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हेल्थ टिप्स Health Tips: हमारे दिल की सेहत पर न सिर्फ खानपान, बल्कि जीवनशैली का भी गहरा असर पड़ता है। मिनी हार्ट अटैक, जिसे 'साइलेंट हार्ट अटैक' भी कहा जाता है, दिल की गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है, और यह बिना किसी चेतावनी के भी आ सकता है। हार्ट एक्सपर्ट के अनुसार, मिनी हार्ट अटैक की पहचान करना और समय पर उपचार लेना महत्वपूर्ण होता है। यह लेख मिनी हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों, उन लोगों के लिए विशेष जोखिम और इस स्थिति से बचाव के उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है। जानिए कैसे आप मिनी हार्ट अटैक के संकेतों को पहचान सकते हैं और अपने दिल की सेहत को बनाए रख सकते हैं।
मिनी हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट एक्सपर्ट अवधेश शर्मा के अनुसार, "मिनी हार्ट अटैक को कम गंभीरता वाला Heart Attack माना जाता है। इस दौरान धमनियों में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आती है। हार्ट की आवश्यकता के मुकाबले, मांसपेशियों को ब्लड की 20 से 30 प्रतिशत आपूर्ति की जाती है।"
मिनी हार्ट अटैक के लक्षण
पेट में परेशानी
मिनी हार्ट अटैक के दौरान गैस, बदहजमी, पेट में जलन और पेट का भारी होना जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। यह स्थिति आमतौर पर गैस की समस्या के रूप में देखी जाती है, लेकिन यह मिनी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
सांस फूलना
चलने-फिरने के दौरान सांस फूलने की समस्या मिनी हार्ट अटैक का एक प्रमुख लक्षण है। लोग अक्सर इसे लंग्स की कमजोरी से जोड़ते हैं, लेकिन यह वास्तव में मिनी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
घबराहट महसूस होना
मिनी हार्ट अटैक आने पर बिना किसी स्पष्ट कारण के घबराहट महसूस होती है। साथ ही, व्यक्ति का मन काफी बेचैन रहता है, जो इस स्थिति का एक और संकेत हो सकता है।
कमजोरी महसूस होना
बिना किसी कारण के कमजोरी महसूस होना भी मिनी हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है। यह स्थिति व्यक्ति को चलने-फिरने में परेशानी दे सकती है।
छाती में असहजता
छाती में असहजता या दबाव की अनुभूति भी मिनी हार्ट अटैक का एक संकेत हो सकता है। यह महसूस हो सकता है कि छाती पर भारीपन या जकड़न हो रही है।
दर्द की असामान्य स्थिति
कभी-कभी, मिनी हार्ट अटैक के दौरान दर्द गर्दन, पीठ, या बाहों में भी महसूस हो सकता है। यह दर्द अचानक और असामान्य हो सकता है, जो आमतौर पर दिल की समस्याओं से जुड़ा होता है।
पसीना आना
मिनी हार्ट अटैक के दौरान अत्यधिक पसीना आना भी एक लक्षण हो सकता है। यह पसीना ठंडा और चिपचिपा हो सकता है, जो सामान्य स्थितियों में नहीं होता है।
उल्टी का आना
कुछ लोगों को मिनी हार्ट अटैक के दौरान मतली या उल्टी की अनुभूति हो सकती है। यह लक्षण पेट में असहजता के साथ भी जुड़ा हो सकता है।
किन लोगों को है अधिक खतरा?
मिनी हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को होता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, डायबिटीज के मरीज हैं या बुजुर्ग हैं। इसके अतिरिक्त, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और तनाव भी मिनी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार के लोगों को नियमित रूप से हार्ट चेकअप करवाना चाहिए और अपनी सेहत पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
मिनी हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
- स्वस्थ आहार: संतुलित आहार लेना, जिसमें फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हों, दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने से दिल की सेहत बेहतर रहती है।
- तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और तनाव प्रबंधन तकनीकों का पालन करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें: इन आदतों से दिल की सेहत पर negative प्रभाव पड़ता है।
मिनी हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना और समय पर उपचार लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें और अपनी सेहत पर ध्यान दें। मिनी हार्ट अटैक की स्थिति को गंभीरता से लेकर उचित कदम उठाना, आपके दिल की सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है।
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