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बच्चों की अच्छी परवरिश करना कोई खेल नहीं है। हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छे गुण और संस्कार देना चाहते हैं। जब एक बच्चे का जन्म होता है, तो उस के साथ ही माता-पिता का भी जन्म होता है। हालांकि बच्चे की परवरिस में कई गलतियां, एक्सपीरियंस और नई-नई पेरेंट्स को भी सीखने को मिलती हैं। इसीलिए पेरेंट्स होने के नाते आपको संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। क्योंकि आपके द्वारा की गई एक छोटी सी गलती आपके बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर डाल सकती है। वहीं पेरेंट्स के निगेटिव कमेंट्स का बच्चे पर बुरा असर पड़ता है।
अक्सर जब भी बच्चे गलतियां करते हैं तो पेरेंट्स उनको डांटने लगते हैं। कई मामलों में माता-पिता बच्चों को सजा भी देते हैं। बता दें कि बच्चे पर डांटने, मारने व निगेटिव बातों का बुरा असर पड़ता है और यह उनके कोमल मन को आहत करता है। आपके द्वारा कही गईं कुछ निगेटिव बातें बच्चे को डिप्रेशन का शिकार बना सकती हैं। ऐसे में अगर आप भी बच्चे के साथ इसी तरह का व्यवहार करते हैं, तो आपको अपनी आदत सुधारने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि हर माता-पिता इन आदतों को कैसे सुधार सकता है।
अगर आप भी बात-बात पर बच्चों को डांटते हैं तो आप खुद को थोड़ा शांत करिए। अक्सर माता-पिता बच्चे की गलती होने पर उसे डांट देते हैं, या गुस्से में कुछ ऐसा बोल जाते हैं। जिससे बच्चे के कोमल दिल पर इसका बुरा असर पड़ता है। इसलिए बच्चे को कुछ कहने या डांटने से पहले एक बार वह चीज खुद पर अप्लाई करके देखिए। अगर कोई आपके साथ ऐसा व्यवहार करता है तो आपको कैसा लगेगा। इसी तरह बच्चे को डांटने से पहले एक बार सोच-विचार जरूर कर लें।
अगर आप भी बच्चे को खाने-पीने या कपड़े आदि पहनने के स्टाइल को लेकर उसे झिड़क देते हैं या गलत शब्द कहते हैं। तो यह काफी गलत आदत है। पेरेंट्स से इस तरह की बातों से बच्चे के मन में असुरक्षा की भावना आ जाती है। इसलिए बच्चे को डांटने या निगेटिव कमेंट करने की जगह उसे प्यार से समझाएं। आप उसे सही तरीके से खाने, बात करने व कपड़े पहनने आदि के तरीकों के बारे में बता व सिखा सकते हैं।
हर माता-पिता अपने बच्चे को लेकर काफी प्रोटेक्टिव होते हैं। ऐसे वह बच्चे से कई उम्मीदें पाल लेते हैं। वह चाहते हैं कि बच्चे हर जगह अपना बेहतर प्रदर्शन करें। लेकिन हर बार ऐसा जरूरी नहीं होता है। अगर बच्चा एग्जाम में फेल होता है, या उसके कम नंबर आते हैं तो उस पर निगेटिव कमेंट करने से बचना चाहिए। क्योंकि एक कहावत है कि इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है। इसलिए बच्चे को भी थोड़ी-बहुत गलती करने दें।
कई बार जब पेरेंट्स बच्चों को उनकी गलती के लिए डांट देते हैं, तो बच्चा रोने लगता है। वहीं बच्चे को रोता देख पेरेंट्स भी अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बच्चे को चुप करवाने लगते हैं। लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको एक बार सोचने की जरूरत है। क्योंकि कई बार बच्चों को रोने देना भी जरूरी होता है। इसलिए बच्चे को बिना कारण न मनाएं।
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