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लाइफ स्टाइल
क्या आप भी घंटों स्क्रॉल करते रहते हैं रील्स? हो सकती है ये गंभीर बीमारी
Tara Tandi
10 Jun 2023 8:10 AM GMT

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सीरियल देखना और रेडियो पर गाने सुनना... ये सब बीते दिनों की बात हो गई है। भाई अब दुनिया रीलों की हो गई है। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी इस समय रील देखने में व्यस्त हैं। सिर्फ रील देखने में ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से व्यस्त... सोते-जागते, खाते-पीते, घूमते-फिरते हर समय रीलों का हैंगओवर रहता है। इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर स्क्रॉल करते हुए आपके घंटे बीत जाते हैं और आपको लगता है कि बस कुछ ही समय की बात है, देखते हैं थोड़ी देर। कभी-कभी वक्त हाथ से फिसल जाता है, लेकिन रीलें ऐसी मोहिनी होती हैं कि उतारने का नाम ही नहीं लेतीं। न जाने कितने युवा रीलों की लत के शिकार हो चुके हैं। यह अब एक तरह की बीमारी के रूप में उभरने लगा है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या हैं ये रील और कैसे ये आपको शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा रही हैं।
रील क्या हैं?
रील्स इंस्टाग्राम पर एक प्रकार का छोटा वीडियो है। शुरुआत में ये रील 30 सेकेंड की होती थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 90 सेकेंड कर दिया गया है। इन रीलों का चलन तब शुरू हुआ जब भारत में टिकटॉक बंद हो गया। इसके रुकते ही लोगों ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दिया। रील्स में कई तरह के वीडियो होते हैं जैसे, सूचनात्मक, मजेदार, प्रेरक, नृत्य आदि... इसमें कोई संदेह नहीं है कि रील्स रचनात्मकता से भरे होते हैं जो लोगों को बार-बार देखने के लिए प्रेरित करते हैं। इंस्टाग्राम पर आपको सेलेब्रिटी से लेकर आम लोगों तक रील देखने को मिल जाएगी।
रील देखने के गंभीर नुकसान?
रील देखकर लोग अपने समय का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। घंटे बीत जाते हैं, लोगों को पता ही नहीं चलता। ऐसे में उनके काम को नुकसान हो रहा है। वहीं, इसकी वजह से लोग मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। लोगों में डिप्रेशन की समस्या देखी जा रही है. कई बार रीलों को देखकर वे खुद में खामियां निकालने लगते हैं। सामने वाले से अपनी तुलना करना शुरू कर दें। वे सामने वाले की तरह बनने की कोशिश करने लगते हैं। इसके अलावा लोग खुद रील भी बनाना चाहते हैं और जब उनकी रील वायरल नहीं होती या व्यूज नहीं मिलते तो उन्हें गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है और धीरे-धीरे यही तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है। इसके कारण एकाग्रता की कमी से सामाजिक कट जाता है। मूड स्विंग जैसी समस्या देखने जा रहे हैं।
अगर बच्चे रील देख रहे हैं तो इससे उनकी पढ़ाई को नुकसान पहुंचता है। रील की लत के कारण बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं। देर रात रील देखने से स्लीपिंग पैटर्न बिगड़ जाता है और अगले दिन स्कूल जाने में परेशानी होती है। नींद पूरी न होने से तनाव शुरू हो जाता है। वहीं स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से आंखें कमजोर हो जाती हैं, इसके अलावा रीलों के कारण शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं और लोग मोटे हो जाते हैं।

Tara Tandi
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