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क्या आप भी रेस्टोरेंट में भोजन करना पसंद करते है, तो जान ले ये सारी बातें

Tara Tandi
18 Dec 2020 4:57 AM GMT
क्या आप भी रेस्टोरेंट में भोजन करना पसंद करते है, तो जान ले ये सारी बातें
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कोरोना काल में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| कोरोना काल में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस वायरस से लोगों की जीवनशैली में व्यापक बदलाव हुआ है। इससे पहले लोग बाहर खाना खाने के आदी थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद लोग खाना खाने के लिए बाहर जाने से परहेज करते हैं। कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई महीने तक लॉकडाउन था। इस दौरान सभी सार्वजनिक जगहों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इसके कई महीनों के बाद सार्वजनिक स्थलों को खोल दिया गया। इससे लोग जीविकोपार्जन के लिए बाहर आने जाने लगे हैं। इस दौरान लोग होटल और रेस्त्रां भी जाने लगे हैं। हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अब भी आवश्यक सावधानियां जरूरी हैं। ऐसे में यह भी जानना जरूरी है कि कोरोना काल में रेस्टोरेंट में खाना कितना सुरक्षित है? अगर आपको नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

कोरोना काल में बाहर जाना कितना सुरक्षित है

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के एक शोध से यह पता चला है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के तकरीबन साल भर बाद भी बाहर खाना जोखिम भरा काम है। इसके लिए लोगों को बाहर खाने से बचना चाहिए। इस शोध में यह भी खुलासा हुआ है कि रेस्टोरेंट में संक्रमण का खतरा ग्रॉसरी शॉपिंग और फ्लाइट में सफर करने से भी अधिक है। भले ही मास्क पहनें, सैनिटाइज करें और शारीरिक दूरी का पालन करना करें। ऐसी स्थिति में होटल-रेस्टोरेंट में खाने से परहेज करें। एक अन्य शोध में खुलासा हुआ है कि IIT campus के 180 छात्र एक ही होटल में खाने से पॉजिटव हो गए। यह भी सावधान करता है कि कोरोना काल में बाहर खाने से बचना चाहिए।

कैसे संक्रमित हो सकते हैं

खरीददारी या यात्रा करते समय मास्क उतारने की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं, जब रेस्टोरेंट में खाते हैं, तो मास्क उतारना पड़ता है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए जब भी होटल में खाएं, तो वेटर्स के आने-जाने के समय मास्क पहनकर रहें। हमेशा दो गज की दूरी बनाकर रखें। कई शोध में यह प्रमाणित हो चुका है कि एक बार छींकने से 3000 ड्रॉपलेट्स निकलते हैं जो बेहद छोटे होते हैं। इनमें ढेर सारे ड्रॉप्लेट्स ज़मीन पर आ जाते हैं। जबकि कुछ हवा में रह जाते हैं। ड्रॉपलेट्स हवा में एक घंटे में 50 से 200 माइल्स दूरी तय कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि कोरोना वायरस के ये सूक्ष्म कण कुछ सेकेंड में हवा में आसानी से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकते हैं। जबकि सांस लेने और छोड़ने के क्रम में 50 से 5000 ड्रॉपलेट्स निकलते हैं। इसके लिए होटल में खाना फिलहाल सुरक्षित नहीं है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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