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लाइफ स्टाइल
शिशु की सेहत को न पहुंचे कोई नुकसान, इसलिए फीड कराते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
Gulabi
3 March 2021 3:38 PM GMT
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जन्म के बाद छह महीने तक शिशु की निर्भरता मां के दूध पर होती है, उसे पोषण मां के दूध से ही मिलता है
जन्म के बाद छह महीने तक शिशु की निर्भरता मां के दूध पर होती है. उसे पोषण मां के दूध से ही मिलता है. ऐसे में बच्चे को फीड कराने वाली महिलाओं को छह माह तक कुछ चीजों से से परहेज करने की सलाह दी जाती है. क्योंकि मां के खानपान का सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है. यहां जानिए उन चीजों के बारे में जिनसे महिला को छह माह तक दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
मूंगफलीः यदि फैमिली हिस्ट्री में किसी को एलर्जी रही है तो इस बीच मांएं मूंगफली से परहेज करें क्योंकि इससे बच्चे को चकत्ते या एलर्जी की समस्या हो सकती है.
खट्टी चीजेंः खट्टे फल, नींबू या अन्य खट्टी चीजे वैसे तो विटामिन सी का सोर्स हैं, लेकिन इनकी अधिकता बच्चे का पेट खराब कर सकती है. इससे उसे खाना पचाने में समस्या हो सकती है. पेट में दर्द हो सकता है. इसलिए इन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं.
कॉफीः यदि कोल्ड कॉफी या हॉट कॉफी बहुत पसंद करती हैं तो ऐसे समय पर इसे बहुत कम कर दें. कॉफी में कैफीन पाया जाता है. यदि दूध के माध्यम से ज्यादा कैफीन बच्चों के पेट में पहुंचेगी तो उन्हें नींद कम आएगी और वे चिड़चिड़े होंगे.
लहसुनः लहसुन वैसे तो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है लेकिन यदि ज्यादा खाया जाए तो इसकी गंध मां के दूध में भी आ जाती है. इससे कभी-कभी बच्चे दूध पीना बंद कर देते हैं और भूख लगने पर दूध नहीं पी पाते तो रोते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं.
मूली, गोभी और पत्तागोभीः ये सब्जियां गैस बनाती हैं. यदि समस्या मां को होगी तो संभव है बच्चे पर भी असर हो इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में ही खाएं. रात के समय इन्हें पूरी तरह नजरअंदाज करें.
Gulabi
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