लाइफ स्टाइल

कहीं लगातार मेकअप न बिगाड़ दे चेहरा

Apurva Srivastav
4 May 2023 4:12 PM GMT
कहीं लगातार मेकअप न बिगाड़ दे चेहरा
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कॉस्मेटिक से लेकर टॉवल की शेयररिंग, गंदे ब्रश, ब्लेंड व कोम्ब जैसी कुछ आदतें सैलून वाले अपनाते हैं। आप भी ऐसा करती होंगी। आज से ही ऐसी आदतों को छोड़ दें। अन्यथा ब्यूटी निखरने की जगह, बिगड़ जाएगी। आप मेकअप ब्यूटी निखारने के लिए करती हैं, लेकिन इस बात को गांठ बांध लें कि सिर्फ लीपापोती मेकअप नहीं होता है। ऐसा आप करती रहीं हैं, तो बहुत जल्द आपका चेहरा बिगड़ जाएगा। फिर उसमें चमक लौटाना संभव नहीं है।
इस बात से आपको डरा नहीं रहे, बल्कि सजग कर रहे हैं। आप जब भी मेकअप करें या ब्यूटी सर्विस के लिए सैलून जाएं, तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। कारण छोटी-छोटी लापरवाही से त्वचा संबंधित बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मेकअप कैसा भी करें, उसमें शेयरिंग नहीं करें। यारी-दोस्ती में लिपिस्टिक, काजल, कंघा, लिप ग्लॉस आदि शेयर करना आम बात है, लेकिन इंफेक्शन से बचने के लिए दोस्ती की जगह सेहत को तवज्जो देना अच्छा होगा। जरा-सी असावधानी से आप त्वचा संबंधी रोग का शिकार हो सकते हैं। यही रवैया ब्यूटी सैलून में अपनाएं।
मेकअप ब्रशेज को एक सप्ताह में एक या दो बार जरूर साफ करें। इन्हें अच्छी तरह से धोकर धूप में सुखा लें। हमेशा अपने पास दो सेट रखें, जिससे यदि एक को साफ किया हो तो दूसरे को इस्तेमाल कर सके। यदि सेट में कोई ब्रशेज टूट गया है या ज्यादा पूराना हो गया है तो उसे चेंज कर ले।
कॉम्पैक्ट के लिए इस्तेमाल होने वाला स्पॉन्ज या ब्लेंडर हो या फिर पाउडर के लिए पफ। इन्हें एक हफ्ते बाद याद से बदल लें। इन्हें भी धोकर धूप में सुखाना जरूरी है। स्पॉन्ज या ब्लेंडर में नमी रहने से फंगल इंफेक्शन हो सकता है। ऑइली एंड नॉर्मल स्किन- नॉर्मल या ऑइली स्किन है तो कोल्ड वाइपअप करें। ठंडे या बर्फ के पानी में नैपकिन डुबोकर रखें। इस नैपकिन से रात को मेकअप वाले चेहरे को साफ करें। इस तरह पोर साफ होने के साथ-साथ श्रिंक भी हो जाएंगे और इनमें गंदगी नहीं जमेगी।
ड्राय स्किन- जिन लोगों की स्किन ड्राय है, उन्हें मॉइश्चर बेस्ड क्लींजर से रोज अपना चेहरा साफ करना चाहिए। इससे उनका चेहरा और ज्यादा ड्राय नहीं होगा। ओपन पोर स्किन- ओपन पोर स्किन वालों को भी चेहरा ठंडे पानी से ही स्टरलाइज करना चाहिए। नमी वाले मौसम में खुले पोरों में ऑइल और गंदगी जमा हो जाती है, जिससे दाने आने लगते हैं।
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