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पार्टनर से लड़ाई के बाद क्या आप हो जाते हैं Silent, तो टूट सकती है रिश्ता

Teja
4 Jun 2022 12:29 PM GMT
पार्टनर से लड़ाई के बाद क्या आप हो जाते हैं Silent, तो टूट सकती है रिश्ता
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आप भी उन शांत पलों से प्यार करते हैं, जो आपको अकेले बिताने के लिए मिलते हैं? अगर हां, तो जान लीजिए कि यह वही समय है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्‍या आप भी उन शांत पलों से प्यार करते हैं, जो आपको अकेले बिताने के लिए मिलते हैं? अगर हां, तो जान लीजिए कि यह वही समय है, जिसे पाने की ज्‍यादातर लोग उम्मीद करते हैं। विशेष रूप से कोविड महामारी के तनावपूर्ण समय के बाद। दरअसल, कोरोना काल में पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत से इश्यूज बढ़ गए थे, जिसकी वजह से उनके बीच बोलचाल पूरी तरह बंद हो जाती थी। इस दौरान वह न केवल एक-दूसरे को इग्नोर करने लगते थे बल्कि बहुत बार फॉर-ग्रांटेड भी ले लेते थे।

हालांकि, एक-दो बार ऐसा हो तो ठीक है। लेकिन जब यह आपके साथी की आदत बन जाए, तो इससे दूसरे साथी को बहुत नुकसान होता है। इस तरह का ट्रीटमेंट न केवल रिश्ते को कमजोर बना देता है बल्कि पति-पत्नी भी एक-दूसरे से धीरे-धीरे अलग होने लगते हैं।
आपको लगता है कि आप अकेले हैं
होम इंडस्‍ट्रीयल मेघना चंदर कहती हैं कि 'छोटी-छोटी बहस के बाद मेरे पति मुझसे बात करना बंद कर देते थे। पहले तो मैंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन जब ऐसा आए दिन होने लगा, तो यह मेरी समझ से एकदम परे थे। हर लड़ाई के बाद मेरे पति चुपचाप कोने में बैठ जाते थे। वह खुद से अपना काम करने लगते थे। अकेले टीवी देखते थे। उनके इस बर्ताव से मुझे ऐसा लगता था जैसे कि घर में मैं अकेली रह रही हूं।
हालांकि, एक दिन परेशान होकर मैंने उनसे कहा कि मैं अब इस तरह का व्यवहार बिल्‍कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं। खैर, मेरे कहने के बाद उन्‍होंने ऐसा करना बंद कर दिया। लेकिन उनके इस रवैये से मुझे इतना तो समझ आ गया कि जो लोग अपने साथी के साइलेंट ट्रीटमेंट से गुजरते हैं, वह पूरी तरह अकेले हो जाते हैं।' मेरी कहानी: मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से पक चुकी हूं, अब मुझे अपने पति के साथ मजा नहीं आता
रिश्ते में साइलेंट ट्रीटमेंट भावनात्मक शोषण
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सीमा हिंगोरानी बताती हैं कि 'कोविड महामारी के दौरान कपल्स के बीच कम्युनिकेशन गैप बहुत ज्यादा बढ़ गया था। अपने ऑनलाइन सेशन में मैंने कपल्‍स और उनके परिवारों के बीच साइलेंट ट्रीटमेंट के बहुत से मामले देखे हैं। यह हमारे दिमाग को और भी ज्यादा खराब करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि साइलेंट ट्रीटमेंट एक तरह का भावनात्मक शोषण है। लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे क्या नुकसान हो सकता है।
ऐसे मामलों में अक्सर हस्तक्षेप करने और दूसरे साथी को फिर से बातचीत करने के लिए कहा जाता है। लाइफ पार्टनर हो, परिवार का सदस्य हो या दोस्त, मेरी सभी को यही सलाह है कि कभी भी एक-दूसरे से बातचीत करना बंद मत करिए। अगर आप कुछ समय के लिए बात नहीं करना चाहते हैं, तो अपने से कह सकते हैं कि मुझे अब अपने लिए कुछ समय चाहिए।' मेरी कहानी: मेरी शादी को एक साल हो गया है, लेकिन मैंने अभी तक अपनी पत्नी का असली चेहरा नहीं देखा
इसका सामना कैसे करें
मनोवैज्ञानिक राशी लस्करी कहती हैं कि साइलेंट ट्रीटमेंट सहन करना बहुत ही मुश्किल है। यह हम पर हमला करने जैसा है। लॉकडाउन के कारण लोगों में भावनात्मक निर्भरता बहुत ज्यादा बढ़ गई थी, जिसकी वजह से उनके बीच इस तरह का व्यवहार भी बढ़ा गया। साइलेंट ट्रीटमेंट का एक कारण कपल्‍स के बीच अपनी भावनाओं/विचारों को व्यक्त करने के बेसिक स्किल की कमी है। इसके लिए उन्हें सबसे पहले खुद पर काम करने की जरूरत है। यही नहीं, उन्हें अपनी भावनाओं में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए।


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