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क्या आप भी बुख़ार में पैरासिटामॉल निगलते हैं?

Kajal Dubey
7 May 2023 1:59 PM GMT
क्या आप भी बुख़ार में पैरासिटामॉल निगलते हैं?
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अक्सर बुख़ार आने पर हम झटपट राहत पाने के लिए मेडिकल स्टोर्स पर मिलनेवाली एलोपैथी की दवाइयां गटक लेते हैं. इन ओवर द काउंटर (ओटीसी) दवाइयों का इस्तेमाल कितना सही है, कितना दोषपूर्ण, आइए जानते हैं.
अमूमन वायरल फ़ीवर में हममें से ज़्यादार लोग कोई न कोई ओटीसी दवाइयां ले लेते हैं. जो लोग डॉक्टर के पास जाते हैं, वे वायरल फ़ीवर के लिए आमतौर पर यह प्रिस्क्रिप्शन लिखते हैं.
1. ऐंटी-बायोटिक
2. पैरासिटामॉल
3. ऐंटासिड
4. ऐंटी-एलर्जिक
क्या वायरल ‌फ़ीवर में इन दवाइयां का इस्तेमाल करना सही होता है? आइए, इस बात की तफ़्तीश करते हैं, इनके प्रभाव के आधार पर.
1. ऐंटी-बायोटिक्स का प्रभाव
वायरल बुख़ार में डॉक्टर अमूमन ऐंटी-बायोटिक्स लिखकर देते ही हैं. पर सच तो यह है कि ऐंटी-बायोटिक दवाएं असल में बैक्टीरियर नष्ट करती हैं, वायरस को नष्ट करने में उनका कोई योगदान होता ही नहीं. तो आप ही समझ लें, इससे आपको कितना फ़ायदा होता है.
2. पैरासिटामॉल का प्रभाव
पैरासिटामॉल का इस्तेमाल शरीर का तापमान कम करने के लिए किया जाता है. जब आप पैरासिटामॉल खाते हैं, तब आपका बुख़ार तो उतर जाता है, लेकिन यह सिद्ध हो चुका है कि शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ने से वायरस की ग्रोथ 97% कम हो जाती है. अर्थात पैरासिटामॉल से वायरस की ग्रोथ और ज़्यादा बढ़ेगी. आपका वायरल फ़ीवर ठीक होने में और समय लगेगा.
3. ऐंटासिड का प्रभाव
हमारे पेट में मौजूद एसिड पाचन के साथ-साथ बैक्टीरिया, वायरस और फ़ंगस को भी नष्ट करता है. जब हम इसे ऐंटासिड से न्यूट्रल करते हैं, तब हमारे शरीर में वायरस का दमन व नाश रुक जाता है और हमारी मुसीबतें और अधिक बढ़ जाती हैं.
4. ऐंटी-एलर्जिक दवाओं का प्रभाव
ऐंटी-एलर्जिक दवाएं हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से कम कर देती हैं. इससे वायरस को बढ़ने का और अधिक मौक़ा मिल जाता है. हम और ज़्यादा बीमार होते जाते हैं.
अब आप ही बताएं यह इलाज हो रहा है या कुछ और?
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