, जो दिल के लिए अच्छा माना जाता है.
-रक्त दान से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है, जिससे कैंसर और लिवर की समस्या से बचने में मदद मिलती है.
-आपके शरीर में नए रेड सेल्स बनते हैं, जिनसे आपको एक नई एनर्जी मिलती है.
-रक्तदान के बाद हेपेटाइटिस बी व सी, एचआईवी और कई बीमारियों की जांच की जाती है. बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर रक्तदाता को सूचना दी जाती है जिससे एक हेल्थ स्क्रिनिंग भी हो जाती है.
रक्तदान के बाद होनेवाले कुछ साइड इफ़ेक्ट्स
डॉक्टर आशीष तिवारी, सीनियर फ़िज़ीशियन, एसीएस हेल्थ, मुंबई, का कहना है रक्तदान के बाद कमज़ोरी महसूस होना, चक्कर आना, उबकाई आना, उल्टी आना, सुई लगने की जगह दर्द होना, सुई लगने की जगह नीला पड़ना जैसी कुछ परेशानियां होती हैं. परंतु ध्यान देनेवाली बात यह है कि उपरोक्त साइड इफ़ेक्ट्स बहुत कम लोगों में दिखाई देते हैं और यह सभी लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जो बहुत जल्दी ठीक भी हो जाते हैं.यदि इन साइड इफ़ेक्ट्स की तुलना रक्तदान द्वारा होने वाले लाभ से करें तो लाभ अधिक
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Kajal Dubey
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