लाइफ स्टाइल

हाई कोलेस्ट्रॉल का ये बड़ा संकेत को आप भी ना करें नज़रअंदाज

Ritisha Jaiswal
12 Aug 2022 10:16 AM GMT
हाई कोलेस्ट्रॉल का ये बड़ा संकेत को आप भी ना करें नज़रअंदाज
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भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी के बीच तेजी से बदली लाइफस्टाइल ने लोगों को तेजी से बीमारियों की चपेट में लिया है.

भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी के बीच तेजी से बदली लाइफस्टाइल ने लोगों को तेजी से बीमारियों की चपेट में लिया है. अनियमित दिनचर्या, फिजिकल वर्कआउट ना होना और बेतरतीब खान-पान की वजह से इसका सबसे ज्यादा असर दिल की सेहत (Heart Health) पर भी पड़ा है. हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की वजह से दिल संबंधी बीमारियों में तेजी से इजाफा हुआ है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक दुनियाभर में हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से आने वाले हार्ट अटैक और स्ट्रोक से 2.6 मिलियन मौतें हो रही हैं.

कई बार सेहतमंद नजर आने वाला व्यक्ति भी हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हो सकता है. कई बार हाई कोलेस्ट्रॉल होने के बावजूद भी शरीर में कोई लक्षण नज़र नहीं आ सकते हैं. हालांकि लंबे वक्त तक इसका इलाज ना किए जाने से आर्टरीज़ ब्लॉक होने का खतरा पैदा हो जाता है.
इस बड़े संकेत को ना करें नज़रअंदाज़
इस बात को जानकर शायद आप हैरान हो सकते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल का लंबे वक्त तक इलाज ना करने पर Atherosclerosis की स्थिति बन सकती है. मायोक्लीनिक डॉट ओआरजी के अनुसार इस कंडीशन में आर्टरीज़ में प्लाक जमा होने लगता है और इससे आर्टरीज़ ब्लॉक हो जाती हैं और पैरों को मिलने वाला ब्लडफ्लो का सप्लाई रुक जाता है. ऐसे में पैरों में ब्लड फ्लो का कम होना भी बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है. इसे कंडीशन को पैरिफेरल आर्टेरियल डिजीज (PAD) भी कहा जाता है.
जानिए क्या है कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल हमारे ब्लड में एक वैक्सी सब्सटेंस होता है जो शरीर में हेल्दी सेल्स का निर्माण करने में मदद करता है. सामान्य तौर पर दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. पहला लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) जिसे बेड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, वहीं दूसरा हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (DHL) होता है जो गुड कोलेस्ट्रॉल कहलाता है. जब खून में अधिक मात्रा में बैड कोलेस्ट्रॉल हो जाता है तो ये प्लाक का निर्माण करता है जो कि आगे चलकर हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों में ब्लड फ्लो को प्रभावित कर सकता है. इस क्लॉटिंग की वजह से ही हार्ट अटैक या स्ट्रोक भी आता है.


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