लाइफ स्टाइल

मलेरिया से बचाव के लिए करें ये उपाय

Apurva Srivastav
18 April 2023 2:07 PM GMT
मलेरिया से बचाव के लिए करें ये उपाय
x
मलेरिया मादा एनिफिलीज मच्छरों के काटने से होता है। प्लाज्मोडियम स्पीसीज एक सूक्ष्म परजीवी होता है, यह मलेरिया का कारण बनता है। एनिफिलीज प्रजाति के मच्छर आमतौर पर साफ पानी में अंडे देते हैं और वहीं पनपते हैं। वहां से निकलकर लोगों को काटते हैं।
आमतौर पर ये मच्छर रात में ही काटते हैं। दूसरा, अगर आसपास किसी को पहले से मलेरिया है, तो वहां इसके फैलने का जोखिम रहता है। मच्छर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाते हैं। यह बीमारी मच्छरों के जरिये ही फैलती है, दूसरा अन्य जरिया नहीं है।
आरंभिक लक्षण
-सर्दी लगकर बुखार आना इसका सबसे सामान्य लक्षण है।
- सिरदर्द, चक्कर आ रहा है, तो वह मस्तिष्क मलेरिया का लक्षण हो सकता है।
-इसमें एक दिन छोड़कर ठंड लगने के साथ बुखार आता है।
-अगर आसपास के इलाके में पहले से ही मलेरिया रहा है, तो इसकी प्रबल संभावना रहती है।
जांच के तरीके
मलेरिया का पता माइक्रोस्कोपी द्वारा रक्त की जांच से लगाया जा सकता है। अगर उसमें परजीवी दिखाई देते हैं, तो बीमारी को पाजिटिव मानते हैं। इसके अलावा, रैपिड डिटेक्शन टेस्ट (आरडीटी) में रक्त के नमूने को लेकर जांच की जाती है।
दो तरह का होता है मलेरिया
पीवी और पीएफ दो तरह के प्लाज्मोडियम पाए जाते हैं। पीएफ मस्तिष्क मलेरिया की वजह बनता है, जबकि पीवी सामान्य तरह का मलेरिया है। अब पीवी के कई नए लक्षण भी उभर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में लोग थकान होने पर प्राय: इसके पीछे के कारणों को नहीं जान पाते। शरीर में खून की कमी होने लगती है, क्योंकि परजीवी उसे खत्म कर रहा होता है।
बचाव के लिए करें ये उपाय
-हमेशा ध्यान रखें कि मच्छर ना काटने पाएं।
-अगर मलेरिया हो गया है, तो पूरी दवाई लें।
-दो तरह की दवाएं दी जाती हैं। पीवी और पीएफ के लिए उपचार अलग-अलग होता है।
-यदि 14 दिनों की दवा दी जाती है, तो उसे पूरा करें, बीच में ना छोड़ें।
-सोते समय ध्यान रखें कि मच्छर ना काटे।
-आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें। कहीं पानी ना जमा होने पाए।
Next Story